स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा से J की गणना |hindi


स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा से J की गणना
स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा से J की गणना |hindi

स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा से J की गणना करना

यदि कोई वस्तु जिसका द्रव्यमान m है, पृथ्वी से ऊँचाई h तक उठायी जाये तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है। यह कार्य m g h के बराबर होता है जो वस्तु में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहता है। जब वह वस्तु पृथ्वी पर गिरती है तो यह ऊर्जा ऊष्मा में बदल जाती है तथा वस्तु का ताप बढ़ जाता है। यदि वस्तु के पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा s व ताप में वृद्धि t°C हो, तो उत्पन्न हुई ऊष्मा की मात्रा m s t होगी। यदि कुल स्थितिज ऊर्जा का ऊष्मा में रूपान्तरण हुआ है, तो जूल के तुल्यता नियम J = W/H के अनुसार,

                     J= m g h / m s t

इसी प्रकार, यदि द्रव्यमान m की वस्तु, वेग v से चल रही हो, तो उसकी गतिज ऊर्जा 1/2 mv² होगी। यदि वह वस्तु किसी दूसरी वस्तु से टकराकर एकदम रुक जाये तो उसकी गतिज ऊर्जा ऊष्मा के रूप में बदल जाती है। अतः यदि वस्तु के ताप में t°C की वृद्धि हो तो

                    J= 1/2 mv² / m s t

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