ताप तथा ताप मापन की परिभाषा तो हम पहले पढ़ चुके हैं लेकिन ताप को मापने के लिए कुछ पैमानों का उपयोग किया जाता हैं जोंका वर्णन हम आज नीचे करेंगे।
ताप के निम्न तीन पैमाने प्रचलित हैं जिनका वर्णन इस प्रकार हैं -:
- सेल्सियस अथवा सेन्टीग्रेड पैमाना (Celsius or Centigrade Scale)
- फारेनहाइट पैमाना (Fahrenheit Scale)
- कैल्विन अथवा परम पैमाना (Kelvin or Absolute Scale)
(1) सेल्सियस अथवा सेन्टीग्रेड पैमाना (Celsius or Centigrade Scale) : इस पैमाने को स्वीडन के वैज्ञानिक सेल्सियस ने सन् 1742 में प्रचलित किया था। इसमें हिमांक को 0°C तथा भाप बिन्दु को 100°C माना गया है। तथा इनके अन्तर को 100 समान भागों (डिग्रियों) में बांटा गया है। साधारण वैज्ञानिक कार्यों में अधिकतर इसी पैमाने का उपयोग होता है।
(2) फारेनहाइट पैमाना (Fahrenheit Scale) : इस पैमाने को जर्मनी के वैज्ञानिक फारेनहाइट ने सन् 1710 में प्रचलित किया था। इसमें हिमांक को 32°F तथा भाप-बिन्दु को 212°F मानकर, उनके अन्तर को 180 डिग्रियों में बाँटा गया है। इसका उपयोग ऋतुविज्ञान में तथा डाक्टरों द्वारा मनुष्य के शरीर का ताप देखने के लिये किया जाता है।
चूँकि 100 सेन्टीग्रेड डिग्रियाँ ठीक 180 फारेनहाइट डिग्रियों के बराबर हैं, अतः 1 सेन्टीग्रेड डिग्री ठीक 9/5 फारेनहाइट डिग्रियों के बराबर है।
स्पष्ट है कि यदि किसी वस्तु का ताप सेन्टीग्रेड मापक्रम पर C हो, तो फारेनहाइट मापक्रम पर उसका मान
अथवा
(3) कैल्विन अथवा परम पैमाना (Kelvin or Absolute Scale) : इस पैमाना को लार्ड कैल्विन ने सन् 1852 में प्रचलित किया था। इसमें हिमाँक को 273K तथा भाप बिन्दु को 373K मानकर उनके अन्तर को 100 डिग्रियों में बांटा गया है। इस प्रकार, 1 कैल्विन डिग्री ठीक 1 सेन्टीग्रेड डिग्री के बराबर होती है। अतः सेन्टीग्रेड पैमाने पर मापे गये ताप में 273 जोड़कर उसका मान कैल्विन पैमाने पर प्राप्त किया जा सकता है। यदि किसी वस्तु का ताप सेन्टीग्रेड पैमाने पर C हो, तो कैल्विन पैमाने पर उसका मान
चूँकि 100 सेन्टीग्रेड डिग्रियाँ ठीक 180 फारेनहाइट डिग्रियों के बराबर हैं, अतः 1 सेन्टीग्रेड डिग्री ठीक 9/5 फारेनहाइट डिग्रियों के बराबर है।
स्पष्ट है कि यदि किसी वस्तु का ताप सेन्टीग्रेड मापक्रम पर C हो, तो फारेनहाइट मापक्रम पर उसका मान
F = 32+ 9/5 C
C/5 = F- 32/9 ...(i)
K = 273 + C
अथवाC = K – 273 ...(ii)
कैल्विन पैमाने पर मापे गये ताप को 'परम ताप' (absolute temperature) कहते हैं। अतः इस पैमाने को परम ताप पैमाना भी कहते हैं।
उपरोक्त सम्बन्ध के अनुसार, यदि C= - 273° हो, तो K = 0 होगा। इस प्रकार - 273°C ताप, परमताप पैमाने पर O K पर है। - 273°C ताप को 'परम शून्य' (absolute zero) कहते हैं। यह न्यूनतम सम्भव ताप है, इससे नीचा ताप सम्भव नहीं है। अतः परम ताप पैमाने पर ऋणात्मक ताप नहीं हो सकता।
समी० (i) व (ii) से हम तीनों पैमानों के पारस्परिक सम्बन्ध को निम्न प्रकार लिख सकते हैं :
उपर्युक्त पैमानों के द्वारा हम ताप को अलग अलग पैमानों द्वारा मापते हैं तथा उनका मान निकाल सकते हैं।
उपरोक्त सम्बन्ध के अनुसार, यदि C= - 273° हो, तो K = 0 होगा। इस प्रकार - 273°C ताप, परमताप पैमाने पर O K पर है। - 273°C ताप को 'परम शून्य' (absolute zero) कहते हैं। यह न्यूनतम सम्भव ताप है, इससे नीचा ताप सम्भव नहीं है। अतः परम ताप पैमाने पर ऋणात्मक ताप नहीं हो सकता।
समी० (i) व (ii) से हम तीनों पैमानों के पारस्परिक सम्बन्ध को निम्न प्रकार लिख सकते हैं :
C/5 = F - 32 / 9 = K - 278 / 5
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