रन्ध्र (Stomata) |
रन्ध्र की परिभाषा (Definition of Stomata)
रन्ध्र (Stomata) पौधों की बाह्यत्वचा में पाये जाने वाले अत्यन्त सूक्ष्म छिद्र हैं। प्रत्येक छिद्र दो वृक्काकार = अर्धचन्द्राकार (kidney-shaped = semilunar) बाह्यत्वचा कोशाओं से घिरा रहता है जिन्हें रक्षक-कोशिकाएँ (guard cells) कहते हैं। कुछ एकबीजपत्री पौधों, जैसे दूब घास, मक्का में guard cells एक डुगडुगी के आकार की होती हैं।
➤ Guard cells से बाहर, परन्तु उनसे संलग्न बाह्यत्वचा की कुछ कोशिकाएँ अधिकतर बाह्यत्वचा कोशाओं से भिन्न आकार की होती हैं। इन्हें कोशिकाएँ (accessory cells) अथवा सबसिडियरी कोशाएँ (subsidiary cells) कहते हैं। guard cells जीवित होती हैं और इनमें हरितलवक (chloroplast) पाये जाते हैं।
➤ साधारणतया द्विबीजपत्री (dicotyledonous) पौधों की पत्तियों में स्टोमेटा बिखरे हुए रहते हैं। जबकि एकबीजपत्री (monocotyledonous) पौधों की पत्तियों में ये समानान्तर कतारों में विन्यासित रहते हैं।
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➤ काष्ठीय पौधों की पृष्ठाधरी (dorsiventral) पत्तियों में ये प्रायः केवल निचली सतह पर मिलते हैं और शाकीय पौधों में जिनमें समद्विपार्श्विक (isobilateral) पत्तियाँ होती हैं रन्ध्र पत्तियों की दोनो सतहों पर पाये जाते हैं।
➤ एक पत्ती पर रन्ध्रों (stomata) की संख्या 23 से 1038 प्रति वर्ग मिमी तक हो सकती है, यद्यपि अधिकतर पौधों में यह संख्या 50 से 300 के बीच होती है। पूर्ण पत्ती के क्षेत्रफल का लगभग 1 से 2 प्रतिशत भाग रन्ध्रों से घिरा रहता है।
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➤ रन्ध्र (Stomata) पत्तियों की दोनों सतहों पर पाये जाते हैं, किन्तु निचली सतह पर इनकी अधिकता होती है। जल पर तैरने वाले पौधों की पत्तियों पर ये ऊपरी सतह पर ही सीमित रहते हैं।
➤ जल-निमग्न (submerged) पौधों में या तो रन्ध्र (Stomata) अनुपस्थित होते हैं या निष्क्रिय (non-functional) रन्ध्र (Stomata) पाये जाते हैं। शुष्क स्थानों पर उगने वाले पौधों जैसे कनेर (Nerium), चीड़ (Pinus), आदि में रन्ध्र सतह पर न होकर गड्ढों या खाँचों (groove) में धँसे (sunken) होते हैं।
➤ खाँचों में धँसे होने के कारण ये हवा के सीधे सम्पर्क में नहीं रहते जिससे वाष्पीकरण की क्रिया मन्द पड़ जाती है। रन्ध्र (Stomata) के द्वारा गैसीय अवयवों का आदान-प्रदान होता है। छिद्र के ठीक नीचे एक chamber होता है जिसे अधोरन्ध्री कोष्ठ (substomatal chamber) कहते हैं। यह अन्तराकोशीय स्थानों (intercellular spaces) से सम्बन्धित रहती है।
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ट्राइकोम्स (Trichomes)
अधिकतर पौधों की बाह्यत्वचा कोशाओं पर रोम या ट्राइकोम विकसित हो जाते हैं। ये एकल या समूहों में पाये जाते हैं। ये एककोशीय (unicellular) अथवा बहुकोशीय (multicellular) या अनेक दूसरे प्रकार के होते हैं।
(1) तारे के समान रोम (stellate hair)
(2) ग्रन्थिमय रोम (glandular hair)
(3) ग्रन्थिमय छोटे रोम (short glandular hair)
(4) फ्लोकोस रोम (floccose hair)
(5) अरटिकेटिंग रोम (urticating hair)
(6) स्टिंगिंग रोम (stinging hair)
(1) तारे के समान रोम (stellate hair)
(2) ग्रन्थिमय रोम (glandular hair)
(3) ग्रन्थिमय छोटे रोम (short glandular hair)
(4) फ्लोकोस रोम (floccose hair)
(5) अरटिकेटिंग रोम (urticating hair)
(6) स्टिंगिंग रोम (stinging hair)
आदि विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। ये रोम अत्यधिक वाष्पीकरण को कम करते हैं और पौधों की रक्षा करते हैं।
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