मिट्टी की बनावट (Texture of Soil): an Overview | HIndi


मिट्टी की बनावट (Texture of Soil)
मिट्टी की बनावट (Texture of Soil): an Overview | HIndi

मिट्टी की ऊपरी परत तीन प्रकार की चट्टानों के कणों से बनती है। इनके कण आकार ,रूपरेखा तथा स्पर्श में एक दूसरे से भिन्न होते हैं।


• चिकनी मिट्टी के कण आकार में सबसे छोटे होते हैं। स्पर्श करने पर यह चिकनी लगती है।
• गाद मिट्टी के कण चिकनी मिट्टी के कणों से कुछ बड़े होते हैं।
• बलुई मिट्टी के कण गार्ड के कणों से अधिक बड़े होते हैं। इन ही सरलता से देखा जा सकता है। स्पर्श में बलुई मिट्टी के कारण खुरदरे होते हैं।

इन तीन प्रकार के कणों के अतिरिक्त मिट्टी की ऊपरी परत में कुछ कंकड़ भी पाए जाते हैं। कंकड़ बड़े कण होते हैं जिन्हें हाथों से उठाया जा सकता है। किसी भौगोलिक क्षेत्र में मिट्टी की ऊपरी परत में एक या एक से अधिक प्रकार के विभिन्न कण पाए जा सकते हैं।

कणों की तुलनात्मक मात्रा तथा बनावट के आधार पर मिट्टी को तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है जो इस प्रकार है-

1. बलुई मिट्टी या रेतीली मिट्टी (Sandy Soil)- इस प्रकार की मिट्टी में लगभग 60% रेत तथा कम मात्रा में गाद और चिकनी मिट्टी होती है। इस प्रकार की मिट्टी मुख्यतः रेगिस्तान में पाई जाती है। बलुई मिट्टी में जल को रोके रखने की क्षमता बहुत कम होती है क्योंकि जल रेत के कणों के बीच में से होकर बाहर निकल आता है। अतः यह मिट्टी पौधों की वृद्धि के लिए बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं है।
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2. चिकनी मिट्टी (Clayey Soil)- इसमें मुख्यतः चिकनी मिट्टी के कण तथा बहुत कम मात्रा में ह्यूमस और गाद मिट्टी के कण होते हैं। यह मिट्टी सघन होती है। अतः इसमें पानी को अधिक समय तक रोके रखने की क्षमता होती है किंतु यह हवा को नहीं बांध पाती है। इसके अवयवों का आकार छोटा होने के कारण यह चिकनी होती है और इसका व्यास 0.2 मिली मीटर से कम होता है। यह चिपचिपी होती है अतः हल चलाने में कठिनाई होती है क्योंकि इसके कण सरलता से आपस में चिपक जाते हैं लेकिन इस मिट्टी में ऐसे अनेक लवण होते हैं जो पौधों की उपज के लिए  इसे उपयुक्त बनाते हैं। इस मिट्टी का प्रयोग खिलौने तथा बर्तन बनाने में भी किया जाता है।
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3. दोमट मिट्टी (Loamy Soil)- दोमट मिट्टी में चिकनी मिट्टी गाद बालू और
 ह्यूमस उचित अनुपात में होते हैं। दोमट मिट्टी में पानी को थामें रहने की अच्छी क्षमता होती है। यह संतुलित रूप से सरंध्र होती है तथा इसमें वायु भी पर्याप्त मात्रा में रखी रहती है। यह पौधों के लिए सर्वश्रेष्ठ मिट्टी है क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में खनिज तथा वायु होती है।

निम्न चित्र में दोमट मिट्टी का प्रयोग गमले में पौधे को उगाने के लिए किया जा रहा है। ⤵
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3 comments:

  1. जवाब देने हेतु धन्यवाद. मेरी जानकारी में वृद्धि हुई💐

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