शैवाल (Algae)
सामान्य परिचय(General Introduction)
शैवाल पर्णहरिमयुक्त (Chlorophyllous) ,संवहन ऊतक रहित (Non-Vescular) थैलोफाइट्स (Thallophytes) होते हैं (Thallophytes-Thallophytes का अर्थ thallus Plants अर्थात ऐसे पौधे जिसे जड़ ,तने तथा पत्तियों में विभाजित नहीं कर सकते हैं। जैसे -शैवाल ,कवक बैक्टीरिया।)
इसमें सूक्ष्म एककोशिकीय पौधौं से लेकर विशालकाय बहुकोशिकीय पौधे पाए जाते हैं। इनमें क्लोरोफिल होने के कारण यह अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं लेकिन कुछ Thallophytes परजीवी तथा मृतोपजीवी भी होते हैं जैसे कवक।
इसमें सूक्ष्म एककोशिकीय पौधौं से लेकर विशालकाय बहुकोशिकीय पौधे पाए जाते हैं। इनमें क्लोरोफिल होने के कारण यह अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं लेकिन कुछ Thallophytes परजीवी तथा मृतोपजीवी भी होते हैं जैसे कवक।
Algae में भोजन स्टार्च के रूप में संचित रहता है।
वासस्थान (Habitat)
- शैवाल (Algae) ताजे जल ,गर्म जल के झरने भीगी मिट्टी ,पेड़ों के तने चट्टानों आदि कई स्थानों पर पाए जाते हैं।
- कुछ शैवाल (Algae)जल के ताल पर उपस्थित कीचड में पाए जाते हैं जैसे -कारा (Chara)।
- कुछ शैवाल (Algae) झील व तालाबों की किनारे पाए जाते हैं जैसे रिवूलेरिया (Rivularia)।
- कुछ शैवाल (Algae)गर्म जल के झरनों में रहकर 70-80℃ तक अपना जीवन -चक्र पूरा करते हैं जबकि कुछ शैवाल (Algae) 85℃ तापक्रम पर भी जीवित रहते हैं,जैसे ऑसिलेटोरिया ब्रेविस (Oscillatoria brevis),सिनकोकॉकस ऐलीगेटस (Synocococcus elegatus)।
- कुछ शैवाल (Algae) नम वाले स्थान पर पाए जाते हैं,जैसे ऊडोगोनियम (Oedogonium)।
- कुछ शैवाल (Algae) मनुष्य व दूसरे जंतुओं की आंतड़ियों में हल्के परजीवी के रूप में रहते हैं,जैसे ऑसीलेटरिया (Oscillatoria)।
- कुछ शैवाल (Algae) में Chromoplast पाया जाता हैं जिसके Pigment के कारण इनका रंग लाल होता है जिसे Red Algae कहते हैं। लाल महासागर का रंग लाल इन्हीं नीले-हरे शैवाल(Algae) की उपस्थिति के कारण होता हैं।
- कुछ शैवाल (Algae) चाय तथा कॉफी की पत्तियों पर परजीवी के रूप में पाए जाते हैं,जैसे सीफेल्यूरोस (Cephaleuros)।
- कुछ शैवाल (Algae) जंतुओं के शरीर के अंदर पाए जाते हैं,जैसे ज़ूक्लोरेला (Zoochlorella)।
- कुछ शैवाल (Algae) स्थलीय स्थानों पर मिट्टी की सतह पर भी उगते हैं,जैसे वोकैरिया (Vaucheria)।
विभिन्न प्रकार की शारीरिक रचना (Range of Vegetative Structure)-
शैवाल एककोशिकीय तथा बहुकोशिकीय होते हैं।
1. एककोशिकीय-
यह शैवाल दो प्रकार के होते हैं -
(a) चल (Motile)- इन शैवालों (Algae) में कशाभ (Flagella) के द्वारा गति होती है, जैसे क्लैमिडोमोनास (Chlamydomonas) ।
(b) अचल (Non-Motile)- इसमें कशाभ (Flagella) की अनुपस्थिति के कारण गति नहीं होती है,जैसे क्लोरेला (Chlorella),डायटम्स (Diatoms)।
