विश्व (The Universe)
सामान्य परिचय (General Introduction)
आकाश और अन्य खगोलीय पिण्ड-चमकता हुआ सूर्य ,चन्द्रमा व टिमटिमाते तारे ,पृथ्वी के निवासियों को सदैव आकर्षित करते रहते हैं। प्राचीन समय से ,खगोलीय मनुष्यों पर ग्रह व तारों की स्थिति के प्रभाव का अध्ययन करते हैं। वैज्ञानिक अपनी क्षमतानुसार प्रकृति के रहस्य को उद्घटित करते में प्रयत्नरत हैं। आगे हम इसी के बारे में विस्तृत से पढ़ेंगे-
विश्व क्या होता है? (What is the world?)
जब हम साफ़ मौसम में आकाश की ओर देखते हैं तो हमें क्या दिखाई देता है? दिन के समय हम सूर्य देखते हैं। साफ़ ,मेघरहित रात में ,जब हम आकाश की ओर देखते हैं तब हम क्या प्रेषण करते हैं ? मेघरहित रात्रि में हम आकाश में तारे ,चन्द्रमा तथा कुछ ग्रह देखते हैं। कभी -कभी आकाश में पुच्छल तारा या उल्का पिण्ड (उल्का) भी दिखाई दे सकते हैं।
बृहत ,अन्तहीन अन्तरिक्ष जिसमें पृथ्वी और उसके चारों ओर पाए जाने वाले खगोलीय पिण्ड सम्मिलित रहते हैं ,विश्व कहलाते हैं। अतः विश्व के अंतर्गत अभी तारे ,सूर्य व उनके चन्द्रमा ,उल्का पिण्ड ,पुच्छल तारे ,रिक्त स्थान तथा उसके मध्य गैस आदि सम्मिलित होते हैं। हमारी पृथ्वी ,विश्व में एक क्षुद्र कण है।
विश्व में दूरियाँ (Distance in the Universe)
अन्तरिक्ष में ग्रह और तारे एक-दूसरे से बहुत अधिक दूरियों पर होता हैं। सबसे नजदीकी तारे भी कई करोड़ किलोमीटर द्वारा सुविधापूर्वक अभिव्यक्त नहीं की जा सकती। खगोलीय पिण्डों के मध्य की दूरी को व्यक्त करने के लिए प्रायः प्रकाश-वर्ष मात्रक का प्रयोग किया जाता है।
सौरमण्डल में दूरी का प्रमुख मात्रक खगोलीय इकाई है एक खगोलीय इकाई सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी अर्थात 149,600,000 किलोमीटर के बराबर होती है।
एक वर्ष में प्रकाश द्वारा तय की गई दूरी एक प्रकाश-वर्ष कहलाता है।
प्रकाश-वर्ष दूरी (Distance) का मात्रक है।
प्रकाश वर्ष की परिभाषा -
एक प्रकाश वर्ष = प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी।
प्रकाश वर्ष को मापने का सूत्र -
एक प्रकाश वर्ष =प्रकाश द्वारा एक सेकेण्ड में तय की गई दूरी ✖ एक वर्ष ें सेकण्ड की संख्या
अतः एक प्रकाश वर्ष 9460 खरब किलोमीटर की दूरी के बराबर हुआ।
पृथ्वी से कुछ तारों की दुरी इस प्रकार है -
सूर्य : 8.3 प्रकाश मिनट
प्रॉक्सिमा सेन्टारी : 4.3 प्रकाश मिनट
लुब्धक या सीरियस (Sirus) : 8.7 प्रकाश मिनट
रात्रि समय में आकाश (Night Sky)मेघरहित रात्रि में हम आकाश में तारे ,चंद्रमा तथा कुछ ग्रह देखते हैं। कभी-कभी रात्रि के समय में आकाश में पुच्छल तारे व उल्कापिण्ड भी दिखाई देते हैं।
साफ रात्रि में ,हम अपनी आँखों से लगभग 2500 तारे देख सकते हैं। दूरबीन की मदद से हम और अधिक तारे देख सकते हैं । तारे ,चंद्रमा सूर्य ग्रह (पृथ्वी के अतिरिक्त), पुच्छल तारे ,उल्काएँ, उल्का पिण्ड आदि आकाशीय अथवा खगोलीय पिण्ड कहलाते हैं।
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