जब दो तत्व परस्पर रासायनिक संयोग करके एक से अधिक यौगिक बनाते हैं तो एक तत्व के समान द्रव्यमान से संयोग करने वाले दूसरे तत्व के द्रव्यमानों में एक सरल गुणित अनुपात होता है।
गुणित अनुपात के नियम को निम्नलिखित उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-
कार्बन (C) और ऑक्सीजन (O) परस्पर संयोग करके दो यौगिक कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO) तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO2 ) बनाते हैं। कार्बन मोनो-ऑक्साइड के 28 ग्राम में 12 ग्राम कार्बन तथा 16 ग्राम ऑक्सीजन होते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड के 44 ग्राम में 12 ग्राम कार्बन तथा 32 ग्राम ऑक्सीजन होते हैं।
इन यौगिकों में कार्बन के 12 ग्राम से संयुक्त होने वाले ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 16 ग्राम : 32 ग्राम अर्थात् 1:2 है। यह एक सरल गुणित अनुपात है। यह गुणित अनुपात के नियम के अनुरूप है।
- द्रव्यमान सरंक्षण या द्रव्य की अविनाशिता का नियम (Law of Conservation of Mass)|hindi
- स्थिर या निश्चित अनुपात का नियम (Law of Constant Proportion)|hindi
गुणित अनुपात के नियम के अपवाद-
अनेक यौगिकों के लिये यह नियम सत्य नहीं होता है। उदाहरण के लिए - हाइड्रोकार्बनों CH4, C10H22 तथा C40 H82 में कार्बन के समान द्रव्यमान से संयुक्त होने वाले हाइड्रोजन के द्रव्यमानों का अनुपात 80 : 44 : 41 है जिसे एक सरल गुणित अनुपात नहीं कहा जा सकता है।
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