कॉकरोच का कंकाल (Skeleton of Cockroach)|hindi


कॉकरोच का कंकाल (Skeleton of Cockroach)
कॉकरोच का कंकाल (Skeleton of Cockroach)|hindi

कॉकरोच का कंकाल अन्तः तथा बाह्य दो भागों में बंटा होता है। इसका वर्णन इस प्रकार हैं -

1. बाह्य कंकाल (Exoskeleton)
यह शरीर पर मोटी एवं दृढ़ काइटिनयुक्त उपचर्म अर्थात् क्यूटिकल (cuticle) का आवरण होता है जो,
(क) शरीर को दृढ़ता एवं सुरक्षा देता
(ख) जलक्षति को रोकता
(ग) पेशियों को सन्धि स्थान देता है

प्रत्येक खण्ड का बाह्य कंकाल चार अलग प्लेटनुमा टुकड़ों या स्क्लीराइट्स (sclerites) का बना होता है- पृष्ठतलीय
टरगाइट (tergite), अधरतलीय स्टरनाइट (sternite) तथा पार्श्वों में एक-एक महीन प्ल्यूराइट्स (pleurites)
प्रत्येक खण्ड की चारों स्क्लीराइट्स लचीली झिल्लियों द्वारा परस्पर तथा आगे पीछे के खण्डों की स्क्लीराइट्स से जुड़ी होती हैं। इन झिल्लियों को संधिकलाएँ (articular or arthrodial membranes) कहते हैं। इन्हीं के कारण स्क्लीराइट्स कुछ सीमा तक एक-दूसरी के ऊपर हिल-डुल सकती हैं।

कॉकरोच के सिर का बाह्य कंकाल
सिर की सब स्क्लीराइट्स समेकित होकर एक दृढ़ सिर कोष (head capsule) बनाती हैं। कोष पर स्क्लीराइट्स की धुँधली संधि-रेखाएँ (sutures) होती हैं। ऑक्सीपट (occiput) नामक स्क्लीराइट सिर कोष का शिखर भाग या वर्टेक्स (vertex) बनाती है।
अल्पवयस्क कॉकरोच (निम्फ–nymph) में स्पष्ट, परन्तु वयस्क में अस्पष्ट, उल्टे 'Y' के आकार की एक ऐपीक्रेनियल संधि-रेखा (epicranial or medial suture) ऑक्सीपट को दो ऐपीक्रेनियल प्लेटों (epicranial plates) में बाँटती और इसे अन्य स्क्लीराइट्स से अलग करती है।
कॉकरोच का कंकाल (Skeleton of Cockroach)|hindi

वर्टेक्स के आगे, छोर की ओर, सिर कोष के सामने के (पृष्ठ) भाग में क्रमश: फ्रॉन्स (frons), क्लाइपियस (clypeus) तथा लैब्रम (labrum) और पार्श्वों में एक-एक जीना (gena) नामक स्क्लीराइट्स होती हैं। पीछे की ओर वाले (अधर) भाग में, ऑक्सीपिटल रन्ध्र के इधर-उधर, एक-एक पोस्टऑक्सीपट (postocciput) एवं पोस्टजीना (postgena) नामक स्क्लीराइट्स होती हैं। लैब्रम मुखद्वार को ऊपर से ढकता है।


ग्रीवा का बाह्य कंकाल
यह काइटिन की दो पृष्ठ, दो अधर तथा दो जोड़ी पार्श्व प्लेटों का बना होता है जिन्हें ग्रीवा प्लेटें (cervical plates) कहते हैं।

वक्ष तथा उदर भागों के बाह्य कंकाल: इन भागों में खण्डों की स्क्लीराइट्स स्पष्ट होती हैं। वक्ष भाग के खण्डों की टरगाइट्स मोटी एवं बड़ी होती हैं। इन्हें नोटा (nota) कहते हैं। प्रोथोरैक्स का प्रोनोटम (pronotum) बहुत बड़ा और ग्रीवा को भी ढके रहता है। मीसोथोरैक्स का मीसोनोटम एवं मेटाथोरैक्स का मेटानोटम (mesonotum and metanotum) छोटा होता है। इनसे एक-एक जोड़ी पंख लगे रहते हैं।

