तारककाय=सेन्ट्रोसोम (Centrosome=Cell Centre)
सामान्य जानकारी (General Introduction)
- सेन्ट्रोसोम नाम का प्रयोग सबसे पहले T. Boweri ने 1888 में किया था।
- सेन्ट्रोसोम जंतु कोशिकाओं ,कुछ पौधों जैसे शैवालों ,कवकों तथा मॉस में केन्द्रक के पास पाए जाते है।
संरचना(Structure)
प्रत्येह सेन्ट्रोसोम दो जोड़े तारककेन्द्रों (Centrioles) का बना होता है प्रत्येक जोड़े के दो सेन्ट्रिओल डिप्लोसोम(Diplosome) कहलाते है तथा एक-दूसरे से 90° का कोण बनाते हुए स्थित होते है।
प्रत्येक तारककेन्द्रों (centrioles) त्रिक तन्तुओं (Triplet Fibres) के नौ समूहों (Nine Sets) का बना होता है।
यह त्रिक तन्तु एक मध्य नाभि(Hub) के चारों ओर स्थित होते है। प्रत्येक त्रिक तन्तु में तीन सूक्ष्म नलिकाएँ (Microtubules) एक रेखा में स्थित होती है।
इस प्रकार के नौ त्रिक तन्तु रवाहीन(Amorphous), इलेक्ट्रॉनडेन्स पदार्थ में धँसे रहते है। यह इलेक्ट्रॉनडेन्स पदार्थ a नलिकाओं से केंद्रों की ओर जाकर केंद्र में नाभि(Hub) से जुड़ जाता है। संपूर्ण Centrioles एक बैलगाड़ी के पहिये जैसी संरचना बनाते है।
Centrioles में RNA (सम्भवतः DNA) भी उपथित होते है लेकिन इनके कार्य अभी ज्ञात नहीं है।
तारककाय=सेन्ट्रोसोम के कार्य (Function of Centrosome)Centrioles के चारों ओर एक स्वच्छ चेरा होता है जिसे सेन्ट्रोस्फीयर(Centrosphere) कहते है।Centrioles के दो जोड़े एक Centrosphere से मिलकर माइक्रोसेन्ट्रम(Microcentrum) या तारककाय (Centrosome) बनाते है।
Centrosphere के चारों ओर एस्टर(Aster=Astrophere) की करणें फैली रहती है।
![]() | |
|
तारककाय सूत्री विभाजन(Mitosis) के समय दो जोड़े Centrioles में विभाजित हो जाता है जिसमें से एक जोड़ा Centrioles एक ध्रुव (Pole) पर उसी स्थान पर रह जाता है तथा दूसरा जोड़ा Centrioles घूमकर दूसरे ध्रुव की ओर चला जाता है। इस प्रकार तारककाय (Centrosome) कोशिका विभाजन में भाग लेता है।
No comments:
Post a Comment