क्षुद्रग्रह (Asteroids), पुच्छल तारे (Comets):- Definition, Structure | Hindi


क्षुद्रग्रह क्या होते हैं (What are asteroids ?)

क्षुद्रग्रह (Asteroids), पुच्छल तारे (Comets):- Definition, Structure | Hindi

क्षुद्रग्रह सूर्य के चारों ओर ,मंगल तथा बृहस्पति ग्रह की कक्षाओं के मध्य घूमने वाले पत्थरों के पिण्ड हैं ।क्षुद्रग्रहों की संख्या लगभग एकलाख है ।सबसे विशाल क्षुद्रग्रह ,सीरिस (Ceres) कहलाता है जिसका अर्धव्यास 350 किलोमीटर है जबकि सबसे छोटा क्षुद्रग्रह आकार में लगभग 100 मीटर है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि क्षुद्रग्रह किसी विशाल ग्रह के टुकड़े हैं जो बृहस्पति ग्रह के गुरुत्वाकर्षण से टूट गए हैं।


पुच्छल तारे क्या होते हैं  (What are Comets?)

पुच्छल तारे वे खगोलीय पिण्ड हैं जो सूर्य के चारों ओर बहुत बड़ी कक्षा में परिक्रमा करते हें। पुच्छल तारा सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने में अधिक समय लेता है इसलिए इसकी परिक्रमा की अवधि बहुत लंबी होती है।

क्षुद्रग्रह (Asteroids), पुच्छल तारे (Comets):- Definition, Structure | Hindi

पुच्छल तारा  पदार्थों का एक विशाल बंधन रहित समूह है और एक चमकदार पूँछ  युक्त गेंद की तरह दिखलाई देता है। पुच्छल तारे का शीर्ष भाग कणों  से निर्मित होता है जो सूर्य की ओर आकर्षित रहता है। पूँछ अथवा  पृष्ठ भाग धूल व गैस से निर्मित रहता है। पुच्छल तारे कीपूँछ सदैव सूर्य से अलग रहती है जैसे-जैसे पुच्छल तारा सूर्य के निकट आता है वैसे-वैसे पूँछ लंबी होती जाती है।

जब पुच्छल तारा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तब यह हवा के घर्षण द्वारा उत्पन्न गर्मी से जल जाता है। जलता हुआ पुच्छल तारा उल्काओं की वर्षा उत्पन्न करता है। हेली का पुच्छल तारा जो वर्ष 1986 में अंतिम बार देखा गया की अवधि 76 वर्ष है।


Short Notes*
  1. क्षुद्रग्रह सूर्य के चारों ओर मंगल और बृहस्पति ग्रह की कक्षा के मध्य, घूमने वाले पत्थरों के टुकड़े हैं।
  2. पुच्छल तारे वे खगोलीय पिण्ड हैं जो सूर्य के चारों ओर बहुत बड़ी कक्षा में परिक्रमा करते हैं। पुच्छल तारा, चमकदार पूँछ युक्त एक चमकीली गेंद की तरह दिखाई देता है।

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