हर्डमेनिया (Herdmania)
हर्डमेनिया कोर्डेटा (Chordata) संघ का एक जीव है। Herdmania pallida एक एकान्त तथा गतिहीन समुद्र में पाया जाने वाला जीव हैं। यह कभी-कभी Xanchus प्रजाति (शंख और शंख) जैसे gastropod के shells के साथ सहवास के रूप में भी रहते हैं। आज नीचे हम इसके वर्गीकरण तथा लक्षणों के बारे में जानेंगे।
हर्डमेनिया का वर्गीकरण (Classification of Herdmania)
संघ (Phylum) - कोर्डेटा (Chordata)
समूह (Group) - प्रोटोकॉर्डाटा (Protochordata)
उपसंघ (Subphylum) - यूरोकॉर्डाटा (Urochordata)
वर्ग (Class) - एसिडियासिया (Ascidiacea)
गण (Order) - एसिडिया सिंपलीस (Ascidiae simplices)
श्रेणी (Genus) - हर्डमेनिया (Herdmania)
हर्डमेनिया के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं -
2. यह दूसरे जानवरों से postero ventral end पर उपस्थित foot के द्वारा जुड़ता है।
3. इसका शरीर रूपरेखा में लगभग तिरछा, 9.5 से 12 सेमी लंबा और 5.2 से 6.9 सेमी चौड़ा होता है जोकि एक नरम चमड़े के अंगरक्षक में बंद रहता है जो ट्यूनिसिन और प्रोटीन से बनी होता है।
4. इसके शरीर के fresh specimen का रंग गुलाबी होता है।
5. इसके शरीर के मुक्त सिरे (antero-dorsal) पर branchial तथा atrial apertures होते हैं जोकि branchial and atrial siphons के ऊपर स्थित होते हैं।
6. इसका मुँह branchial aperture के छिद्र से खुलता है, जबकि गुदा atrial aperture के छिद्र से खुलता है।
7. इसकी ग्रसनी अनेक वर्तिकाग्रों द्वारा छिद्रयुक्त थैलीनुमा होती है।
8. इसकी आहार नाल U आकार की होती है। यह भोजन में मुख्य रूप से सूक्ष्म पौधे और जानवर, जैसे डायटम, शैवाल और इन्फ्यूसोरियन को खाता हैं।
9. इसमें श्वसन branchial sac के द्वारा होता है। इसका Test भी एक सहायक श्वसन अंग के रूप में कार्य करता है।
इसका उत्सर्जी अंग तंत्रिका नाड़ीग्रन्थि के ऊपर स्थित तंत्रिका ग्रंथि होती है।
10. इसका लिंग संयुक्त या उभयलिंगी होता है। इसमें केवल एक जोड़ी Gonads पाए जाते हैं।
11. इसमें बाह्य निषेचन होता है। इसके विकास में एक मुक्त-तैराकी टैडपोल लार्वा शामिल है जिसमें कॉर्डेट के सभी लक्षण (पृष्ठीय तंत्रिका कॉर्ड, और नॉटोकॉर्ड) उपस्थित होते हैं।
12. इसका रूपांतरण retrogressive होता है जिसमें nerve cord, notochord तथा tail, tail fins के साथ नष्ट हो जाती है। जिसके कारण यह कॉर्डेट characters को खो देता है।
13. Herdmania pallida भारतीय, प्रशांत और अटलांटिक महासागरों में और माल्या तथा वेस्ट इंडीज में भी पाया जाता है।
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