फलों का वर्गीकरण (Classification of Fruits)|hindi


फलों का वर्गीकरण (Classification of Fruits)
फलों का वर्गीकरण (Classification of Fruits)|hindi

फल मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
  1. एकल फल (Simple fruits)
  2. पुंजफल या समूह फल (Aggregate fruits = Etaerio fruits)
  3. संग्रथित फल (Composite fruits = Multiple fruits)
  1. एकल फल (Simple fruits) : ये फल एकाण्डपी अण्डाशय (monocarpellary ovary) अथवा बहुअण्डपी, युक्ताण्डपी अण्डाशय (multicarpellary, syncarpous ovary) से विकसित होते हैं।
  2. पुंजफल या समूह फल (Aggregate fruits = Etaerio fruits) : ये फल बहुअण्डपी, वियुक्ताण्डपी अण्डाशय (multicarpellary, apocarpous ovary) से विकसित होते हैं।
  3. संग्रथित फल (Composite fruits = Multiple fruits) : ये फल सम्पूर्ण पुष्पक्रम (inflorescence) से विकसित होकर बनते हैं।

एकल फल (SIMPLE FRUITS)
ये फल दो भागों में विभाजित किये गये हैं-
  1. शुष्क फल (Dry fruits)
  2. गूदेदार फल = मांसल फल (Succulent fruits = Fleshy fruits)
1. शुष्क फल (Dry fruits) : इन फलों में फलभित्ति (pericarp) विभिन्न स्तरों में विभेदित नहीं होती और ये गूदेदार (succulent) नहीं होते हैं।
2. गूदेदार फल = मांसल फल (Succulent fruits = Fleshy fruits) : इन फलों में फलभित्ति (pericarp), बाह्य फलभित्ति (epicarp), मध्य फलभित्ति (mesocarp) और अन्तः फलभित्ति (endocarp) में विभेदित हो जाती है तथा मध्य फलभित्ति (mesocarp) प्रायः सरस, गूदेदार (succulent) अथवा रेशेदार (fibrous) होती है। ये फल अस्फोटक (indehiscent) होते हैं जिस कारण बीज गूदा सड़ने के बाद ही अलग होते हैं।


1. शुष्क फल (Dry Fruits)
शुष्क फल निम्नलिखित तीन वर्गों में विभाजित किये गये हैं—
  • स्फोटक फल अथवा सम्पुटी फल (Dehiscent fruits or Capsular fruits) : इन फलों की फलभित्ति (pericarp) परिपक्व (mature) होने पर फट जाती है और बीज फलभित्ति (pericarp) से बाहर आ जाते हैं।
  • अस्फोटक या ऐकीनियल फल (Indehiscent or Achenial fruits) : ये फल परिपक्व (mature) होने पर फटते नहीं हैं तथा बीज फलभित्ति (pericarp) के अन्दर ही रहते हैं।
  • भिदुर फल (Schizocarpic or Splitting fruits) : ये फल परिपक्व (mature) होने पर, बहुत से एकबीजी फलांशुकों (mericarps) में विभक्त हो जाते हैं। फलांशुकों का निर्माण दो बीजों के बीच की फलभित्ति (pericarp) के अन्दर की ओर धँस जाने से होता है। किन्तु ये फलांशुक फिर फटते नहीं हैं। इस प्रकार, यह वर्ग स्फोटक (dehiscent) तथा अस्फोटक (indehiscent ) फलों की मध्य अवस्था है।



2. गूदेदार या मांसल फल (Succulent or Fleshy Fruits) 
गूदेदार या मांसल फल निम्नलिखित सात वर्गों में विभाजित किये गये हैं—
  1. अष्ठिफल (Drupe)
  2. सरस फल या बेरी (Berry or Bacca)
  3. पीपो (Pepo)
  4. हेस्पिरीडियम (Hesperidium)
  5. बालोस्टा (Balausta)
  6. एम्फीसारका (Amphisarca)
  7. पोम (Pome)


पुंजफल या समूह फल (Aggregate Fruits or Etaerio Fruits)
ये फल वास्तव में लघुफलों (fruitlets) के समूह हैं जो बहुअण्डपी (multicarpellary), वियुक्ताण्डपी (apocarpous) अण्डपों (carpels) से विकसित होते हैं। प्रत्येक अण्डप (carpel) एक लघुफल (fruitlet) बनाता है। इस प्रकार के छोटे छोटे लघु फलों (fruitlets) के समूह को जो एक पुष्प से उत्पन्न होते हैं पुंजफल (etaerio fruits) कहते हैं। इस समूह को उस लघुफल का समूह फल (aggregate fruits) कहते हैं, अर्थात् यदि लघुफल ऐकीन है तब पुंजफल को ऐकीनों का पुंज (etaerio of achenes) कहा जाता है। पुंजफल निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं-
  1. फॉलिकिल का पुंज (Etaerio of follicles)
  2. सरस फलों का पुंज (Etaerio of berries)
  3. अष्ठिफल का पुंज (Etaerio of drupes)
  4. ऐकीन का पुंज (Etaerio of achenes)


संग्रथित फल (Composite Fruits or Multiple Fruits)
इस प्रकार के फल सम्पूर्ण पुष्पक्रम (inflorescence) से विकसित होते हैं। इन्हें इन्फ्रक्टेसेन्स (infructescence) भी कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-
  1. सोरोसिस (Sorosis)
  2. अंजीरफल या साइकोनस (Syconus)

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