बैक्टीरिया में प्रजनन(Reproduction In Bacteria)&Harmful-Useful Bacteria|Hindi


बैक्टीरिया में प्रजनन 
(Reproduction in bacteria)

बैक्टीरिया में प्रजनन(Reproduction In Bacteria)&Harmful-Useful Bacteria|Hindi

 बैक्टीरिया में बहुत ही सामान्य प्रजनन देखने को मिलता हे। बैक्टीरिया सामान्यतः द्विखण्डन(binary fission)  प्रक्रिया द्वारा प्रजनन करता है उपयुक्त परिस्थिति में लैंगिक प्रजनन (sexual reproduction) भी देखा गया है।  बैक्टीरिया  की कोशिका(cell) का  आकार बढ़ता जाता है और तब इसका केन्द्रकीय पदार्थ तथा  कोशिका द्रव्य विभाजित होकर दो नई  संतति कोशिकाएँ (new cells)बना लेता है।  
मुख्यतः बैक्टीरिया में दोनों लैंगिक और अलैंगिक प्रकार का प्रजनन पाया जाता है जो इस प्रकार है -  

1- अलैंगिक प्रजनन  

2- लैंगिक  प्रजनन 


अलैंगिक  प्रजनन (Asexual reproduction)
अलैंगिक प्रजनन मैं तीन प्रकार से प्रजनन होता है जिसकी विधिया इस प्रकार है -

1- द्विखंडन द्वारा प्रजनन  (by binary fission)
यह बैक्टीरिया में प्रजनन  की सामान्य विधि है अनुकूल परिस्थिति मैं बैक्टीरिया की कोशिका आकार मैं वृद्धि  करती है और दो भागो मैं  बंट जाती है. यह दोनों भाग  अलग होकर दो बैक्टीरिया की दो  कोशिका का निर्माण करते है। 
बैक्टीरिया में प्रजनन(Reproduction In Bacteria)&Harmful-Useful Bacteria|Hindi
द्विखंडन द्वारा प्रजनन 

परिस्थितिया अनुकूल होने पर प्रत्येक बैक्टीरिया कोशिका हर 20 मिनट बाद विभाजित होती है 

2- एंडोस्पोर द्वारा प्रजनन ( by endospore ) 
भोजन व पानी की कमी ,ताप की अधिकता  के  कारण तथा विषैले पदार्थो के जमाव के कारण बैक्टीरिया एक विशेष प्रकार की संरचना बनाते है जिसे एंडोस्पोरे कहते है। इसमें कोशिका का द्रव्य सिकुड़ जाता है और इसके चारो तरफ एक मोटा आवरण बन जाता है। परिस्थितिया अनुकूल होने पर यह आवरण फट जाता है तथा एंडोस्पोरे विकसित होकर नई बैक्टीरिया की कोशिका बना लेते है। 

3- कोनिडिया द्वारा प्रजनन 
 कुछ बैक्टीरिया में शाखाओ के स्वतंत्र सिरे पर कोनिडिया बनते है जो मातृ शाखा से अलग होते रहते है और अनुकूल वातावरण आने पर अंकुरित होकर नया बैक्टीरिया बना लेते है। 


लैंगिक  प्रजनन (Sexual reproduction)
कुछ बैक्टीरिया जैसे e-coli मैं लैंगिक जनन पाया जाता है। इसकी 3 विधिया होती है -
1- संयुग्मन  प्रजनन 
इस प्रकार के प्रजनन का अध्यन सर्वप्रथम लैडरबर्ग और टैटम ने e-coli में किया था। 
जिन बैक्टीरिया में अनुवांशिक पदार्थ होता है वे दाता कहलाता है और जिनमे अनुवांशिक पदार्थ नहीं होता है वे ग्राही कहलाते है यह दोनों बैक्टीरिया संयुग्मन नालिका द्वारा आपस में जुड़ते है एक कोशिका अनुवांशिक पदार्थ दूसरी कोशिका में स्थानांतरित करता है किन्तु पूरी तरह से नहीं। इस प्रकार से बनी कोशिकाए आंशिक रूप से द्विगुणित हो जाती है।  उदहारण -स्यूडोमोनास,साल्मोनेला

2 - रूपांतरण विधि द्वारा  प्रजनन -  
संवर्धन माध्यम से अनुवांशिक पदार्थ का अवशोषण करके नई बैक्टीरिया की कोशिका का निर्माण कर लेता हे। 

