ताप मापन की परिभाषा (Definition of Temperature Measurement)|hindi


ताप मापन की परिभाषा (Definition of Temperature Measurement)


ताप मापन(Temperature Measurement)|hindi


ताप मापन को हम आसान से उदाहरण को देख कर समझ सकते हैं। यह आप सरलता से अपने घर में देख सकते हैं। इसे समझने के लिए कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं -

साधारणतः हम कोई भी दो वस्तुओं को छूकर बता सकते हैं कि उनमें से कौनसी अधिक गर्म है, अर्थात् किसका ताप ऊँचा है। परन्तु यदि उनके तापों में अन्तर बहुत कम है तब छूने से हमें उस अन्तर का ज्ञान नहीं हो सकता। 

इसके अतिरिक्त केवल छूकर ही ताप के विषय में निर्णय करने में त्रुटि हो सकती है। उदाहरणार्थ, धूप में पड़े लोहे व लकड़ी के टुकड़ों को छूने पर, लोहे का टुकड़ा लकड़ी के टुकड़े की अपेक्षा अधिक गर्म प्रतीत होता है, जबकि वास्तव में दोनों एक ही ताप पर हैं। इसी प्रकार,यदि हम अपना दायाँ हाथ तेज गर्म जल में तथा बायाँ हाथ ठण्डे जल में कुछ देर तक रखें तथा फिर दोनों हाथों को एक साथ गुनगुने (मामूली गर्म) जल में डाल दें तो दायें हाथ को यह जल ठण्डा तथा बॉयें हाथ को गर्म लगेगा। इन्हें आप घर पर आसानी से कर के अंतर देख सकते हैं। 

अतः किसी वस्तु के ताप को एक 'संख्या' (number) के द्वारा व्यक्त किया जाता है। इसके लिये ताप का एक मापक्रम (पैमाना) बनाना आवश्यक है। ऐसे यन्त्र को जिसमें यह पैमाना होता है 'तापमापी' (thermometer) कहते हैं।

ताप का मापक्रम बनाने के लिये पदार्थ की दो ऐसी स्थिर अवस्थाओं को चुना जाता है जिन्हें किसी भी समय सरलता से प्राप्त किया जा सकता है। इनमें से एक प्रमाणिक वायुमण्डलीय दाब पर गलते हुये बर्फ की अवस्था है तथा दूसरी उबलते हुए जल की अवस्था है। गलते हुए बर्फ के ताप को 'हिमाँक' (ice point) तथा उबलते हुए जल की भाप के ताप को 'भाप-बिन्दु' (steam point) कहते हैं। इन तापों को स्वेच्छ मान दिये गये हैं, तथा मानों के अन्तर को बराबर-बराबर भागों में बाँटा गया है। प्रत्येक भाग को 'डिग्री' (degree) कहते हैं जो कि ताप का मात्रक है।


डिग्रियों की माप करने के लिये किसी पदार्थ के किसी एक ऐसे गुण को चुन लेते हैं जो ताप के बदलने के साथ-साथ निरन्तर बदलता जाता है। साधारण कार्यों के लिए द्रव-तापमापी प्रयुक्त किये जाते हैं जिनमें ताप के साथ द्रवों के आयतन प्रसार का उपयोग किया जाता है। द्रवों में भी पारा सबसे अधिक उपयुक्त होता है। अतः पारे के तापमापी सबसे अधिक काम में लाये जाते हैं।






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