सूत्री विभाजन(Mitosis)
खोज(Discovery)
- सूत्री विभाजन की खोज "W. Flemming" ने की थी।
- सूत्री विभाजन में एक कोशिका दो कोशिकाओं में विभाजित हो जाती। जितनी Chromosome संख्या Mother cell की होती है उतनी ही Chromosome संख्या Daughter cell की होती है।
- सूत्री विभाजन केवल कायिक कोशिकाओं (Vegetative Cells) में पाया जाता है।
सूत्री विभाजन दो अवस्थाओं में होता है-
- Karyokinesis
- Cytokinesis
Karyokinesis
इसमें केन्द्रक का विभाजन होता है। यह दो चरणों में होती है-
- Inter Phase
- M-Phase या Division Phase
- Inter Phase- इस अवस्था में केन्द्रक विभाजित होने की तैयारी होती है। इसे तीन अवस्थाओं में बांटा गया है -
- G1 Phase
- S Phase
- G2 Phase
- G1 Phase- इस अवस्था में RNA तथा Protein का संश्लेषण होता है।
- S Phase- इस Phase में DNA का Replication तथा RNA का Duplication होता है।
- G2 Phase- इस अवस्था में केन्द्रक विश्राम करता है।
- M-Phase या Division Phase- इस अवस्था में केन्द्रक का विभाजन होता है। इस विभाजन में चार अवस्थाएँ होती है-
- Prophase
- Metaphase
- Anaphase
- Telophase
Prophase
- यह केन्द्रक विभाजन की पहली अवस्था है। केन्द्रक झिल्ली तथा केन्द्रिका लुप्त हो जाती है और क्रोमैटिन धागे शेष बचते हैं।
- जैसे ही Centrosome में DNA का Replication तथा RNA का Duplication हो जाता है वैसे ही Centrosome दो भागों में बंट जाता है जसे Diplosome कहते है।
- Diplosome के बनते ही Nuclear Membrane तथा Nucleolus नष्ट हो जाते है Centrosome दोनों ध्रुवों पर पहुंच जाते है। Centriole के द्वारा spindle fibre का निर्माण होता है जिसमें Centromeras के द्वारा Chromosome जुड़ा होता है।
- इस Phase में Cell के Chromosome के Size की जाँच करते है।
Metaphase
- दोनों Centriole Spindle Fibre को अपनी ओर खींचता है जिसके कारण Chromosome दो बराबर भागों में बँट जाता है। यह विभाजन की दूसरी अवस्था है।
Anaphase
- Spindle Fibre धीरे-धीरे Centriole की ओर खिंचता जाता है और Chromosome Centriole की तरफ पहुँच जाता है। इसे Anaphase कहते है। यह विभाजन की तीसरी अवस्था होती है।
Telophase
- यह विभाजन की तीसरी व अंतिम अवस्था है। Chromosome दोनों ध्रुवों पर पहुँच जाता है। इन Chromosome के चारों और केन्द्रक झिल्ली का निर्माण ER के द्वारा होता हो जाता है और स्वयं बन जाती है।
Cytokinesis के द्वारा कोशिकाद्रव्य का विभाजन होता है। कोशिकाद्रव्य का विभाजन
दो विधियों से होता है-
- By Furrowing
- By Cell Plate
- By Furrowing- इस प्रकार का विभाजन Animal Cells में होता है। दो केंद्रकों के मध्य कोशिका द्रव्य में एक पतली दरार सी बन जाती है जिसे Furrow हैं और इस दरार वाले स्थान से कोशिकाद्रव्य दो भागों में विभाजित हो जाता है।
- By Cell Plate- इस प्रकार का विभाजन Plant Cell में पाया जाता है। केन्द्रक विभाजन के बाद कोशिकाद्रव्य में Golgi Bodies के द्वारा Cell Plate का निर्माण होता है। यह Cell Plate दोनों केंद्रकों के बीच बनता है और धीरे-धीरे वृद्धि करके दोनों और पहुँचता है।
सूत्री विभाजन, समय एवं तापक्रम (Mitosis,Time and Temperature)सूत्री विभाजन पूर्ण होने में आधे घण्टे से 2 घण्टे तक का समय लगता है ,परन्तु समय पर तापक्रम का प्रभाव पड़ता है। जितना अधिक तापक्रम होता है सूत्री विभाजन उतने ही काम समय में होता है जबकि कम तामक्रम पर यही विभाजन अधिक समय में पूरा होता है।
सूत्री विभाजन का महत्त्व (Significance of Mitosis)
- इस क्रिया में एक कोशिका से दो संतति कोशिकाएं बनती हैं।संतति कोशिकाएं (Daughter Cells) सभी प्रकार से समान होती है।
- सन्तति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या Mother Cell के बराबर होती है।
- यह कोशिका विभाजन प्राणियों के वृद्धि भागों में होती है। अतः इसी के फलस्वरूप वृद्धि होती है तथा ऊतकों का निर्माण होता है।
- सूत्री विभाजन लैंगिक जनन(Sexual reproduction) के लिए आधार प्रदान करता है। इस क्रिया में युग्मकों(Couplers) के संयोजन के बिना,एक ही प्राणी से नया प्राणी बनता है।
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