तारामण्डल (Constellations) कुछ तारे , समूह में किसी विशिष्ट आकृति के रूप में दिखाई देते हैं। ऐसी अनेकों आकृतियां तारामण्डल कहलाती हैं। भारतीय शब्दावली में तारामण्डल नक्षत्र भी कहलाता है।अभी तक 88 तारामण्डल को पहचाना व नाम दिया जा चुका है।
• तारामण्डल में सभी तारे समूह में दिखाई देते हैं।
• तारामण्डल की आकृति सदैव एक सी रहती है।
• तारामण्डल आकाश में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चलते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है।
• तारामण्डल का नामकरण उस आकृति पर किया जाता है जिससे वह मिलती जुलती है।
कुछ तारे , समूह में किसी विशिष्ट आकृति के रूप में दिखाई देते हैं। ऐसी अनेकों आकृतियां तारामण्डल कहलाती हैं। भारतीय शब्दावली में तारामण्डल नक्षत्र भी कहलाता है।अभी तक 88 तारामण्डल को पहचाना व नाम दिया जा चुका है।
• तारामण्डल में सभी तारे समूह में दिखाई देते हैं।
• तारामण्डल की आकृति सदैव एक सी रहती है।
• तारामण्डल आकाश में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चलते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है।
• तारामण्डल का नामकरण उस आकृति पर किया जाता है जिससे वह मिलती जुलती है।
कुछ तारामण्डलों का विस्तृत विवरण इस प्रकार है-
कुछ तारामण्डलों का विस्तृत विवरण इस प्रकार है-
सप्तर्षि तारामण्डल(Ursa Major)
सप्तर्षि तारामण्डल सात चमकदार तारों से निर्मित है। ये सात तारे आकाश में एक विशाल प्रश्नचिन्ह के रूप में दिखलाई देते हैं। सप्तर्षि तारामण्डल को अंग्रेजी में अर्सा मेजर या ग्रेट बियर या बिग डिपर (Ursa Major/Great Bear, Big Dipper) नाम से जाना जाता है। इन्हें ये नाम इसलिए दिए गए हैं क्योंकि ये 7 चमकदार तारे अन्य कम चमकीले तारों के साथ मिलकर भालू नुमा अथवा हत्थी युक्त प्याली जैसी आकृति बनाते हैं। हिंदी में इसे ध्रुव मत्स्य भी कहते हैं।
सप्तर्षि तारामण्डल को अप्रैल के महीने में रात्रि के समय उत्तरी गोलार्ध में देखा जा सकता है। ध्रुव तारा आकाश में सदैव एक ही स्थान पर रहता है। यह सप्तर्षि तारामण्डल के अंतिम सिरे के दो तारों की सीध में उत्तरी दिशा पर अवस्थित रहता है। इस तारे के चारों ओर कोई तारा नहीं होता है इसे ही ध्रुव तारा कहते है।
ओरायन तारामण्डल (Orion)
ओरायन को कालपुरुष के नाम से भी जाना जाता है। ओरायन में सात अत्यंत चमकीले दो व अनेक कम चमक वाले तारे देखे जा सकते हैं। ओरायन में तारों की व्यवस्था किसी शिकारी की आकृति से मिलती है। मध्य में अवस्थित 3 तारे शिकारी की पेटी तथा 4 तारे दो ऊपर और दोपेटी के नीचे शिकारी के कंधे और पैर दर्शाते हैं।ओरायन उत्तरी गोलार्ध के आकाश में, शीतकाल में ,देर रात तक दिखलाई देता है।
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