मुकुलन क्या होता है ?(What is Budding?)


मुकुलन (Budding)

मुकुलन अलैंगिक जनन के अंतर्गत होने वाली एक प्रक्रिया है जिसमें जीव के शरीर पर एक छोटा सा उभार (Outgrowth) बनता है, जिसे मुकुल (Bud) कहते हैं। मुकुल जनक जीव से पोषण प्राप्त करता है और पूर्ण रूप से विकसित हो जाने पर इसका केन्द्रक सूत्री विभाजन (Mitosis) द्वारा विभाजित होकर अलग दो भागों में बँट जाती है और स्वतंत्र जीव के रूप में जीवन जीना शुरू कर देता है। जब यह Outgrowth अपनी मातृ-कोशिका से अलग नहीं होती तो श्रृंखला बनाती है ,परन्तु अंत में यह अलग हो जाती है।  


मुकुलन बहुत ही सरल प्रक्रिया है और यह कई जीवों में पाया जाता है जैसे जीवाणु, कवक, यीस्ट, हाइड्रा, स्पंज आदि। 

मुकुलन की प्रक्रिया

मुकुलन की प्रक्रिया अलग-अलग जीवों में थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्य प्रक्रिया निम्नलिखित है:

1. सबसे पहले जनक जीव के शरीर पर एक छोटा सा उभार बनता है।
2. इस उभार में कोशिकीय विभाजन शुरू होता है।
3. इस कोशिकीय विभाजन के परिणामस्वरूप यह उभार बड़ा होता जाता है और एक मुकुल (Bud) बन जाता है।
4. धीरे धीरे यह मुकुल बड़ा होता जाता है और जनक जीव जैसा दिखने लगता है।
5. जब यह मुकुल पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है, तो वह जनक जीव से अलग हो जाता है और एक स्वतंत्र जीव के रूप में जीवन जीता है।

मुकुलन क्या होता है ?(What is Budding?)
यीस्ट में मुकुलन 



मुकुलन के उदाहरण

मुकुलन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

1. यीस्ट (Yeast): यीस्ट एक एककोशिकीय जीव है जिसमें मुकुलन द्वारा अलैंगिक जनन होता है। इसमें यीस्ट की कोशिका में एक छोटा सा उभार बनता है। यह उभार धीरे-धीरे बड़ा होता जाता है जिससे एक नई कोशिका बन जाती है। यह कोशिका जनक कोशिका से अलग होकर स्वतंत्र रूप में जीवन जीने लगती है।

2. हाइड्रा (Hydra): हाइड्रा एक बहुकोशिकीय जंतु है जो मुकुलन द्वारा अलैंगिक जनन करता है। हाइड्रा के शरीर पर एक या एक से अधिक मुकुल बनते हैं, जो धीरे-धीरे बड़े होकर नए हाइड्रा बन जाते हैं। यह हाइड्रा जनक हाइड्रा से अलग हो जाते हैं और स्वतंत्र रूप में जीवन जीने लगते हैं।

3. स्पंज (Sponge): स्पंज एक बहुकोशिकीय जंतु है इसमें भी मुकुलन द्वारा अलैंगिक जनन होता है। स्पंज के शरीर में कुछ विशेष कोशिकाएं होती हैं, जिन्हें कोआनोसाइट्स (Choanocytes) कहते हैं। कोआनोसाइट्स एक समूह बनाकर मुकुल बनाते हैं। यह मुकुल विकसित होकर एक नए स्पंज का निर्माण करता है।


मुकुलन के लाभ

मुकुलन एक कोशिकीय तथा बहुकोशिकीय जीवों में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके कई लाभ हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं :

  • मुकुलन एक सरल और तेजी से होने वाली प्रजनन प्रक्रिया है।
  • इसमें जनक जीव और संतति जीव दोनों एक ही होते हैं।
  • मुकुलन के लिए नर या मादा जीवों की आवश्यकता नहीं होती है।

मुकुलन के हानि

मुकुलन के निम्नलिखित हानि हैं:

  • मुकुलन में जनक जीव और संतति जीव दोनों में आनुवंशिक विविधता नहीं होती है।
  • मुकुलन की प्रक्रिया के लिए अनुकूल परिस्थितियों की आवश्यकता होती है। बिना अनुकूल परिस्थितियों के यह प्रक्रिया नहीं हो सकती हैं। 

मुकुलन कई जीवों में पाई जाने वाली बहुत ही प्रभावी अलैंगिक प्रजनन की विधि है, क्योंकि इसमें बहुत कम ऊर्जा और समय की आवश्यकता होती है। इसके माध्यम से उत्पन्न होने वाले जीव जनक जीव के समान ही होते हैं, इसलिए इस प्रक्रिया के माध्यम से नए जीवों का निर्माण बहुत तेजी से हो सकता है।


FAQs

1. जीव विज्ञान में budding क्या है?

जीव विज्ञान में, budding एक प्रकार का अलैंगिक जनन है जिसमें एक जीव से एक नया जीव विकसित होता है। यह एक कली से होता है, जो एक छोटा, गोल संरचना होती है जो मूल जीव के शरीर से निकलती है। यह कली बढ़ती जाती है और विकसित होकर मूल जीव से अलग हो जाती है और एक स्वतंत्र जीव बन जाती है।


2. क्या पौधों में budding होता है?

हां, पौधों में budding होता है। पौधों में budding आमतौर पर कलियों से होती है। कली एक छोटा सा उभार होता है जो पत्ती के आधार या तने पर विकसित होती है। कली में एक या एक से अधिक कलिकाएं हो सकती हैं।


3. क्या पौधों में budding होना आम बात है?

हां, पौधों में budding होना आम बात है। कई प्रकार के पौधे budding द्वारा प्रजनन करते हैं। उदाहरण के लिए, गुलाब, सेब, और चेरी के पेड़ सभी budding के द्वारा प्रजनन करते हैं।


4. Budding के चार उदाहरण क्या हैं?

Budding के चार उदाहरण निम्नलिखित हैं:

फूलों वाले पौधों में budding
  • फूलों वाले पौधों में budding का उपयोग अक्सर नए प्रकार का पौधा विकसित करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया को कलिकायन कहा जाता है। इसमें कली को एक पौधे से दूसरे पौधे पर लगाया जाता है। कली नई जगह पर उगती है और एक नया पौधा बन जाती है।

फर्न में budding
  • फर्न में budding का उपयोग नए फर्न के विकास के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया को Protoplastic budding कहा जाता है। Protoplastic budding में, एक फर्न के protoplast को एक दूसरे फर्न के protoplast के साथ जोड़ा जाता है। दो protoplast एक साथ मिलकर एक नया फर्न बनाते हैं।

शैवाल में budding
  • शैवाल में budding का उपयोग नए शैवाल के विकास के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया को conidia budding कहा जाता है। इसमें एक शैवाल से एक छोटी वृद्धि निकलती है जिसे conidia कहा जाता है। कोनिडिया एक नए शैवाल में विकसित हो जाता है।

जीवाणु में budding
  • जीवाणु में budding का उपयोग नए जीवाणु के विकास के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया को bacterial budding कहते है। इसमें जीवाणु से एक छोटी वृद्धि निकलती है जिसे bacterial clone कहते है। ये बाद में एक नए जीवाणु में विकसित हो जाता है।


5. पौधों में budding का क्या अर्थ है?

पौधों में budding का अर्थ है कि एक पौधे से एक नया पौधा विकसित होता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रजनन विधि है जिसका उपयोग नए प्रकार के पौधे विकसित करने के लिए किया जाता है।




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