मापन| मूल राशियाँ | SI, M.K.S, C.G.S, F.P.S पद्धिति


मापन| मूल राशियाँ | SI, M.K.S, C.G.S, F.P.S पद्धिति
मापन| मूल राशियाँ | SI, M.K.S, C.G.S, F.P.S पद्धिति

मापन (Measurement)

हम किसी भी भौतिक राशि की माप ज्ञात करने के लिए उस राशि के एक निश्चित परिमाण को 'मानक' (standard) मान लेते हैं तथा इस मानक को कोई नाम दे देते हैं। इसी को उस राशि का 'मात्रक' (unit) कहते हैं। किसी दी गई राशि की इसके मात्रक से तुलना करने को 'मापन' कहते हैं। किसी राशि की माप अथवा तौल को व्यक्त करने के लिए हमें इन निम्न दो बातों का ज्ञान आवश्यक है :-

(1) मात्रक (Unit) : जिसमें वह भौतिक राशि मापी जाती है
(2) संख्यात्मक अथवा आंकिक मान (Numerical Value) : जो उस राशि के परिमाण को प्रदर्शित करता है। अर्थात् यह बताता है कि उस राशि में उसका मात्रक कितनी बार सम्मिलित है।

इसे हम निम्नलिखित उदाहरण द्वारा समझ सकते हैं-: जब हम कहते हैं कि एक छड़ की लम्बाई 20 मीटर है तो इसका अर्थ यह है कि छड़ की लम्बाई नापने का मात्रक 'मीटर' है और वह छड़ की लम्बाई में 20 बार शामिल है। यदि हम लम्बाई का मात्रक सेन्टीमीटर अथवा मिलीमीटर लें तो छड़ की लम्बाई 2,000 सेमी अथवा 20,000 मिमी होगी। इससे स्पष्ट है कि किसी राशि का मात्रक जितना छोटा होता जाता है, उसका संख्यात्मक मान उतना ही बढ़ता जाता है।


मूल राशियाँ (Fundamental Quantities)
विभिन्न भौतिक राशियों को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी माप के लिए अलग-अलग मात्रकों की आवश्यकता होगी। परन्तु इससे मात्रकों की संख्या इतनी अधिक हो जायेगी कि उन्हें याद रखना असम्भव होगा।

हम यह जानते हैं कि अनेक भौतिक राशियाँ परस्पर सम्बन्धित होती हैं, जैसे हम 'चाल' को 'दूरी' (अथवा 'लम्बाई') तथा 'समय' से सम्बन्धित करते हैं (चाल = दूरी/समय)। अत: चाल को दूरी तथा समय के मात्रकों में व्यक्त किया जा सकता है। वास्तव में यान्त्रिकी में आने वाली सभी भौतिक राशियों को 'लम्बाई', 'द्रव्यमान' तथा 'समय' के मात्रकों में व्यक्त किया। जाता है। इन तीन राशियों के मात्रक एक दूसरे से पूर्णतया स्वतन्त्र हैं तथा इनमें से किसी एक राशि के मात्रक को किसी दूसरी राशि के मात्रक में बदला अथवा उससे सम्बन्धित नहीं किया जा सकता। अत: इन राशियों को 'मूल राशियाँ' तथा इनके मात्रकों को 'मूल मात्रक' (fundamental units) कहते हैं। 

अन्य सभी राशियों जैसे क्षेत्रफल, चाल, घनत्व, बल, कार्य, इत्यादि के मात्रक मूल मात्रकों में ही व्यक्त किये जाते हैं।

विद्युत तथा चुम्बकत्व सम्बन्धी राशियों के मात्रक निर्धारित करने के लिए 'वैद्युत धारा' को मूल राशि माना जाता है। इसी प्रकार, ऊष्मा तथा प्रकाश सम्बन्धी राशियों के मात्रक निर्धारित करने के लिए क्रमश: 'ताप' तथा 'ज्योति-तीव्रता' को मूल राशि माना जाता है।

