संतुलित आहार(Balanced Diet) किसे कहते हैं? : परिभाषा, आहार की तालिका|hindi


संतुलित आहार किसे कहते हैं?

संतुलित आहार किसे कहते हैं? : परिभाषा, आहार की तालिका|hindi

संतुलित आहार की परिभाषा (Definition of Balanced Diet)

अपनी पोषण क्रिया (nutrition) में हम अपने भोजन से उन पोषक पदार्थों (nutrients) को पचाकर प्राप्त करते रहते हैं जो शरीर की कोशिकाओं के उपापचय (metabolism) में निरन्तर खपते रहते हैं। अतः हमारे शरीर की वृद्धि, स्वास्थ्य, क्रियाशीलता, उद्यमशीलता, आयु आदि लक्षण हमारे आहार की गुणवत्ता (quality) तथा मात्रा (quantity) पर निर्भर करते हैं। इसीलिए एक पुरानी कहावत है कि "तुम वैसे ही होते हो जैसा खाते हो (you are what you eat)" । स्पष्ट है कि हमारे आहार में विभिन्न प्रकार के सभी पोषक पदार्थ ऐसे अनुपात में होने चाहिए कि जिससे हमारे शरीर की सारी विभिन्न आवश्यकताओं की निरन्तर पूर्ति होती रहे। ऐसे ही आहार को संतुलित आहार (balanced diet) कहते हैं।


भोजन की ऊष्मीय गुणवत्ता (Caloric value of Food) 

भोजन की उपापचयी उपयोगिता को ऊष्मीय ऊर्जा की इकाइयों (units) में व्यक्त किया जाता है जिन्हें ऊष्मांक (calories) कहते हैं। एक छोटा ऊष्मांक (small calorie cal. or c) तापीय ऊर्जा (heat energy) की वह मात्रा होती है जो एक ग्राम जल के ताप को 1°C बढ़ा देती है। 1000 छोटे ऊष्मांकों का एक बड़ा ऊष्मांक (large calorie—kcal. or C) अर्थात् किलोऊष्मांक (kilocalorie) होता है। इसमें इतनी तापीय ऊर्जा होती है जो एक किलोग्राम जल के ताप को 1°C बढ़ा देती है।


शरीर को जीवित दशा में बनाए रखने के लिए आवश्यक ऊर्जा हमें तीन श्रेणियों के दीर्घपोषक पदार्थों-कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स तथा वसाओं के ऑक्सीकर विखण्डन अर्थात् उपापचयी जारण (अपचय) से प्राप्त होती है। एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन के उपापचयी जारण से 4 किलोकैलोरी तथा एक ग्राम वसा के अपचय से 9.3 किलोकैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।


स्वस्थ आहार (Healthy Eating) 

यदि भोजन से प्राप्त होने वाली समस्त ऊर्जा को हम निरन्तर अपनी जैविक क्रियाओं में खपाते रहें अर्थात् "ऊर्जा की आमद इसकी खपत के बराबर रहे (energy input is equal to energy output)" तो हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि प्रतिदिन की सामान्य दिनचर्या के लिए शिशुओं तथा वृद्ध व्यक्तियों को लगभग 1600, बड़े बच्चों को लगभग 2200 तथा जवान व्यक्तियों को लगभग 2800 किलोकैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती है। 

शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्तियों को श्रम की सीमा के अनुसार अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। वैज्ञानिकों ने यह भी पता लगाया है कि भारतीयों में दैनिक आवश्यकता की लगभग 50 से 60% ऊर्जा की पूर्ति कार्बोहाइड्रेट्स से, 25 से 30% की वसाओं से तथा 15% की प्रोटीन्स से होती है। इन आँकड़ों के हिसाब से हमारी भोजन सामग्री में औसतन 400 से 500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 60 से 70 ग्राम वसाएँ तथा 65 से 75 ग्राम प्रोटीन्स का होना आवश्यक होता है। 

अतः स्वस्थ, संतुलित आहार के निर्धारण के लिए पहले यह जान लेना आवश्यक होता है कि हमारी विभिन्न श्रेणियों की भोजन सामग्रियों में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स तथा वसाओं की कितनी कितनी प्रतिशत मात्राएँ होती हैं। ये मात्राएँ निम्न तालिका के अनुसार होती हैं-



संतुलित आहार किसे कहते हैं? : परिभाषा, आहार की तालिका|hindi


जैसा कि तालिका से स्पष्ट है, हमारी विभिन्न श्रेणियों की भोजन सामग्रियों में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स तथा वसाओं का विभिन्न अनुपात होता है। इसी के अनुसार विभिन्न आयु, लिंग तथा जीवन-शैली वाले शाकाहारी भारतीयों के संतुलित आहार में विभिन्न श्रेणियों की भोजन सामग्रियों की मात्राओं का ऐसा ताल-मेल होना चाहिए कि जिससे शरीर के सभी भागों की ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति होती रहे। विभिन्न भोजन सामग्रियों के ऐसे ही ताल-मेल के लिए ग्रामों (grams) में इनकी आवश्यक मात्राओं को निम्न तालिका में दर्शाया गया है—


संतुलित आहार किसे कहते हैं? : परिभाषा, आहार की तालिका|hindi


No comments:

Post a Comment