टॉलेन परीक्षण तथा फेलिंग परीक्षण (Tollens Test and Fehling test)
टॉलेन परीक्षण- ऐल्डिहाइड को ताज़ा बने अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट विलयन (टॉलेन अभिकर्मक) के साथ गर्म करने पर सिल्वर धातु बनने के कारण चमकदार सिल्वर दर्पण बन जाता है। ऐल्डिहाइड संगत कार्बोक्सिलेट ऋणायन में ऑक्सीकृत हो जाते हैं। यह अभिक्रिया क्षारीय माध्यम में संपन्न होती है।
RCHO + 2[Ag(NH₃)₂]+ + 3 ŌH→RCOŌ + 2Ag + 2H2O + 4NH3
फेलिंग परीक्षण- फेलिंग अभिकर्मक में दो विलयन फेलिंग विलयन A व फेलिंग विलयन B होते हैं। फेलिंग विलयन A जलीय कॉपर सल्फेट तथा फेलिंग विलयन B सोडियम पोटैशियम टार्ट्रेट (रोशेल लवण) होता है। परीक्षण से पूर्व दोनों विलयन समान मात्रा में मिलाए जाते हैं।
ऐल्डिहाइड को फेलिंग विलयन के साथ गर्म करने पर लाल-भूरा अवक्षेप प्राप्त होता है। ऐल्डिहाइड संगत कार्बोक्सिलेट ऋणायन में ऑक्सीकृत हो जाते हैं। ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड इस परीक्षण के प्रति प्रतिक्रिया नहीं दर्शाते हैं।
R-CHO + 2Cu²+ + 5ŌH → RCOŌ + Cu2O + 3H₂O
लाल-भूरा अवक्षेप
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