उदर खण्डों की स्क्लीराइट्स पतली होती हैं। इस भाग में दस टरगाइट्स होती हैं। नर एवं मादा, दोनों में 8वीं और 9वीं टरगाइट्स अधिकांश 7वीं से ढकी रहती हैं। 10वीं दोनों में नाव के आकार की तथा पीछे की ओर द्विपालित (bilobed) होती है।

5वीं तथा छठी टरगाइट्स के बीच की संधि-कला पर एक जोड़ी ग्रन्थियाँ (glands) होती हैं। सम्भवतः इनसे स्रावित पदार्थ शत्रुओं को भगाने में सहायक होता है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, ये ग्रन्थियाँ केवल नर में होती हैं और जननकाल में मादा को मैथुन के लिए उत्तेजित करने वाले एक पदार्थ का स्रावण करती हैं। उदर के अधरतल पर नर में नौ तथा मादा में केवल सात स्टरनाइट्स (sternites) स्पष्ट होती हैं।
दोनों में प्रथम स्टरनाइट बहुत छोटी होती है। मादा की अन्तिम (7वीं) स्टरनाइट बड़ी एवं नौकाकार होती है। यह 8वीं और 9वीं से मिलकर गाइनैट्रियम (gynatrium) नामक कक्ष (chamber) बनाती है जिसके पश्च भाग को ऊथीकल कक्ष (oothecal chamber) कहते हैं, क्योंकि इसमें ककून (cocoon) बनते हैं। कक्ष के पीछे, 7वीं स्टरनाइट एक जोड़ी अण्डाकार प्लेटों के रूप में उभरी रहती है जिन्हें गाइनोवैलव्यूलर प्लेट्स (gynovalvular plates) या ऐपीकल लोन्स (apical lobes) कहते हैं। इन्हीं प्लेटों के बीच में मादा जनन छिद्र (female gonopore) होता है।

मादा के विपरीत, नर में 9वीं स्टरनाइट से एक जोड़ी छोटी गुद कण्टिकाएँ या स्टाइल्स (anal styles) निकली रहती हैं। ऐपीकल lobes तथा गुद कण्टिकाओं द्वारा क्रमशः मादा व नर कॉकरोच की पहचान की जाती है। नर एवं मादा, दोनों में, जनन छिद्र के चारों ओर स्थित, काइटिन की बनी, कई छोटी छोटी रचनाएँ प्रजनन में सहायता करती हैं। इन्हें गाइनैपोफाइसीज (gynapophyses) कहते हैं।


2. कॉकरोच का अन्त: कंकाल (Internal Skeleton)
कई स्थानों पर बाह्य कंकाल के प्रवर्ध (processes) शरीर में भीतर धँसकर अन्तःकंकाल बनाते हैं। इन्हें ऐपोडीम्स (apodemes) कहते हैं। ये पेशियों को सन्धि-स्थान देते हैं। तम्बू के आकार की एक प्लेट सिर का अन्तःकंकाल बनाती है। इसे टेन्टोरियम (tentorium) कहते हैं।
कॉकरोच का कंकाल (Skeleton of Cockroach)|hindi

इसके प्रमुख भाग या काय (body) में एक छिद्र होता है। काय से तीन जोड़ी भुजाएँ निकली रहती हैं—अग्र (anterior), पृष्ठ (dorsal) तथा पश्च (posterior) भुजाएँ। वक्ष भाग में प्रत्येक खण्ड की स्टरनाइट के अलग प्रवर्ध अन्तःकंकाल बनाते हैं। उदर भाग में अन्तःकंकाल नहीं होता है।

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