2. बहुकोशिकीय
यह शैवाल (Algae) कई प्रकार के होते हैं -
(a) मण्डलीय (Colonia)- इन शैवाल (Algae) में अनेक कोशिकाएं समूह के रूप में व्यवस्थित होकर मण्डल बनाते हैं। कुछ मण्डलीय शैवालों में कोशिकाओं की संख्या नियत होती है और मण्डल की आकृति ,परिणाम निश्चित होते हैं। यह चल होते हैं और ऐसे मण्डल को चल मण्डल कहते हैं। जैसे-Volvox
परन्तु बहुकोशिकीय मण्डलीय शैवालों में एक दूसरे प्रकार के मण्डल ,कोकोयेड मण्डल (Coccoid colony) भी होती है। इनमें कोशिकाओं की संख्या अनियमित होती है और यह अचल होती हैं ,जैसे Hydrodictyon।
(b) एग्रीगेशन (Aggregation)- इनमें कोशिकाएँ एक अनियमित मण्डल के रूप में पाई जाती हैं। यह दो प्रकार की होती हैं -
- पामेलॉइड अवस्था (Palmelloid Forms)- इनमें कोशिकाएं म्यूसीलेज नामक एक लसलसे पदार्थ में दबी रहती है ,जैसे Tetraspora।
- डेंड्रॉयड मण्डल (Dendroid Colony)- इनमें कोशिकाएं म्यूसीलेज पदार्थ बनाकर इस प्रकार मुड़ जाती है कि पौधों की शाखाओं सी प्रतीत होती है,जैसे Prasinocladus ।
(c) सूत्रवत (Filamentous)- ये कई प्रकार के होते हैं -
- साधारण शाखीय (Simple Branched) - जैसे- क्लेडोफोरा (Cladophora)।
- साधारण अशाखीय (Simple Unbranched) - जैसे यूलोथ्रिक्स (Ulothrix)।
- हेटरोट्राइकस (Heterotrichous) - इसमें दो भाग पाए जाते हैं मुख्य भाग लेता हुआ तथा तथा दूसरा भाग ऊर्ध्वाधर अवस्था में सीधे खड़े रहते हैं,जैसे कोलिओकीट (Coleochaete)।
(d) आभासी मृदूतकीय (Pseudoparenchymatous)- कुछ शैवालों में तंतु निरंतर विभाजित होकर अनेक शाखाएं बनाते हैं। इनमें शैवालों के थैलस के मध्य केंद्रीय तंतु होता है जिनमें एक तंतु होता है उन्हें एकअक्षीय (Uniaxial) कहते हैं,जैसे पॉलिसाइफोनिया (Polysiphonia) तथा जिनमें अनेक केंद्रीय तंतु होते है उन्हें बहुअक्षीय (Multiaxial) कहते हैं,जैसे निमेलियन (Nemalian)।
(e) नलिकीय (Siphonous)- यह शैवाल एक नाली के रूप में होते हैं जिनमें पट (Septa) नहीं होता किन्तु असंख्य केन्द्रक होते हैं,जैसे वौकैरिया(Vaucheria) ।
(f) मृदूतकीय (Parenchymatous)- इन शैवालों में कोशिका विभाजन अनेक कोशिकाओं में होता है जिससे यह मृदूतकीय (Parenchymatous) बन जाती है,जैसे अल्वा (Ulva)।
पोषण (Nutrition)
- शैवाल (Algae) Autotrophic होते हैं क्योंकि यह Chlorophyll की उपस्थिति के कारण प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपने भोजन का निर्माण स्वयं करते हैं।
- कुछ शैवाल (Algae) परजीवी (Parasite) होते हैं जो चाय तथा कॉफी की पत्तियों में अंतराकोशिकीय (Intercellular Space) स्थानों में रहते हैं,जैसे -सीफेल्यूरोस (Cephaleuros)।
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