इस प्रकार भौतिकी के अध्ययन के लिए कुल छ: राशियाँ, मूल राशियाँ मानी जाती हैं : (1) लम्बाई (length), (2) द्रव्यमान (mass), (3) समय (time), (4) वैद्युत धारा (electric current), (5) ताप (temperature), (6) ज्योति-तीव्रता (luminous intensity) ।


मात्रकों की एस० आई० प्रणाली (International System of Units)
इस प्रणाली में लम्बाई का मात्रक 'मानक मीटर', द्रव्यमान का मात्रक 'मानक किलोग्राम, समय का मात्रक 'मानक सेकण्ड', वैद्युत धारा का मात्रक 'ऐम्पियर', ताप का मात्रक 'कैल्विन' तथा ज्योति-तीव्रता का मात्रक 'कैन्डेला' है।

(1) मानक मीटर (Standard Meter) : सर्वप्रथम इसकी परिभाषा इस प्रकार दी गई “1 मानक मीटर वह लम्बाई है जो पैरिस में रखी हुई प्लेटिनम-इरेडियम (90% प्लेटिनम तथा 10% इरेडियम) की छड़ पर बने दो चिन्हों के बीच की दूरी है जबकि छड़ का ताप 0°C हो ।”
चूँकि यह मानक नष्ट हो सकता है तथा फिर दोबारा नहीं बनाया जा सकता, अतः सन् 1960 ई० में अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में मीटर की लम्बाई को प्रकाश की तरंगों के पदों में व्यक्त किया गया। यह तय किया गया कि 1 मानक मीटर वह दूरी है जिसमें शुद्ध क्रिप्टन-86 से उत्सर्जित होने वाले नारंगी प्रकाश की 16,50,76373 तरंगें आती हैं। इस प्रकार, मीटर क्रिप्टन-86 से उत्सर्जित होने वाली नारंगी प्रकाश की तरंग दैर्ध्य का 16,50,763.73 गुना बड़ा होता है। सुविधा के लिए लम्बाई के और भी छोटे व बड़े मात्रक बनाये गये हैं जो इस प्रकार है -

1 किलोमीटर (किमी) = 10³ मीटर (मी)
1 डेसीमीटर = 10 -1 मीटर
1 मीटर = 10² सेन्टीमीटर (सेमी)
1 सेमी = 10 मिलीमीटर (मिमी)


(2) मानक किलोग्राम (Standard Kilogram) : एस० आई० प्रणाली में द्रव्यमान का मात्रक 'किलोग्राम' है। “1 किलोग्राम, पैरिस में रखे प्लेटिनम- इरेडियम के एक विशेष टुकड़े का द्रव्यमान माना गया है।" यही हमारा मानक किलोग्राम है।
व्यवहार में 4°C ताप पर 1 लीटर (अर्थात् 10-³ मीटर³) जल का द्रव्यमान 1 किलोग्राम होता है।
परमाण्वीय स्केल पर, 1 किलोग्राम, कार्बन-12 (6C¹²) के 5.0188 x 10²⁵ परमाणुओं के द्रव्यमान के तुल्य होता है।

सुविधा के लिए, द्रव्यमान के अन्य छोटे-बड़े मात्रक बनाये गये हैं :

1 क्विटल = 10² (किलोग्राम (किग्रा),
1 किलोग्राम =10³ ग्राम
1 ग्राम = 10³ मिलीग्राम


