स्पाइरोगायरा (Spirogyra)
वर्गीकृत स्थान (Systematic Position)
उपजगत (Subkingdom) - थैलोफाइट (Thallophyta)
संघ (Phylum) - क्लोरोफाइटा (Chlorophyta)
वर्ग (Class) - क्लोरोफाइसी (Chlorophyceae)
गण (Order) - कॉन्जूगेल्स (Conjugales)
कुल (Family) - जिगनीमेटेसी (Zygnemataceae)
वंश (Genus) - स्पाइरोगायरा (Spirogyra)
प्राकृतिक वास (Habitat)
यह ताजे जल में पाए जाने वाला हरा-पीला शैवाल होता है। इसे तालाब का रेशम (Pond Silk) या जल का रेशम (Water Silk) भी कहते हैं। यह प्रायः स्थिर जलाशयों ,पोखरों तथा नालियों में मिलता है।स्पाइरोगायरा एडनेटा (Spirogyra adnata) बहते हुए झरनों ,नदियों आदि में मिलता है।
स्पाइरोगायरा (Spirogyra) के तन्तु प्रायः जल पर तैरते हुए मिलते हैं परन्तु कुछ कुछ वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि इनमें Hold Fast भी होता है।स्पाइरोगायरा (Spirogyra) की लगभग 300 प्रजातियां ज्ञात है जिसमें से भारत में पाए जाने वाली मुख्य जातियां है स्पाइरोगायरा जोगेंसिस (Spirogyra jogensis), स्पाइरोगायरा क्रेसेटा (Spirogyra crassata), स्पाइरोगायरा इण्डिका (Spirogyra indica),स्पाइरोगायरा माइक्रोस्पोरा (Spirogyra microspora) इत्यादि।
संरचना (Structure)
1. स्पाइरोगायरा (Spirogyra) तन्तु के रूप में होता है। यह Hold Fast के द्वारा सतह से जुड़ा नहीं होता है। यह तन्तु अशाखीय (Unbranched) होते हैं।2. यह जल की सतह पर स्वतंत्र तैरते रहते हैं परन्तु बहते जल में पाए जाने वाली Species में सूत्र(Thread) एक सिरे पर रंगहीन,शाखामय जिन्हें HoldFast कहते हैं ,किसी अधोस्तर(Bottom) पर चिपके रहते हैं।
3. स्पाइरोगायरा (Spirogyra) की कोशिकाएं बेलनाकार (Cylindrical) होती हैं। इनकी लम्बाई व्यास से अधिक होती है।
4. इनकी कोशिका भित्ति दो स्तर (Double Layered) की बनी होती है। बाहर की भित्ति Pectose की तथा अंदर वाली भित्ति Cellulose की बनी होती है। Pectose की परत का बाहर का भाग Pectin में परिवर्तित हो जाता है जो जल में घुलकर एक श्लेष्मिक(Mucilaginous) पदार्थ का आवरण बना लेता है।
5. स्पाइरोगायरा (Spirogyra) में Chloroplast Ribben Shaped का होता है। यह 2-16 तक घुमावदार (Spiral) होते हैं जिनका घुमाव बांयी ओर को होता है।
6. Chloroplast पर Pyrenoids उपस्थित होते हैं। इनमें प्रोटीन के चारों ओर मण्ड का संग्रह होता है।
प्रत्येक कोशिका में एक केन्द्रक होता है। इस केन्द्रक के चारों ओर धागे जैसी संरचना निकली होती है जिसे Cytoplasmic Strands कहते हैं।
7. स्पाइरोगायरा (Spirogyra) अन्तर्विष्ट (Intercalary) वृद्धि द्वारा लम्बाई में बढ़ता है।
जनन (Reproduction)
स्पाइरोगायरा (Spirogyra) में जनन तीन विधियों द्वारा होता है
1. कायिक जनन (Vegetative Reproduction)
2. अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
3. लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)
3. लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)
कायिक जनन (Vegetative Reproduction)
तन्तु कई खण्डों में टूटते हैं तो इसे Fragmentation कहते हैं। प्रत्येक खण्ड वृद्धि करके नए तन्तु का निर्माण करते है।
अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
स्पाइरोगायरा (Spirogyra) में Asexual Reproduction सामान्यतः अनुपस्थित होता है किन्तु स्पाइरोगायरा (Spirogyra) की कुछ जातियों में अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) प्रतिकूल परिस्थितियों में होता है।
लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)
स्पाइरोगायरा (Spirogyra) में लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) को संयुग्मन (Conjugation) कहते हैं। संयुग्मन (Conjugation) दो युग्मक (Gamete) के मध्य होता है। ये युग्मक (Gamete) (+) या (-) वाले होते हैं। युग्मकों (Gamete) का निर्माण युग्मकधानी (Gametangia) में होता है। सक्रिय युग्मक Male Gamete होता हैं तथा Female Gamete निष्क्रिय होते हैं। ये युग्मक (Gamete) एक नली के द्वारा पहुँचते है। इस नली को Conjugation Tube कहते हैं।
स्पाइरोगायरा (Spirogyra) में Sexual Reproduction मुख्य 2 विधियों से होता है-
- सोपानवत संयुग्मन (Scalariform Or Ladder Like Conjugation)
- पार्श्व संयुग्मन (Lateral Conjugation)
सोपानवत संयुग्मन (Scalariform Or Ladder Like Conjugation)-
इस प्रकार का अलैंगिक जनन अनुकूल वातावरण में होता है। जब दो तन्तु समीप आते हैं तथा दोनों तन्तु समान्तर होते हैं। दोनों तंतुओं के बीच थोड़ी सी उभार होती है। ये उभार वृद्धि करके नली जैसी संरचना बना लेती हैं जिसे संयुग्मन-नलिका (Conjugation Tube) कहते हैं। इस Tube के बीच की भित्ति गल जाती है। एक तंतु को Male Gametangia तथा एक तन्तु की कोशिका को Female Gametangia कहते हैं।
Male Gametangium में Male Gamete तथा Female Gametangium में Female Gamete होते हैं। कोशिकाद्रव्य केन्द्रक के ऊपर जमा हो जाता है जिससे अचल युग्मक का निर्माण होता है। Male Gametangium से Gamete संयुग्मक नलिका द्वारा Female Gametangium से संयोजन (Fuse) करता है तथा युग्माणु (Zygospore 2n ) का निर्माण करते हैं। Conjugation Tube सभी कोशिका में बनते हैं इसलिए यह सीढ़ीनुमा दिखते है इसलिए Scalariform Conjugation को Ladder Like Conjugation भी कहते हैं। Spirogyra की जिस जाति में Scalariform Conjugation होता है उसे Heterothalic कहते हैं।
इस प्रकार का लैंगिक जनन केवल एक ही तन्तु के पार्श्व कोशिकाओं के बीच होता है। इसमें एक तन्तु में Male तथा Female दोनों प्रकार के युग्मक पाए जाते हैं। यह जनन दो प्रकार से होता है -
- अप्रत्यक्ष पार्श्व संयुग्मन (Indirect Lateral Conjugation)
- प्रत्यक्ष पार्श्व संयुग्मन (Direct Lateral Conjugation)
hope you guys like this post, please share, comment and follow my page for more updates...
No comments:
Post a Comment