स्थिर या निश्चित अनुपात के नियम के अनुसार -
प्रत्येक रासायनिक यौगिक में चाहे वह किसी भी विधि से बनाया या प्राप्त किया जाये, तत्वों के द्रव्यमानं एक निश्चित अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
स्थिर अनुपात के नियम को निम्नलिखित उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
- जल हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का यौगिक है। यह नदी, कुओं, समुद्र, वर्षा आदि प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। प्रयोगशाला में इसे हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के संश्लेषण की रासायनिक अभिक्रिया से प्राप्त किया जा सकता है। दोनों स्त्रोतों से प्राप्त जल के विश्लेषण (analysis) से यह ज्ञात होता है कि इसमें हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमान सदैव 1: 8 के अनुपात में होते हैं।
- कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन तथा ऑक्सीजन नामक तत्वों का यौगिक है। यह यौगिक सामान्य ताप पर एक गैस है। यह गैस वायुमण्डल में पायी जाती है। प्रयोगशाला में इसे कार्बन को वायु में जला कर, कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करके, सोडियम कार्बोनेट से तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से, आदि विधियों से प्राप्त किया जा सकता है। किसी भी रीति से प्राप्त कार्बन डाइऑक्साइड के विश्लेषण (analysis) से यह ज्ञात होता है कि इसमें कार्बन तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमान से सदैव 12 : 32 के अनुपात में होते हैं।
समस्थानिकों की खोज से यह ज्ञात हुआ है कि एक ही तत्व के परमाणुओं के द्रव्यमान भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। अतः विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किसी यौगिक के विभिन्न नमूनों में उसके अवयव तत्वों के विभिन्न समस्थानिकों का अनुपात भिन्न हो सकता है। अतः विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किसी यौगिक के विभिन्न नमूनों में उसके अवयव तत्वों की मात्राओं का अनुपात भी भिन्न हो सकता है। यह स्थिर अनुपात नियम के विरुद्ध है।
वस्तुस्थिति यह है कि विभिन्न स्रोतों या विधियों से प्राप्त किसी यौगिक के विभिन्न नमूनों में प्रत्येक तत्व के समस्थानिकों का अनुपात साधारणतया नियत होता है। अतः सामान्य अवस्थाओं में स्थिर अनुपात का नियम संदिग्ध नहीं है।
आधुनिक परमाणुवाद के आधार पर स्थिर अनुपात के नियम को इस रूप में लिखा जा सकता है- "किसी यौगिक में उसके अवयव तत्वों के परमाणुओं का अनुपात सदैव नियत रहता है।"
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