3. मानक सेकण्ड (Standard Second) : यह समय का मात्रक है। इसका मान सूर्य की सहायता से तय किया गया है। एक दोपहर (जब सूर्य सबसे अधिक ऊँचाई पर होता है और किसी भी वस्तु की छाया सबसे छोटी होती है) से दूसरी दोपहर तक के समय को एक 'सौर-दिन' (solar day) कहते हैं। सौर-दिन का मान रोज बदलता रहता है। अतः वर्ष भर के सौर-दिनों के समय को जोड़कर दिनों की संख्या से भाग कर देते हैं। इस प्रकार सौर-दिन का औसत निकल आता है जिसे माध्य-सौर-दिन (mean solar day) कहते हैं।
इस माध्य सौर-दिन के 86400 वें भाग को 1 सेकण्ड कहते हैं। (1 सौर-दिन में 24 घण्टे, 1 घण्टे में 60 मिनट तथा 1 मिनट में 60 सेकण्ड होते हैं। अतः 1 सौर-दिन में 24 × 60 × 60 = 86400 सेकण्ड होते हैं।)
सन् 1960 में अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में समय के मानक मात्रक की परिभाषा सायन वर्ष (tropical year) 1900 से दी गई। सन् 1899 में सूर्य को आकाश में एक निश्चित बिन्दु से, जिसे बसंत विषुव (vernal equinox) कहते हैं, पुनः सन् 1900 में उसी बिन्दु तक आने में जितना समय लगा उसे 'सायन वर्ष 1900' कहते हैं।
1 सेकण्ड, 1900 M सायन वर्ष का 1/ 3,15,56,925,97 वाँ भाग है।

सन् 1967 के अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में यह तय किया गया कि “1 सेकण्ड वह समयान्तराल है जिसमें परमाणुक घड़ी (atomic clock) में सीजियम परमाणु 9,192,631,770 कम्पन करता है।" समय के और छोटे मात्रक भी हैं :

1 मिलीसेकण्ड = 10-³ सेकण्ड
1 माइक्रोसेकण्ड = 10-⁶ सेकण्ड
1 नैनोसेकण्ड = 10-⁹ सेकण्ड
1 पिकोसेकण्ड = 10-¹² सेकण्ड
1 वर्ष = 365 x 24 x 60 x 60
         = 3.156 x 10⁷ सेकण्ड



(4) ऐम्पियर : 1 ऐम्पियर वैद्युत धारा वह धारा है जो कि निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर स्थित दो सीधे, लम्बे व समान्तर तारों में प्रवाहित होने पर, प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर तारों के बीच 2x10-⁷ न्यूटन का बल उत्पन्न करती है । 

(5) केल्विन : यह एस० आई० प्रणाली में ताप का मात्रक है। "सामान्य वायुमण्डलीय दाब पर गलते बर्फ के ताप तथा उबलते जल के ताप के अन्तर के सौवें भाग को 1 केल्विन (K) कहते हैं।"

(6) कैन्डेला : यह प्रकाश स्रोत की ज्योति तीव्रता नापने का मात्रक है । "1 कैन्डेला, मानक प्रकाश-स्त्रोत के खुले मुख के । सेमी² क्षेत्रफल की ज्योति- तीव्रता का 1/60 वां भाग है जबकि स्रोत का ताप प्लेटिनम के गलनांक के बराबर हो।

मात्रकों की M.K.S.पद्धिति-
मात्रकों की MKS पद्धिति में लंबाई का मात्रक मीटर, द्रव्‍यमान का किलोग्राम,तथा समय का सेकण्‍ड माना जाता है।

मात्रकों की C.G.S पद्धिति
C.G.S पद्धिति का पूरा नाम सेन्‍टीमीटर-ग्राम-सेकण्‍ड प्रणाली। इस पद्धिति में लंबाई को सेन्‍टीमीटर में ,द्रव्‍यमान को किलोग्राम तथा समय को सेकण्ड में व्‍यक्‍त किया जाता है।

मात्रकों की FPS पद्धिति
FPS पद्धिति को फुट-पौण्‍ड-सेकेण्‍ड पद्धिति भी कहा जाता है। यह फ्रांसिसी मापन की पद्धिति है। इसमें लंबाई को फुट ,द्रव्‍यमान को पौण्‍ड तथा समय को सेकण्‍ड में व्‍यक्‍त किया जाता है।


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