रेडियोएक्टिव समस्थानिक क्या है? : उनके उपयोग (Radioactive Isotopes, their Uses)|hindi


रेडियोएक्टिव समस्थानिक क्या है? :उदाहरण तथा उपयोग (Radioactive Isotopes and their Uses)
रेडियोएक्टिव समस्थानिक क्या है? : उनके उपयोग (Radioactive Isotopes, their Uses)|hindi

रेडियोएक्टिवता के अंतर्गत अब तक 117 तत्वों की खोज हो चुकी है। जिमसें लगभग सभी तत्वों के समस्थानिक ज्ञात हैं। इनमें से 83 से अधिक परमाणु क्रमांक वाले तत्वों के सभी समस्थानिक रेडियोएक्टिवता का गुण प्रदर्शित करते हैं। अन्य तत्वों के सभी समस्थानिक रेडियोएक्टिव नहीं होते हैं। किसी तत्व के वे समस्थानिक जो रेडियोएक्टिव होते हैं, रेडियोएक्टिव समस्थानिक कहलाते हैं। रेडियोएक्टिव समस्थानिक के परमाणुओं के नाभिक अस्थायी होते हैं तथा स्वतः विघटित होकर 𝛂, 𝛃 या ܓ किरणें उत्सर्जित करते हैं।


रेडियोएक्टिव समस्थानिकों के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं-
  1. कोबाल्ट-60 का प्रयोग कैन्सर की विकिरण चिकित्सा (radiation therapy) हेतु किया जाता है। 
  2. आयोडीन-31 का प्रयोग थायराइड (गले की ग्रन्थि) के कैन्सर तथा थायराइड की अन्य बीमारियों के उपचार में किया जाता है।
  3. सोडियम-24 का प्रयोग खून के प्रवाह (blood circulation) से सम्बन्धित बीमारियों की पहचान व उपचार के लिए किया जाता है।
  4. थैलियम-201 का प्रयोग दिल की बीमारियों की पहचान व उपचार के लिए किया जाता है। 
  5. आयरन-59 का प्रयोग जिगर की तिल्ली (spleen) के उपापचय (metabolism) के अध्ययन के लिए किया जाता है।
  6. फ्लुओरीन-18 युक्त फ्लुओरो-डीऑक्सी ग्लूकोस (FDG) का प्रयोग पैट स्कैन (PET scan) तथा न्यूक्लिअर मैडिसिन स्कैन (nuclear medicine scan) में किया जाता है। इसकी सहायता से शरीर में कैंसर कोशिकाओं की पहचान की जाती है।
  7. फॉस्फोरस-32 का प्रयोग रक्त कैन्सर के उपचार हेतु किया जाता है।
  8. फॉस्फोरस-32, सल्फर-35, केल्सियम-45 तथा कोबाल्ट-60 का प्रयोग कृषि क्षेत्र में फसलों की वृद्धि, खाद के चुनाव, कीटनाशकों के चुनाव, नई किस्मों के विकास तथा खाद्य पदार्थों के संरक्षण हेतु किया जाता है।
  9. कोबाल्ट-60 का प्रयोग धातु के टुकड़े की भीतरी दरारें ज्ञात करने व उनकी मोटाई नापने हेतु भी किया जाता है। 
  10. यूरेनियम-238 के रेडियोएक्टिव गुणों की सहायता से खनिजों, पत्थरों व पृथ्वी की आयु का निर्धारण किया जाता है। 
  11. कार्बन-14 के रेडियोएक्टिव गुणों की सहायता से लकड़ी के टुकड़ों तथा अन्य कार्बनिक पदार्थों जैसे जीवाष्मों (fossils) की आयु का निर्धारण किया जाता है। लकड़ी के टुकड़ों व अन्य पदार्थों की आयु ज्ञात करने की इस विधि को रेडियोकार्बन डेटिंग (radiocarbon dating) कहते हैं।
  12. प्राकृतिक यूरेनियम (0.7% यूरेनियम-235), परिष्कृत यूरेनियम (3.3% से 95% यूरेनियम-235), प्लूटोनियम-239, यूरेनियम-233 तथा कुछ अन्य रेडियोएक्टिव पदार्थों का प्रयोग नाभिकीय रिएक्टरों (परमाणु भट्टियों) में ईंधन के रूप में किया जाता है। परमाणु भट्टियों से अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है। जिसे परमाणु ऊर्जा या नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं। इसका उपयोग जनहित के कार्यों जैसे विद्युत् उत्पादन में तथा समुद्री जहाज, पनडुब्बियों व रॉकेटों को चलाने में किया जाता है। परमाणु बम परमाणु ऊर्जा का एक अवांछित उपयोग है। परमाणु बम का निर्माण नाभिकीय रिएक्टरों की कार्य प्रणाली पर आधारित है।
  13. रेडियोएक्टिव समस्थानिकों का प्रयोग अनेकों रासायनिक व जैव-रासायनिक अभिक्रियाओं तथा भौतिक प्रक्रियाओं के अध्ययन के लिए भी किया जाता है। इस क्रिया के प्रारम्भ में किसी उपयुक्त रेडियोएक्टिव समस्थानिक की अल्प मात्रा को अन्य पदार्थों के साथ मिश्रित कर लिया जाता है। चूँकि रेडियोएक्टिव समस्थानिकों के रासायनिक गुण स्थायी नाभिक के रासायनिक गुणों के समान होते हैं, अतः रेडियोएक्टिव समस्थानिकों की उपस्थिति क्रिया की प्रयोगात्मक परिस्थितियों को अन्यथा प्रभावित नहीं करती है। रेडियोएक्टिव समस्थानिक को अन्य पदार्थों के साथ मिश्रित करने के कुछ समय बाद विभिन्न स्थानों या यौगिकों में रेडियोएक्टिवता की पहचान तथा माप कर लेते हैं। इस आधार पर उस क्रिया के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। इस प्रकार के अध्ययनों में प्रयुक्तं रेडियोएक्टिव समस्थानिकों को रेडियोएक्टिव ट्रेसर्स (radioactive tracers) या ट्रेसर तत्व (tracer elements) कहते हैं तथा रेडियोएक्टिव समस्थानिक को स्थायी समस्थानिक के साथ सम्मिलित किए जाने की क्रिया को लेबल लगाना (labelling) या tagging कहते हैं।
उपर्युक्त उपयोगों के अंतर्गत हम रेडियोएक्टिव समस्थानिकों का प्रयोग कुछ गंभीर बीमारियों तथा अनेकों जैविक तथा जैव-रासायनिक अभिक्रियाओं के अध्ययन के लिए करते हैं। 


इन्हें  भी पढ़ें -

No comments:

Post a Comment