द्रव्यमान(Mass) तथा भार(Weight):परिभाषा, सूत्र तथा द्रव्यमान व भार में अंतर|hindi


द्रव्यमान(Mass) तथा भार(Weight):परिभाषा, सूत्र तथा द्रव्यमान व भार में अंतर 

द्रव्यमान (Mass)
किसी वस्तु में पदार्थ का जितना परिमाण होता है, वह उसका द्रव्यमान कहलाता है। किसी वस्तु का द्रव्यमान तब तक नहीं बदलता जब तक कि उस वस्तु का कोई भाग उससे अलग नहीं कर दिया जाता अथवा उसमें और कोई वस्तु नहीं मिला दी जाती। किसी वस्तु के द्रव्यमान पर पदार्थ की दशा परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 1 किलोग्राम बर्फ को पिघलाकर तौलने पर हम देखते हैं कि उसके बने जल का द्रव्यमान भी 1 किलोग्राम ही है। वस्तु का द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर समान रहता है।

सेमी-ग्राम- सेकण्ड प्रणाली में द्रव्यमान का मात्रक 'ग्राम' तथा मीटर-किलोग्राम-सेकण्ड प्रणाली में 'किलोग्राम' है।



भार (Weight)
जिस बल से पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर आकर्षित करती है, उसे उस वस्तु का भार कहते हैं। अतः यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान m हो, तो उस वस्तु का भार,

W = पृथ्वी द्वारा द्रव्यमान m पर लगाया गया आकर्षण बल

= G Mm/R²  जहाँ M पृथ्वी का द्रव्यमान व R उसकी त्रिज्या है
        = m GM/R²

हम पढ़ चुके हैं कि..... GM/R² = g

W = mg

भार = द्रव्यमान गुरुत्वीय त्वरण



द्रव्यमान (Mass) तथा भार (Weight) में अन्तर
किसी वस्तु का द्रव्यमान उस वस्तु में उपस्थित पदार्थ के परिमाण को कहते हैं। वस्तु को चाहे हम कहीं भी ले जायें उसका द्रव्यमान सदैव उतना ही रहता है। परन्तु किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे पृथ्वी उस वस्तु को अपनी ओर खींचती है। यदि वस्तु का द्रव्यमान m हो तथा गुरुत्वीय त्वरण g हो, तो वस्तु का भार mg होगा। चूंकि g का मान पृथ्वी पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर तथा पृथ्वी से ऊपर या नीचे जाने पर बदल जाता है, इसलिये वस्तु का भार भी स्थान बदलने पर बदल जाता है।

उदाहरण के लिए, पृथ्वी के केन्द्र पर किसी वस्तु का भार शून्य हो जाता है, जबकि उसका द्रव्यमान उतना ही रहता है जितना कि पृथ्वी के तल पर। यदि किसी स्थान पर m1 व m2 द्रव्यमान की दो वस्तुयें हों तथा गुरुत्वीय त्वरण g हो तो उस स्थान पर उन वस्तुओं के भार क्रमश: m1 g व m2 g होंगे। अतः किसी निश्चित स्थान पर वस्तुओं के भार उनके द्रव्यमानों के अनुक्रमानुपाती होते हैं।

भौतिक तुला सदैव द्रव्यमान नापती है जबकि कमानीदार तुला सदैव भार नापती है। यदि हम प्रयोगशाला में किसी को कमानीदार तुला पर लटकायें तथा फिर उसी वस्तु को पहाड़ की चोटी पर ले जाकर कमानीदार तुला से लटकायें तो दोनों अवस्थाओं में तुला भिन्न-भिन्न नाप देगी। इससे सिद्ध होता है कि पहाड़ की चोटी पर वस्तु का भार बदल जाता है।



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