मिट्टी प्राकृतिक सम्पदा के रूप में (Soil as A Natural Resource)
मिट्टी हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सम्पदा है जो हमें प्रकृति से प्राप्त होती है। यह हमारे लिए निम्नलिखित प्रकार से उपयोगी है :-
फसल उगाने का माध्यम (As a Medium for Growing Crops)
पौधे और फसल उगाने के लिए मिट्टी बहुत आवश्यक है। हमारे लिए भोज्य पदार्थ तथा जानवरों के लिए घास मिट्टी में ही उगती है। उदाहरण के लिए ,हमें पौधों /फैसलों से भोजन प्राप्त होता है ,जानवरों को घास फूस के रूप में भोजन प्राप्त होता है । हम पौधों से विभिन्न प्रकार की औषधियां, कागज, कपास और लकड़ी भी प्राप्त करते हैं।
खनिजों के स्रोत के रूप में (As a Source of Minerals)
मिट्टी में अनेक प्रकार के खनिज होते हैं। इन खनिजों का प्रयोग अनेक प्रकार की वस्तुएं प्राप्त करने में किया जाता है। उदाहरण के लिए मिट्टी में उपस्थित ऑक्साइड से हम कच्चा लौह व एलुमिनियम प्राप्त करते हैं। जिप्सम कैल्साइट आदि कारखानों में प्रयोग आने वाले महत्वपूर्ण खनिज है। चिकनी मिट्टी का प्रयोग ईंट व बर्तन आदि बनाने के लिए किया जाता है।
मिट्टी में अनेक प्रकार के खनिज होते हैं। इन खनिजों का प्रयोग अनेक प्रकार की वस्तुएं प्राप्त करने में किया जाता है। उदाहरण के लिए मिट्टी में उपस्थित ऑक्साइड से हम कच्चा लौह व एलुमिनियम प्राप्त करते हैं। जिप्सम कैल्साइट आदि कारखानों में प्रयोग आने वाले महत्वपूर्ण खनिज है। चिकनी मिट्टी का प्रयोग ईंट व बर्तन आदि बनाने के लिए किया जाता है।
जल भंडारण का माध्यम (As a Water Storage Medium)
मिट्टी में वर्षा नदी आदि का सतही पानी छन जाता है। पानी में उपस्थित अशुद्धियां सतह पर ही रह जाती हैं। मिट्टी में सोखा गया पानी साफ पानी मिट्टी की सबसे निचली परत में भूमिगत जल के रूप में संचित रहता है। इस पानी को हैंडपंप आदि की सहायता से बाहर निकाला जा सकता है। यदि मिट्टी ना होती तो सारा का सारा पानी समुद्र में बह जाता और वह बिल्कुल भी पीने योग्य नहीं रहता। क्योंकि वह पानी भूमिगत जल के रूप में नहीं सोखा जाता नाही संता और ना ही संचित रह पाता इसीलिए मिट्टी जल भंडारण के लिए बहुत ही आवश्यक है।
मिट्टी में वर्षा नदी आदि का सतही पानी छन जाता है। पानी में उपस्थित अशुद्धियां सतह पर ही रह जाती हैं। मिट्टी में सोखा गया पानी साफ पानी मिट्टी की सबसे निचली परत में भूमिगत जल के रूप में संचित रहता है। इस पानी को हैंडपंप आदि की सहायता से बाहर निकाला जा सकता है। यदि मिट्टी ना होती तो सारा का सारा पानी समुद्र में बह जाता और वह बिल्कुल भी पीने योग्य नहीं रहता। क्योंकि वह पानी भूमिगत जल के रूप में नहीं सोखा जाता नाही संता और ना ही संचित रह पाता इसीलिए मिट्टी जल भंडारण के लिए बहुत ही आवश्यक है।
प्राकृतिक वास के रूप में (As a Natural Habitat )
मिट्टी विविध प्रकार के सूक्ष्मजीव हो जैसे बैक्टीरिया फफूंदी तथा कीड़ों जैसे केंचुए तथा कुछ जीव जैसे सांप चूहे आदि का प्राकृतिक वास है। यह जीव मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाते हैं। केंचुआ मिट्टी में हवा की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है जिससे खेती के लिए मिट्टी अधिक उपजाऊ बन पाती है इसलिए इसे किसानों का मित्र भी कहा जाता है।
मिट्टी विविध प्रकार के सूक्ष्मजीव हो जैसे बैक्टीरिया फफूंदी तथा कीड़ों जैसे केंचुए तथा कुछ जीव जैसे सांप चूहे आदि का प्राकृतिक वास है। यह जीव मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाते हैं। केंचुआ मिट्टी में हवा की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है जिससे खेती के लिए मिट्टी अधिक उपजाऊ बन पाती है इसलिए इसे किसानों का मित्र भी कहा जाता है।
इसलिए हमें मिट्टी का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है क्योंकि इसके बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है।
hope you guys like this post, please subscribe, share, comment and follow my page for more updates...
No comments:
Post a Comment