डीएनए का द्विगुणन (Replication of DNA)
Replication of DNA |
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द्विगुणन की प्रक्रिया (process of Replication)
DNA का Replication उन्हीं चार प्रकार के Deoxyribo Nucleotides से होता है जिनसे DNA का निर्माण होता है। DNA Nucleotides का एक बड़ा बहुलक है जिसमें दो Polynucleotides Chain एक जुड़वाँ कुण्डलिनि(Twin Helix) के रूप में गुथी(Twisted) रहती है। इस Helix में अनादर की ओर Nitrogenous Base तथा बाहर की ओर शुगर तथा फॉस्फोरिक अम्ल (Phosphoric Acid) होते हैं। दोनों Chains Hydrogen Bonds के द्वारा जुडी रहती हैं।
द्विगुणन(Replication) के समय कुछ Enzymes द्वारा Hydrogen Bonds एक-एक करके टूटते जाते हैं जिसके कारण DNA की दोनों कुण्डलिनि (Helix) एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं जिससे कोशिका में Adenine (A), Guanine (G), Thymine (T), Cytosine (C) के अणु स्वतंत्र अवस्था में मिलते है जो शुगर तथा फॉस्फोरिक अम्ल से मिलकर विभिन्न प्रकार के nucleotides का निर्माण करते हैं जो DNA Polymerase Enzymes द्वारा उत्प्रेरित होकर DNA के एक Half Helix की ओर आकर्षित होता है।
Half Helix में जिस स्थान पर Cytosine (C) होता है वहां Guanine (G) और जहाँ Adenine (A) है वहाँ Thymine (T) आकर्षित होते हैं और Hydrogen Bonds द्वारा बंधते चले जाते हैं और उचित रूप से क्रमबद्ध होकर दूसरे Nucleotides से जुड़े होते हैं। इस प्रकार DNA के छोटे-छोटे टुकड़े Polynucleotide Ligase Enzyme की सहायता से आपस में जुड़ जाते हैं। इस प्रकार अर्ध श्रृंखला पूर्ण सर्पिल श्रृंखला में परिवर्तित हो जाती हैं।
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