भार तथा द्रव्यमान की परिभाषा
जिस बल से पृथ्वी किसी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है, वह उसका भार (weight) कहलाता है। इसका मान पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर भिन्न होता है।
किसी वस्तु में विद्यमान द्रव्य के सम्पूर्ण परिमाण (magnitude) को उस वस्तु का द्रव्यमान (mass) कहते हैं। द्रव्यमान को संहति या मात्रा भी कहते हैं। इसका मान सभी स्थानों पर निश्चित (constant) रहता है।
द्रव्यमान तथा भार में सम्बन्ध
किसी वस्तु के भार (w) तथा उसके द्रव्यमान (m) के सम्बन्ध को निम्नलिखित समीकरण द्वारा प्रदर्शित करते हैं
w=mg
जहाँ g गुरुत्व जनित त्वरण है।
गुरुत्व जनित त्वरण (g) का मान GM/R² के बराबर होता है, जहाँ G गुरुत्वाकर्षण नियतांक, M पृथ्वी का द्रव्यमान तथा R पृथ्वी के केन्द्र से उस वस्तु की दूरी है। चूँकि विभिन्न स्थानों पर R का मान भिन्न होता है। अतः स्थान परिवर्तन के कारण g के मान में परितर्वन होता है। g के मान में परिवर्तन होने के कारण w के मान में भी परिवर्तन होता है। अतः स्थान परिवर्तन के कारण द्रव्य के भार (w) में परिवर्तन हो जाता है जबकि द्रव्यमान (m) में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
जिस बल से पृथ्वी किसी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है, वह उसका भार (weight) कहलाता है। इसका मान पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर भिन्न होता है।
किसी वस्तु में विद्यमान द्रव्य के सम्पूर्ण परिमाण (magnitude) को उस वस्तु का द्रव्यमान (mass) कहते हैं। द्रव्यमान को संहति या मात्रा भी कहते हैं। इसका मान सभी स्थानों पर निश्चित (constant) रहता है।
द्रव्यमान तथा भार में सम्बन्ध
किसी वस्तु के भार (w) तथा उसके द्रव्यमान (m) के सम्बन्ध को निम्नलिखित समीकरण द्वारा प्रदर्शित करते हैं
w=mg
जहाँ g गुरुत्व जनित त्वरण है।
गुरुत्व जनित त्वरण (g) का मान GM/R² के बराबर होता है, जहाँ G गुरुत्वाकर्षण नियतांक, M पृथ्वी का द्रव्यमान तथा R पृथ्वी के केन्द्र से उस वस्तु की दूरी है। चूँकि विभिन्न स्थानों पर R का मान भिन्न होता है। अतः स्थान परिवर्तन के कारण g के मान में परितर्वन होता है। g के मान में परिवर्तन होने के कारण w के मान में भी परिवर्तन होता है। अतः स्थान परिवर्तन के कारण द्रव्य के भार (w) में परिवर्तन हो जाता है जबकि द्रव्यमान (m) में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
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