ईंधन कितने प्रकार के होते हैं?(Fuel in Hindi):ईंधनों का कैलोरी मान,आदर्श ईंधन के गुणधर्म


ईंधन कितने प्रकार के होते हैं ? ईंधनों का कैलोरी मान तथा आदर्श ईंधन के गुणधर्म (Fuel in Hindi)

ईंधन (Fuel)
ईंधन कितने प्रकार के होते हैं?(Fuel in Hindi):ईंधनों का कैलोरी मान,आदर्श ईंधन के गुणधर्म

ईंधन का हमारे जेवण में महत्वपूर्ण उपयोग हैं। इसके द्वारा हम अपने कितने कामों को सरलता से कर पाते हैं। बिना ईंधनों के हम अपना वर्तमान तथा भविष्य सोच ही नहीं सकते हैं। आज हम ईंधनों के प्रकार के बारे में जानेंगे कि यह कितने प्रकार के होते हैं। 

ज्वलनशील पदार्थ जो आक्सीजन के साथ संयोग करके जलने पर काफी ऊष्मा उत्पन्न करते हैं, ईंधन कहलाते हैं। 'ईंधन' शब्द संस्कृत भाषा की इन्ध्‌ धातु से निकला है जिसका अर्थ है - 'जलाना'। ठोस ईंधनों में काष्ठ (लकड़ी), पीट, लिग्नाइट एवं कोयला प्रमुख हैं। पेट्रोलियम, मिट्टी का तेल तथा गैसोलीन द्रव ईधंन हैं। कोल गैस, भाप-अंगार-गैस, द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस और प्राकृतिक गैस आदि गैसीय ईंधनों में प्रमुख हैं। राकेटों में, एल्कोहाल, अमोनिया एवं हाइड्रोजन जैसे अनेक रासायनिक यौगिक का ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। इन पदार्थों से ऊर्जा की प्राप्ति तीव्र गति से होती है।

ईंधनों का प्रकार (Types of Fuels)
ईंधनों का वर्गीकरण उनकी भौतिक अवस्था पर निर्भर करता हैं। अतः ईंधनों को ठोस ,द्रव तथा गैस रूप में वर्गीकृत किया जा सकता हैं -

ठोस ईंधन (Solid fuel) - जो ज्वलनशील पदार्थ सामान्य ताप पर ठोस रहते हैं ,ठोस ईंधन कहलाते हैं। ठोस ईंधन में कार्बन मुख्यतः स्वतंत्र अथवा यौगिक अवस्था में रहता हैं। कुछ ठोस ईंधन हैं -कोयला ,लकड़ी ,चारकोल ,कोक,गोबर के उपले आदि। 

द्रव्य ईंधन (liquid fuel) - वाष्पशील द्रव जो दहनशील वाष्प उत्पन्न करते हैं ,द्रव ईंधन कहलाते हैं। कुछ द्रव ईंधन हैं - पेट्रोल,डीज़ल ,कैरोसिन, ऐल्कोहॉल। पेट्रोल डीज़ल और कैरोसिन हाइड्रोकार्बन के मिश्रण हैं। 

गैस ईंधन (Gas fuel) -  दहनशील गैस अथवा दहनशील गैसों का मिश्रण गैसीय ईंधन कहलाता हैं। कुछ सामान्य उपयोग में लाये जाने वाले गैसीय ईंधन हैं - प्राकृतिक गैस, एलपीजी ,बायोगैस ,कोयला गैस ,द्रव गैस ,उत्पादक गैस ,हाइड्रोजन गैस ,सी एन जी। 

