गे-लुसाक का गैसीय आयतन सम्बन्धी नियम (Gay-Lussac's Law)hindi


गे-लुसाक का गैसीय आयतन सम्बन्धी नियम (Gay-Lussac's Law of Gaseous Volumes)
गे-लुसाक का गैसीय आयतन सम्बन्धी नियम (Gay-Lussac's Law)hindi

इस नियम के अनुसार -

जब गैसें परस्पर अभिक्रिया करती हैं तो समान ताप और दाब पर उनके आयतनों में एक सरल अनुपात होता है। यदि उत्पाद भी गैसें हों तो समान ताप और दाब पर अधिकारकों और उत्पादों के आयतनों में भी एक सरल अनुपात होता है। उदाहरण के लिए-

एक आयतन हायड्रोजन तथा एक आयतन क्लोरीन गैसे अभिक्रिया करती हैं तो हाइड्रोजन क्लोराइड गैस बनती है। यदि इन तीनों गैसों के आयतन, ताप और दाब की समान अवस्था में मापे जायें तो यह ज्ञात होता है कि अभिक्रिया में प्रयुक्त हाइड्रोजनक्लोरीन गैसों तथा अभिक्रिया से बनी हाइड्रोजन क्लोराइड गैस के आयतनों में सदैव 1:1:2 का अनुपात होता है। यदि अभिक्रिया में 10 लिटर हाइड्रोजन गैस प्रयुक्त होती है तो अभिक्रिया में प्रयुक्त हुई क्लोरीन गैस का आयतन भी 10 लिटर ही होगा तथा अभिक्रिया से प्राप्त हाइड्रोजन क्लोराइड गैस का आयतन 20 लिटर होगा।

2. इसी प्रकार जब नाइट्रोजन तथा हाइड्रोजन संयुक्त होकर अमोनिया बनाती हैं तो समान ताप तथा दाब पर इन तीनों गैस के आयतनों में 1:3:2 का सरल अनुपात होता है।

उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा हम गे-लुसाक का गैसीय आयतन सम्बन्धी नियम को सरलता से समझ सकते हैं।

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