हरितलवक(Chloroplast): सामान्य जानकारी,संरचना तथा कार्य|Hindi


हरितलवक (Chloroplast)
Chloroplast:General Information,Structure,Chemical Composition and Function|Hindi
Chloroplast

  • यह हरे रंग के लवक होते है।  इनकी खोज शिम्पर (Schimper)  नामक वैज्ञानिक ने की थी।
  • इनमें हरे रंग का वर्णक (Pigment) पर्णहरिम (Chlorophyll) होता है इसी कारण पत्तियों व पौधों के कुछ भाग हरे दिखाई देते है। 
  • Chloroplast के कारण  ही पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया  होती है और विभिन्न प्रकार के कार्बोहाइड्रेट  बनते है।
  • उच्च जाति के पौधों की पत्तियों mesophyll cells में तथा तनों के हरित ऊतक (chlorenchyma) कोशिकाओं  पाए जाते है। 
  • बहुत सी कोशिकाओं में केवल एक हरितलवक पाया  जाता है परन्तु अधिक विकसित पौधों की एक कोशिका में 20 से 50 तक हरितलवक हो सकते है। विभिन्न वर्ग के पौधों में इनका आकार तथा रचना भिन्न भिन्न होते है। 
  • शैवाल की कोशिकाओं में Girdle shaped ,disc like, cup-like, ribbon like आदि बहुत-सी आकृति वाले हरितलवक(Chloroplast)  होते है , उच्च वर्ग के पौधों जैसे मॉस ,फर्न आदि में हरितलवक लगभग समान और चपटे ,गोल,दीर्घवृत्ताकार होते है। यह 5-20μm तक लम्बे तथा 2-4μm तक चौड़े होते है। 

हरितलवक की संरचना  (Structure of Chloroplast)-
Chloroplast:General Information,Structure,Chemical Composition and Function|Hindi
 हरितलवक की संरचना 

Chloroplast  दो परतों वाली झिल्लियों से घिरा होता है 
  • Outer layer 
  • Inner layer 
Outer layer Lipid की तथा Inner layer Protein की बानी होती है। 

झिल्ली के अंदर प्रोटीन का बना एक तरल पदार्थ होता है जिसे स्ट्रोमा  कहते है। स्ट्रोमा के अंदर enzymes, ribosomes, और कुछ osmiophilic droplets पाई जाती है। 
इसमें सिक्कों के ढेर के समान संरचनाएं पाई जाती है जिसे ग्रेनम या ग्राना  (Granum)  कहते है इसकी संख्या 40-60 तक हो सकती है। एक सिक्के को Thylakoid कहते है। और एक ग्राना में 10-100 thylakoid होते है। 
Chloroplast:General Information,Structure,Chemical Composition and Function|Hindi
हरितलवक की अनुप्रस्थ काट मे (इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी में)

Granum एक दुसरे से Stroma lemellae के द्वारा जुड़े रहते है। इनमे Chlorophyll तथा Carotenoid पाए जाते है। हरी शैवाल के हरितलवक में ग्राना नहीं पाये  जाते है।

Thylakoid के भीतरी कला पर बहुत सी दानेदार संरचना पाई जाती है जिसे क्वाण्टासोम  (Quantasome) कहते है। पार्क एवं पौन (Park and Pon,1961) तथा पार्क एवं बिगिन्स (Park and Biggins,1964) ने इनकी खोज की|
 
हरितलवक (Chloroplast) में राइबोसोम ,RNA तथा DNA भी पाए जाते है। हरितलवक में Double-Stranded Circular DNA होता है तथा राइबोसोम 70s प्रकार का होता है।(इनकी इस प्रकार की संरचना इन्हे जीवणु के समक्ष ले जाती है)।

हरितलवक (Chloroplast) में राइबोसोम ,RNA तथा DNA की उपस्थिति यह बताती है कि यह अर्ध रूप में स्वः शासित(Semiautonomous) कोशिकांग है क्योंकि इनमे स्वः जनन की शक्ति जीवित कोशिका के सामान ही होती है ,परन्तु यह कोशिका के अंदर रह कर ही जनन करती है। अतः हरितलवक को कोशिका के अंदर कोशिका (Cell Within Cell) भी कहा जाता है। 

हरितलवक की रासायनिक संरचना   (Chemical Composition of Chloroplast)

हरितलवक में निम्नलिखित पदार्थ पाए जाते है-
  • प्रोटीन (45-50%)
  • पर्णहरिम  (3-10%)
  • RNA    (2-5%)
  • DNA  (कुछ मात्रा)
  • फोस्फोलिपिड   (23-25%)
  • कैरोटिनोइड  (1-2%)
  • एन्जाइम  (कुछ मात्रा) 
  • विभिन्न धातुओं के परमाणु   (कुछ मात्रा)
Chlorophyll निम्न प्रकार के होते है -

Chlorophyll 'a'  (C55H72O5N4Mg)
Chlorophyll 'b'  (C55H70O6N4Mg)
Chlorophyll 'c'  (C35H32O5N4Mg)
Chlorophyll 'd'  (C54H70O6N4Mg)


हरितलवक के कार्य (Function of Chloroplast 

हरितलवक का मुख्य कार्य प्रकाश संश्लेषण है। इस क्रिया में दो चरण होते है-
  1. प्रकाश अभिक्रिया या हिल अभिक्रिया (Light Reaction or Hill Reaction)
  2. प्रकाशहीन अभिक्रिया (Dark Reaction)

प्रकाश अभिक्रिया या हिल अभिक्रिया (Light Reaction or Hill Reaction)
यह क्रिया CHLOROPLAST के ग्राना में पूरी होती है इस क्रिया में प्रकाशीय ऊर्जा से ATP एवं NADP.2H  का निर्माण होता है।  प्रकाश अभिक्रिया में जल का विघटन होकर ऑक्सीजन भी मुक्त होती है। 

प्रकाशहीन अभिक्रिया (Dark Reaction)
यह क्रिया स्ट्रोमा में होती है। यह वातावरण से अवशोषित CO2   को  द्वारा शर्करा का निर्माण करती है। इस क्रिया में ATP एवं NADP.2H प्रयुक्त (used)  हो जाते है। 
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हरितलवक के कार्य 

पौधे के हरे भाग में स्थित हरितलवक प्रकाश-संश्लेषण क्रिया द्वारा वातावरण की CO2 के अवकरण (Reduction) से समस्त जीवों के लिए भोजन (शर्करा व स्टार्च आदि ) का निर्माण करता है। इस क्रिया में ऑक्सीजन मुक्त होती है। इस प्रकार पौधे के हर भागों में स्थित हरितलवक पूरे वातावरण को शुद्ध करता है तथा जीवों को श्वसन के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है। 

हरितलवक में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में कैल्विन चक्र द्वारा माध्यमिक पदार्थ के रूप में फॉस्फोग्लिसेरेल्डीहाइड (phosphoglyceraldehyde-PGAL)बनता है जिससे आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त एमिनो अम्ल (amino acid),वसा अम्ल (fatty acid), प्यूरीन (purines) एवं पिरिमिडीन (pyrimidines) का संशलेषण होता है। 

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