कुछ प्रमुख ईंधन :
  • गोबर गैस (Dung Gas) - गोबर गैस का उत्पादन बायोगैस गोबर तथा अन्य कृषि अपशिष्ट से प्राप्त किया जाता है। गोबर तथा अन्य अपशिष्टों को पानी के साथ मिलाकर पाचित्र (digester) में डाल दिया जाता है। वायु की अनुपस्थिति में जीवभार अपघटित होता है तथा दाह्य गैस उत्पन्न करता है यह गैस बायोगैस कहलाती है। बचा हुआ अवशेष बायोगैस को निकाले जाने के पश्चात पौधों के लिए उर्वरक की तरह प्रयोग किया जाता है।
  • राकेट ईंधन (rocket fuel) - राकेट ईंधन को नोदक कहा जाता हैं। यह ऑक्सीडाइज़र के संयोग से बनता हैं जैसे तरलीय ऑक्सीजन।
  • कैरोसिन (kerosene) - यह कार्बन परमाणु वाले हाइड्रोकार्बन का मिश्रण होता हैं। इसका प्रयोग जेट विमान में किया जाता है जबकि साधारण कैरोसिन का प्रयोग घरों के कार्यों में प्रयोग किया जाता है। 
  • पैट्रोलियम (Petroleum)एक गाड़ी गहरे रंग का प्रतिदीप्ति द्रव होता है। इसकी गंध बहुत विचित्र तथा अप्रिय होती है। पेट्रोलियम पृथ्वी के अंदर अवसादी चट्टानों के रूप में होता है। भूगर्भ से यह कीचड़ के समान काले तेल के रूप में प्राप्त होता है खनिज तेल को शुद्ध करने के बाद इससे पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, मोम, ग्रीस आदि पदार्थ प्राप्त किए जाते हैं। पेट्रोलियम शब्द का अर्थ होता है चट्टानों का तेल क्योंकि यह पृथ्वी के बहुत अंदर गहरी चट्टानों में उपस्थित रहता है। पेट्रोलियम को कच्चा तेल भी कहते हैं।
  • कोल गैस (Coal Gas) - कोयले को वायु को अनुपस्थित में जलने पर जो गैस प्राप्त होती है उसे कोल गैस कहते हैं। अतः कोल गैस कोयले के भंजक आसवन द्वारा प्राप्त होती हैं। उन्नीसवीं शताब्दी में लन्दन तथा 1930 तक मुंबई की गलियों में प्रकाश के लिए कोल गैस का ही प्रयोग किया जाता था। 
  • गैसोलीन (gasoline) - इसे पेट्रोल भी कहा जाता है। कार में उपयोग किये जाने वाले पेट्रोल की गुणवत्ता को उसके एंटी नॉक के गन द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इसका उपयोग वाहनों में किया जाता हैं। 


आदर्श ईंधनों के गुणधर्म (Characteristics of an Ideal Fuels)
एक आदर्श ईंधन में निम्नलिखित गुणधर्म होने चाहिए -

  • सस्ता तथा सुलभ 
  • दहन की संतुलित दर 
  • दहन के उपरान्त विषैले तथा ज्वलनशील पदार्थों की अनुपस्थिती। 
  • दहन के उपरान्त अवशिष्ट या राख की अनुपस्थिति। 
  • उच्च उष्मीय मान अर्थात द्रव्यमान की इकाई दर से बड़ी मात्रा में ऊष्मा की उत्पत्ति। 
  • भंडारण तथा परिवहन की दृष्टि से सुलभ तथा सुरक्षित। 
  • ज्वलन ताप सामान्य ताप से अधिक। 

ईंधन का उष्मीय मान (Calorific Value of Fuel)
किसी ईंधन के एक ग्राम द्रव्यमान को ,वायु अथवा ऑक्सीजन की उपस्थिति में पूरी तरह जलने से उत्पन्न ऊष्मा, उस ईंधन का उष्मीय मान अथवा कैलोरी मान कहलाता हैं। कैलोरी मान को किलोजूल प्रतिग्राम में दर्शाया जाता है। कभी कभी कैलोरी प्रति ग्राम मात्रक का भी प्रयोग किया जाता हैं। 

कुछ विशिष्ट ईंधनों का कैलोरी मान इस प्रकार हैं -

       ईंधन              -             कैलोरी मान 
      लकड़ी             -               17 kJ/g 
      कोयला            -               30 kJ/g
      कोक               -               33 kJ/g
     चारकोल           -               35 kJ/g                          
     कैरोसिन           -               45 kJ/g
       उपले              -                7 kJ/g
    ईंधन तेल            -               45 kJ/g
      पेट्रोल               -               50 kJ/g
 तरल पेट्रोल गैस      -              50 kJ/g
     बायोगैस             -              35/40 kJ/g
       मेथेन                -              55 kJ/g
    हाइड्रोजन            -             150 kJ/g

यह ईंधनों का उष्मीय मान है जिसके द्वारा हम उस ईंधन द्वारा उत्पन ऊष्मा के मान पता लगा सकते हैं। 

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