क्रियात्मक समूह (Functional Group) किसे कहते हैं? : परिचय, उदाहरण, वर्णन|hindi


क्रियात्मक समूह (Functional Group) किसे कहते हैं? : परिचय, उदाहरण, वर्णन
क्रियात्मक समूह (Functional Group) किसे कहते हैं? : परिचय, उदाहरण, वर्णन|hindi

कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित वे परमाणु या परमाणुओं के वे समूह जो उनकी क्रियाओं को मुख्य रूप से निर्धारित करते हैं, क्रियात्मक समूह कहलाते हैं।

उदाहरण के लिए
  • मेथिल ऐल्कोहॉल (CH3OH) में -CH3 तथा -OH समूह उपस्थित हैं। इस यौगिक की अधिकांश रासायनिक अभिक्रियाओं में -OH समूह भाग लेता है तथा —CH3 समूह अपरिवर्तित रहता है। अतः इस यौगिक में –OH समूह क्रियात्मक समूह है।
  • नाइट्रो-मेथेन (CH3NO2) तथा नाइट्रो-एथेन (C2H5NO2) दोनों में –NO2 समूह उपस्थित है। इन दोनों यौगिकों में उपस्थित दूसरा समूह भिन्न होने पर भी इन दोनों यौगिकों के रासायनिक गुण एक समान हैं। अतः इन दोनों यौगिकों में –NO2 समूह क्रियात्मक समूह है।
  • ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) तथा बेन्जोइक अम्ल (C6H5COOH) दोनों में –COOH समूह उपस्थित है। इन दोनों यौगिकों की अनेकों अभिक्रियाओं में -COOH समूह भाग लेता है। इन अभिक्रियाओं में -COOH समूह समान रूप से प्रभावित होता है। अतः इन दोनों यौगिकों में –COOH समूह क्रियात्मक समूह है।
कुछ प्रमुख क्रियात्मक समूहों को संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है-

1. कार्बन- कार्बन द्वि-बन्ध (Double bond) - जिन यौगिकों में कार्बन- कार्बन द्वि-बन्ध (>C = C<) उपस्थित होता है वे द्वि-बन्ध की उपस्थिति के कारण योगात्मक अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करते हैं।

2. कार्बन - कार्बन त्रि-बन्ध (Triple bond) - जिन यौगिकों में कार्बन-कार्बन त्रि-बन्ध (–C≡C—) उपस्थित होता है वे त्रि-बन्ध की उपस्थिति के कारण योगात्मक अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करते हैं।

जिन यौगिकों में कार्बन-कार्बन द्वि-बन्ध या त्रि-बन्ध उपस्थित होते हैं, उन्हें असंतृप्त यौगिक (unsaturated compounds) कहते हैं। यौगिकों द्वारा कार्बन-कार्बन द्वि-बन्ध व त्रि-बन्ध की उपस्थिति के कारण योगात्मक अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करने के गुण को असंतृप्ता (unsaturation) कहते हैं।

3. ऐल्कोहॉली समूह (Alcoholic group) -OH समूह को हाइड्रॉक्सी (hydroxy) समूह कहते हैं। जब —OH समूह किसी संतृप्त कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है तो उसे ऐल्कोहॉली समूह कहते हैं। संतृप्त कार्बन परमाणु का अभिप्राय ऐसे कार्बन परमाणु से है जिसकी शेष तीनों संयोजकताएँ एकल बन्ध बनाने में प्रयुक्त होती हैं। जिन यौगिकों में ऐल्कोहॉली समूह उपस्थित होता है, उन्हें ऐल्कोहॉल (alcohols) कहते हैं। उदाहरण के लिए-

                     CH3OH                                            CH2 = CH – CH2OH
                मेथिल ऐल्कोहॉल                                        ऐलिल ऐल्कोहॉल
  
                   C2H5OH                                            C6H5 – CH2 – OH 
               एथिल ऐल्कोहॉल                                         बेंजिल ऐल्कोहॉल

स्पष्ट है कि जल (HOH), ऐसीटिक अम्ल (CH3–CO–OH) तथा फिनोल (C6H5-OH) में हाइड्रॉक्सी समूह उपस्थित है लेकिन ऐल्कोहॉली समूह उपस्थित नहीं है।

                                                                
4. ऐल्डिहाइडिक समूह (Aldehydic group) - —CHO समूह को फॉर्मिल (formnyl) समूह कहते हैं। जब – CHO समूह H या C परमाणु से जुड़ा होता है तो उसे ऐल्डिहाइडी समूह कहते हैं तथा सम्बन्धित यौगिक को ऐल्डिहाइड (aldehyde) कहते हैं। उदाहरण के लिए – फॉर्मेल्डिहाइड (H-CHO) तथा ऐसेटेल्डिहाइड (CH3 - CHO) में एल्डिहाइडी समूह उपस्थित है।

                                                                     
5. कीटो (Keto) या कीटोनी (Ketonic) समूह - (—CO―) समूह को कार्बोनिल (carbonyl) समूह कहते हैं। जब यह दोनों ओर से कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है तो उसे कीटो या कीटोनी समूह कहते हैं तथा सम्बन्धित यौगिक को कीटोन (ketone) कहते हैं। उदाहरण के लिए - ऐसीटोन (CH3-CO-CH3 ) में कीटोनी समूह उपस्थित है जबकि ऐसीटिक अम्ल (CH3-CO-OH) में कीटोनी समूह उपस्थित नहीं है।

                                
6. कार्बोक्सिल (Carboxyl) समूह –  (—COOH) समूह को कार्बोक्सिल समूह कहते हैं। जिन यौगिकों में कार्बोक्सिल समूह उपस्थित होता है, उन्हें कार्बोक्सिलिक अम्ल (carboxylic acids) कहते हैं। उदाहरण के लिए – फॉर्मिक अम्ल (HCOOH) तथा ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) कार्बोक्सिलिक अम्ल हैं।


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