नेत्र की समायोजन क्षमता (Power of Accommodation)
स्तनधारियों की आँख के लेन्स में समायोजन की अपूर्व शक्ति होती है। पास और दूर की वस्तुओं को देखने के लिए लेन्स की फोकस दूरी को बदलना पड़ता है जिससे कि वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिम्ब सही स्थान पर बने। इसके लिए लेन्स के व्यास में परिवर्तन करके उसकी फोकस दूरी को बदला जाता है। लेन्स की फोकस दूरी में परिवर्तन लाने को समायोजन क्षमता (accommodation power) कहते हैं।
स्तनधारियों में समंजन विधि इस प्रकार हैः सामान्यावस्था में नेत्र दूर की वस्तुओं को देखने के लिए समंजित होता है। सिलियरी काय के पेशी तन्तु शिथिलन अवस्था (relaxation stage) में होते हैं और लेन्स को उनसे लटकाने वाले निलम्बन लिगामेंट खिंचे रहते हैं जिससे लेन्स आगे की ओर कुछ चपटा होता है। चपटे लेन्स की फोकस दूरी अधिक होती है। अतः इस अवस्था में आँख दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकती है।
पास की वस्तुओं को देखने के लिए सिलियरी काय की वर्तुल पेशियाँ सिकुड़ती हैं जिससे सिलियरी काय फैलकर चौड़ी हो जाती है और निलम्बन लिगामेंट ढीले पड़ जाते हैं। फलस्वरूप लेन्स बीच से मोटा होकर अधिक उभयोत्तल (biconvex) हो जाता है। लेन्स की अगली सतह के मध्य भाग में उभार सबसे अधिक होता है। इस प्रकार लेन्स की फोकस दूरी कम हो जाती है जिससे निकट की वस्तुओं का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बन जाता है।
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