मूल मात्रकों तथा व्युत्पन्न मात्रकों में अंतर से पहले आइये व्युत्पन्न मात्रक तथा मूल मात्रक के बारे थोड़ा जान लें -
यांत्रिकी में आने वाले सभी भौतिक राशियों को लंबाई द्रव्यमान तथा समय के मात्रकों में व्यक्त किया जाता है। इन तीन राशियों के मात्रक एक दूसरे से पूर्णतया स्वतंत्र होते हैं तथा इन में से किसी एक राशि के मात्रक को किसी दूसरी राशि के मात्रक ने बदला अथवा उससे संबंधित नहीं किया जा सकता है अतः इन राशियों को मूल राशियां तथा इनके मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं। वही लंबाई द्रव्यमान समय विद्युत धारा ताप तथा ज्योति तीव्रता के अतिरिक्त अन्य सभी भौतिक राशियों के मात्रक एक या अधिक मूल मात्रकों पर उपयुक्त घाटे लगाकर प्राप्त किए जाते हैं इन मात्रकों को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं।
मूल मात्रक तथा व्युत्पन्न मात्रक में कई अंतर हैं जो इस प्रकार हैं-
- मूल मात्रक एक दूसरे से पूर्णतः स्वतंत्र होते हैं जबकि व्युत्पन्न मात्रक मूल मात्रकों से प्राप्त किए जा सकते हैं।ये परस्पर स्वतंत्र नहीं होते।
- मूल मात्रकों को अन्य मात्रकों से व्युत्पन्न नहीं किया जा सकता है जबकि व्युत्पन्न मात्रकों को मूल मात्रकों से व्युत्पन्न किया जा सकता है।
- मूल मात्रकों के मानक परिभाषित होते हैं जबकि व्युत्पन्न मात्रकों के मानक परिभाषित नहीं होते हैं।
अतः मूल मात्रक तथा व्युत्पन्न मात्रक एक दूसरे से सम्बंधित हैं लेकिन इनमें कुछ अंतर भी है।
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