रासायनिक अभिक्रिया (Chemical Reactions) किसे कहते हैं ?: परिभाषा, प्रकार
परिभाषा (Definition)
वे क्रियाएँ जिनमें पदार्थों के संगठन, गुणों तथा संरचना में परिवर्तन होता है, अभिक्रियाएँ (reactions) कहलाती हैं।
2. प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ (Substitution Reactions)
वे अभिक्रियाएँ जिनमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा परमाणुओं के समूह के स्थान पर कोई दूसरा परमाणु अथवा परमाणुओं का समूह आ जाता है, प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
3. अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ (Irreversible Reactions)
जब पोटैशियम क्लोरेट (KCIO3) को गरम किया जाता है तब पोटैशियम क्लोराइड (KCI) तथा ऑक्सीजन प्राप्त होते हैं। पोटैशियम क्लोराइड तथा ऑक्सीजन को किसी भी अनुपात अथवा किन्ही भी अवस्थाओं में मिलाने पर पुनः पोटैशियम क्लोरेट प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
उपरोक्त अभिक्रिया केवल एक ही दिशा में सम्पन्न हो सकती हैं। इन अभिक्रियाओं को अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहते हैं। अतः वे अभिक्रियाएँ जो केवल एक ही दिशा में सम्पन्न हो सकती हैं, अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
4. उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ (Reversible Reactions)
उपरोक्त दोनों अभिक्रियाएँ समान परिस्थितियों में होती हैं। पहली अभिक्रिया में जो उत्पाद है वही दूसरी अभिक्रिया में अभिकारक है। दूसरी अभिक्रिया में जो उत्पाद है वही पहली अभिक्रिया में अभिकारक है। अतः ये अभिक्रियाएँ अग्र (forward) तथा विपरीत (backward) दोनों दिशाओं में चल सकती है। इस प्रकार की अभिक्रियाओं को उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहते हैं। अत: वे अभिक्रियाएँ जो समान परिस्थितियों में दोनों दिशाओं में चल सकती हैं, उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
अपघटन अभिक्रियाएँ (decomposition Reactions)
ये अभिक्रियाएँ समान परिस्थितियों में अग्र तथा विपरीत दोनों दिशाओं में चल सकती हैं।
उभय-अपघटन अभिक्रिया (double decomposition)
अभिक्रियाएँ दो प्रकार की होती हैं -
नाभिकीय अभिक्रियाओं में परमाणुओं के नाभिक भाग लेते हैं। इन अभिक्रियाओं में परमाणुओं का स्वरूप परिवर्तित हो जाता है अर्थात् एक प्रकार के परमाणु दूसरे प्रकार के परमाणुओं में परिवर्तित हो जाते हैं। रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणुओं के बाह्यतम इलेक्ट्रॉन भाग लेते हैं। इस प्रकार रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणु लगभग अविभाज्य रूप में भाग लेते हैं तथा उनका निजी स्वरूप नष्ट नहीं होता है।
रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेने वाले पदार्थों के अणु सर्वप्रथम परमाणुओं अथवा परमाणुओं के समूहों में विभक्त हो जाते हैं। इसके उपरान्त परमाणुओं अथवा परमाणुओं के समूहों की पुन: व्यवस्था (rearrangement) होती है। तथा नए अणु बन जाते हैं। इस प्रकार रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणुओं के मध्य बने कुछ पुराने बन्ध टूट जाते हैं, कुछ नए बन्ध बन जाते हैं तथा एक प्रकार के अणु दूसरे प्रकार के अणुओं में परिवर्तित हो जाते हैं।
- नाभिकीय अभिक्रियाएँ (nuclear reactions)
- रासायनिक अभिक्रियाएँ (chemical reactions)
रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेने वाले पदार्थों के अणु सर्वप्रथम परमाणुओं अथवा परमाणुओं के समूहों में विभक्त हो जाते हैं। इसके उपरान्त परमाणुओं अथवा परमाणुओं के समूहों की पुन: व्यवस्था (rearrangement) होती है। तथा नए अणु बन जाते हैं। इस प्रकार रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणुओं के मध्य बने कुछ पुराने बन्ध टूट जाते हैं, कुछ नए बन्ध बन जाते हैं तथा एक प्रकार के अणु दूसरे प्रकार के अणुओं में परिवर्तित हो जाते हैं।
इस प्रकार रासायनिक अभिक्रियाओं में पदार्थों के अणुओं के संघटन तथा संरचना में परिवर्तन होता है जिसके कारण पदार्थों के गुण भी परिवर्तित हो जाते हैं। उदाहरणार्थ- जब जिंक ऑक्साइड को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल में डालते हैं तो निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रिया होती है
रासायनिक अभिक्रियाएँ क्यों होती हैं - हम जानते हैं कि सभी भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तन ऊर्जा परिवर्तन के साथ सम्पन्न होते हैं। यदि किसी निकाय (तन्त्र, system) की ऊर्जा अधिक है तो वह कम स्थायी होता है तथा यदि ऊर्जा कम है तो वह अधिक स्थायी होता है।
ZnO + H2SO4 ⟶ ZnSO4 + H2O
यदि एक चाक के टुकड़े को हाथ से छोड़ दिया जाए तो वह नीचे गिर जाता है। इसका कारण यह है कि हाथ चाक के टुकड़े की स्थितिज ऊर्जा (mgh) अधिक है तथा वह कम स्थायी है। जमीन पर चाक के टुकड़े की स्थितिज ऊर्जा कम है तथा वह अधिक स्थायी है। सभी पदार्थ स्थायित्व प्राप्त करने की प्रवृत्ति रखते हैं। अतः चाक का टुकड़ा नीचे गिर जाता है।
इसी प्रकार जब दो या दो से अधिक पदार्थों को ताप, दाब या अन्य कारकों के प्रभाव में एक दूसरे के सम्पर्क में लाया जाता है तो वे स्थायित्व प्राप्त करने हेतु कुछ अन्य पदार्थों में परिवर्तित हो सकते हैं।
यदि अधिक स्थायित्व वाले पदार्थों का निर्माण होता है तो रासायनिक अभिक्रिया सम्पन्न हो जाती है। यदि अधिक स्थायित्व वाले पदार्थ प्राप्त नहीं होते हैं तो रासायनिक अभिक्रिया सम्पन्न नहीं होती है।
किसी रासायनिक अभिक्रिया में अधिकारकों की मुक्त ऊर्जा (free energy) उत्पादों की मुक्त ऊर्जा से अधिक होती है तथा मुक्त ऊर्जा परिवर्तन (ΔG) का मान ऋणात्मक होता है।
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार (Types of Chemical Reactions)
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार (Types of Chemical Reactions)
अनेकों रासायनिक अभिक्रियाएँ ज्ञात हैं। इनमें अनेकों समानताएँ पायी जाती हैं। यदि कुछ अभिक्रियाओं में एक विशेष समानता है तो उस समानता के आधार पर ये अभिक्रियाएँ एक ही प्रकार की अभिक्रियाएँ कहलायेंगी। इसी प्रकार यदि कुछ अभिक्रियाओं में किसी दूसरे प्रकार की समानता है तो उस समानता के आधार पर इन अभिक्रियाओं को एक दूसरा विशेष नाम दिया जा सकता है तथा ये अभिक्रियाएँ एक विशेष प्रकार की अभिक्रियाएँ कहलायेंगी।
अतः समानताओं के आधार पर रासायनिक अभिक्रियाएँ कई प्रकार की होती हैं। रासायनिक अभिक्रियाओं के मुख्य प्रकार निम्नलिखित है-
1. योगात्मक अभिक्रियाएँ (Addition Reactions)
वे अभिक्रियाएँ जिनमें दो या दो से अधिक पदार्थ संयोग करके केवल एक पदार्थ बनाते हैं, योगात्मक अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
- योगात्मक अभिक्रियाएँ (Addition Reactions)
- प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ (Substitution Reactions)
- अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ (Irreversible Reactions)
- उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ (Reversible Reactions)
- ऊष्माक्षेपी तथा ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ (Exothermic and Endothermic Reactions)
1. योगात्मक अभिक्रियाएँ (Addition Reactions)
