हीरा(Diamond) :परिभाषा,उपस्थिति,गुण,संरचना,उपयोग|Hindi


हीरा (Diamond) 

हीरा(Diamond) :परिभाषा,उपस्थिति,गुण,संरचना,उपयोग|Hindi
सूत्र द्रव्यमान-12.01 g/mol
घनत्व (density)- 3.5g/ml
1 कैरेट = 0.200g
सूत्र- C

परिभाषा(Definition) - हीरा(Diamond) कार्बन का सर्वाधिक विशुद्ध रवादार रूप होता है। हीरा कार्बन परमाणुओं का समूह होता है। हीरा हीरे के किसी भी टुकड़े में कार्बन परमाणुओं की संख्या उसके आकार पर निर्भर करती है। अतः हीरे को Cn सूत्र द्वारा दर्शाया जा सकता है जहां n एक बड़ी पूर्ण संख्या है। सामान्यतः हीरे को C सूत्र द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।

कार्बन वायु में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है।

कार्बन   +   ऑक्सीजन →  कार्बन डाइऑक्साइड

जब ग्रेफाइट और हीरे को समान अनुपात में जलाया जाता है तब कार्बन डाइऑक्साइड का वही अनुपात उत्पादन होता है,उसमें किसी प्रकार का अवशिष्ट नहीं बचता है। यह दर्शाता है कि ग्रेफाइट और हीरा रासायनिक रूप से समान है और केवल कार्बन परमाणुओं से निर्मित होते हैं।

उपस्थिति (Occurrence)
हीरा भारत, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील तथा रूस में पाया जाता है। दक्षिण अफ्रीका में हीरे का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है अतः दक्षिण अफ्रीका को हीरे का सबसे बड़ा उत्पादक देश कहा जाता है।
हीरा पृथ्वी की ऊपरी परत से करीब 50 किलोमीटर नीचे उपस्थित कार्बन द्वारा बनता है जहां अत्यधिक उच्च दाब (लगभग 70000 वायुदाब) तथा तापमान (लगभग 15 100 डिग्री सेल्सियस) होता है। इस प्रकार से ही बना हीरा तीव्र गति से घूमने वाले किंबरलाइट पत्थर द्वारा सतह पर लाया जाता है।


हीरे की खोज सर्वप्रथम भारत में हुई थी। सुप्रसिद्ध कोहिनूर हीरा (186 कैरेट) तथा रीजेंट या पिट (यह नेपोलियन की तलवार में जड़ा था) दक्षिण भारत की किसना नदी के पास मिला था। सन 1905 में दक्षिण अफ्रीका में पाया गया कुलीनान हीरा अभी तक का तौला गया सबसे बड़ा हीरा है जिसका भार 3025.75 कैरेट लगभग 600 ग्राम है। 1 कैरेट 0.200 ग्राम के बराबर होता है।
माॅइसन ने सन 1893 में सबसे पहला कृत्रिम हीरा बनाया था जो उन्होंनेे विद्युत भट्टी में 3000 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर ग्रेफाइट क्रुसबिल में लोहे तथा शुद्ध चीनी चारकोल को गर्म करके बनाया था।



हीरे के गुण (Properties of Diamond)
हीरे के कई महत्वपूर्ण गुण होते हैं जिसमें से उसकी कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार हैं-
  1. रूप रंग (Appearance) : हीरा एक पारदर्शी पदार्थ होता है जिसका अपवर्तनांक उच्च होता है। उचित तरीके से कटे हुए तथा पॉलिश किए हुए हीरे में बहुत ही अधिक चमक होती है और यह अष्टफलकीय क्रिस्टल के रूप में उपस्थित रहता है। हीरे का अपवर्तनांक मान 2.45 होता है।
  2. कठोरता (Hardness) : जितने भी प्राकृतिक पदार्थ ज्ञात हैं उन सभी प्राकृतिक पदार्थों में हीरा सबसे कठोरतम पदार्थ होता है। हीरे को काटने के लिए भी हीरे का ही प्रयोग किया जाता है।
  3. घनत्व (The density) : हीरे का घनत्व उच्च होता है।  सामान्य तापमान पर इसका घनत्व 3.5 ग्राम/मिलीलीटर होता है।
  4. विद्युत चालकता (electric conductivity) : हीरा विद्युत का कुचालक होता है अर्थात हीरे में से विद्युत तरंग नहीं गुजर सकती हैं। 
  5. ऊष्मा चालकता (Heat conductivity) : हीरा ऊष्मा का भी कुचालक होता है अर्थात हीरा ऊष्मा को हस्तांतरित नहीं होने देता है।
  6. विलेयता (Solubility) : हीरा सभी ज्ञात विलायकों में अविलय होता है। अर्थात इसे किसी भी तरल विलायक में नहीं घोला जा सकता है क्योंकि यह बहुत ही कठोर धातु होती है।
  7. वायु का प्रभाव (Wind effect) : सामान्य तापमान पर हीरा वायु से प्रभावित रहता है लेकिन 900°C पर जब हीरे को गर्म किया जाता है तब यह कार्बन डाइऑक्साइड देता है।
हीरे की संरचना (Structure of Diamond)
हीरे की आंतरिक संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से समचतुष्फलक आकार में सहसंयोजक बंध से घिरे रहते हैं। कार्बन परमाणु की यह समचतुष्फलक व्यवस्था हीरे को आयामी आकृति देती है।

इस कठोर आयामी आकृति के कारण ही हीरा बहुत कठोर होता है। इस का गलनांक और क्वथनांक बहुत ही उच्च होता है। तथा या ऊष्मा व विद्युत का कुचालक होता है। 


हीरे का उपयोग (Uses of Diamond)
हीरे के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग हैं जो इस प्रकार हैं-

1. हीरे का उपयोग आभूषणों में कीमती सजावटी पत्थरों के रूप में किया जाता है।
2. हीरे का उपयोग कांच वह पत्थर काटने तथा छिद्रित करने वाले उपकरणों में व कठोर धातुओं की बहुत पतली तारे खींचने के लिए जिनका प्रयोग रंगाई के लिए ठप्पा बनाने में किया जाता है ,उसमें किया जाता है।
3. हीरे का उपयोग चलो चिकित्सा जैसे मोतियाबिंद निकालने के लिए बनाने वाले उपकरणों में भी किया जाता है।
4. हीरे का उपयोग सूक्ष्म थर्मामीटर बनाने के लिए भी किया जाता है।
5. हीरे का उपयोग रॉकेट में रक्षात्मक खिड़कियां बनाने के लिए किया जाता है।


हीरा(Diamond) कार्बन का सर्वाधिक विशुद्ध रवादार रूप होता है जो ऊष्मा तथा विद्युत का कुचालक होता है। इसके कई उपयोग होते हैं तथा यह सभी प्राकृतिक पदार्थों में बहुत ही कठोरतम पदार्थ होता है।

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