3 - पारगमन द्वारा  प्रजनन (transduction)- 
बैक्टीरिया मैं अनुवांशिक पदार्थ के स्थानांतरण की क्रिया  बैक्टेरिओफेज के द्वारा सम्पन्न होती है, संक्रमण के  समय बक्टेरिओफेज तथा बैक्टीरिया के बीच नुक्लिक अम्ल(nuclic acid)की अदला बदली हो जाती है। इस प्रकार बनी बैक्टीरिया कोशिका मैं अनुवांशिक पदार्थ का कुछ भाग भी चला जाता है जब ये बैक्टेरिओफेज दुसरे बैक्टीरिया पर आक्रमण करते है तो पहले से प्राप्त अनुवांशिक पदार्थ को इसमें  स्थानांतरित कर देते है।  उदहारण - e-coli ,साल्मोनेला

  • बैक्टीरिया प्रत्येक 9.5 मिनट पर प्रजनन करता है। 
  • ईоकोलाई प्रत्येह 20 मिनट पर प्रजनन करता है। 

"जो बैक्टेरिया टीоवीо अथवा कुष्टरोग की बीमारियाँ फैलाते है वे बहुत धीमी गति से प्रजनन करते है। इसी कारण से प्रारम्भ में इन बीमारियों का पता नहीं चल पता है।" 

 लाभदायक बैक्टीरिया(Beneficial Bacteria)
बैक्टीरिया एक सूक्ष्मजीव है जो हमारे लिए  लाभदायक भी और हानिकारक भी है ,तो कुछ लाभदायक बैक्टीरिया की क्रियाएँ इस प्रकार है -

  • दूध से दही तथा पनीर बनना बैक्टीरिया के कारण ही होता है।  
  • फलों  के रास से अल्कोहल शराब तथा सिरका बनाने में भी बैक्टीरिया मदद करता है। 
  • बैक्टीरिया कठोर माँसपेशिओ के तंतु को छोटे टुकड़ो मैं तोड़कर मांस को अधिक मुलायम बना देती है। 
  • गाय ,भैंस आदि पशुओ की आँत में उपस्थित बैक्टीरिया घास और पौधों में उपस्थित सेल्यूलोस को तोड़कर पाचन क्रिया मैं मदद करती है। 
  • फलीदार पौधों की जड़ों में उपस्थित सहजीवी बैक्टीरिया वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन को अवशोषित कर उसे नाइट्रोजन के यौगिक मैं परिवर्तित कर देती है 
बैक्टीरिया में प्रजनन(Reproduction In Bacteria)&Harmful-Useful Bacteria|Hindi
फलीदार पौधों की जड़ो मैं ग्रंथिकाए 
  • नाइट्रीकरण-अवरोधी बैक्टीरिया मिटटी मैं उपस्थित अधिक  नाइट्रोजन को मुक्त नाइट्रोजन में परिवर्तित कर देते है। 
  • अवायवीय बैक्टीरिया पशुओ के अपशिस्ट को बायो गैस में परिवर्तित कर देते है किसका प्रयोग घरेलु ईंधन के रूप मैं किआ जाता है। 
  • कुछ बैक्टीरिया चमड़े को tanning में भी मदद करते  है। 
  • बैक्टीरिया मृत पौधों तथा पशुओ के अवशेषों को अपघटित कर मिटटी में पोषक तत्वा मिलाने मैं मदद करते है। 

हानिकारक बैक्टीरिया (Harmful bacteria)
हानिकारक बैक्टीरिया की क्रियाऍं  इस प्रकार है -

  • बैक्टीरिया खाने वाले पदार्थो को ख़राब कर देते है जैसे दूध को खट्टा करना, मांस को सडाना, फलो तथा सब्जियों को सड़ाना। 
  • staphylococci तथा clostridium botulinum बैक्टीरिया भोजन मैं विषाक्त रसायन उत्पन्न कर भोजन को विषाक्त बना देते है। 
  • बैक्टीरिया कई बीमारियों के कारन है जैसे -तपेदिक टेटेनस ,हैजा,न्यूमोनिया कुष्टरोग आदि 
  • बैक्टीरिया  पौधों तथा पधुओ मैं भी बीमारियां  फैलाते है।



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