वे अभिक्रियाएँ जिनमें दो या दो से अधिक पदार्थ संयोग करके केवल एक पदार्थ बनाते हैं, योगात्मक अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
2. प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ (Substitution Reactions)
वे अभिक्रियाएँ जिनमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा परमाणुओं के समूह के स्थान पर कोई दूसरा परमाणु अथवा परमाणुओं का समूह आ जाता है, प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
3. अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ (Irreversible Reactions)
जब पोटैशियम क्लोरेट (KCIO3) को गरम किया जाता है तब पोटैशियम क्लोराइड (KCI) तथा ऑक्सीजन प्राप्त होते हैं। पोटैशियम क्लोराइड तथा ऑक्सीजन को किसी भी अनुपात अथवा किन्ही भी अवस्थाओं में मिलाने पर पुनः पोटैशियम क्लोरेट प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
2KClO3 → 2KCl + 3O2
4. उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ (Reversible Reactions)
जब लाल तप्त लोहे पर भाप प्रवाहित की जाती है तो लोहे का चुम्बकीय ऑक्साइड (Fe3 O4) तथा हाइड्रोजन गैस प्राप्त होते हैं।
3Fe + 4H2O ⟶ Fe3O4 + 4H2
अपघटन अभिक्रियाएँ (decomposition Reactions)
वह अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ के अणु दो या दो से अधिक सरल अणुओं में विभाजित हो जाते हैं, अपघटन (decomposition) कहलाती है। यह अभिक्रिया सामान्यतः ऊष्मा या विद्युत् के प्रभाव में सम्पन्न होती है। ऊष्मा के प्रभाव में अपघटन को ऊष्मीय अपघटन (thermal decomposition) तथा विद्युत् के प्रभाव में अपघटन को वैद्युत-अपघटन (electrolysis) कहते है।
इन अभिक्रियाओं के उत्पादों को मिलाने पर किन्हीं भी अवस्थाओं में पुनः प्रारम्भिक पदार्थ प्राप्त नहीं किये जा सकते हैं।
वियोजन अभिक्रियाएँ
वह उत्क्रमणीय अभिक्रिया जिसमें, किसी पदार्थ के अणु दो या दो से अधिक सरल अणुओं में विभाजित हो जाते हैं, वियोजन (dissociation) कहलाती है।
स्पष्ट है कि अपघटन और वियोजन अभिक्रियाएँ एक समान हैं, केवल अन्तर यह है कि अपघटन अभिक्रियाएँ अनुत्क्रमणीय होती हैं जबकि वियोजन अभिक्रियाएँ उत्क्रमणीय होती हैं।
यदि वियोजन अभिक्रिया ऊष्मा के प्रभाव में सम्पन्न होती है तो उसे ऊष्मीय वियोजन (thermal dissociation) कहते हैं। ऊष्मीय वियोजन के उदाहरण निम्नलिखित हैं —
2KClO3 → 2KCl + 3O2
2FeSO4 → Fe2O3 + SO2 + SO3
इन अभिक्रियाओं के उत्पादों को मिलाने पर किन्हीं भी अवस्थाओं में पुनः प्रारम्भिक पदार्थ प्राप्त नहीं किये जा सकते हैं।
वियोजन अभिक्रियाएँ
वह उत्क्रमणीय अभिक्रिया जिसमें, किसी पदार्थ के अणु दो या दो से अधिक सरल अणुओं में विभाजित हो जाते हैं, वियोजन (dissociation) कहलाती है।
स्पष्ट है कि अपघटन और वियोजन अभिक्रियाएँ एक समान हैं, केवल अन्तर यह है कि अपघटन अभिक्रियाएँ अनुत्क्रमणीय होती हैं जबकि वियोजन अभिक्रियाएँ उत्क्रमणीय होती हैं।
यदि वियोजन अभिक्रिया ऊष्मा के प्रभाव में सम्पन्न होती है तो उसे ऊष्मीय वियोजन (thermal dissociation) कहते हैं। ऊष्मीय वियोजन के उदाहरण निम्नलिखित हैं —
PCl5 ⇌ PCl3 + Cl2
NH4Cl ⇌ NH3 + HCl
2Hl ⇌ H2 + l2
N2O4 ⇌ 2NO2
ये अभिक्रियाएँ समान परिस्थितियों में अग्र तथा विपरीत दोनों दिशाओं में चल सकती हैं।
उभय-अपघटन अभिक्रिया (double decomposition)
जिन अभिक्रियाओं में यौगिकों के आयनों अथवा अन्य घटकों की अदला-बदली (विनिमय, exchange) होती है, उभय-अपघटन (double decomposition) कहलाती है। उदाहरणार्थ
AgNO3 + NaCl → AgCl + NaNO3
CH3COOH + NaOH → CH3COONa + HOH
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