साइकस (Cycas) : वर्गीकरण, वितरण, बाह्य संरचना|hindi


साइकस (Cycas)

साइकस (Cycas) : वर्गीकरण, वितरण, बाह्य संरचना|hindi

साइकस अनावृतबीजी (gymnosperms) वर्ग का एक मुख्य पौधा है जो सदाबहार होता है। यह पौधा देखने में तार जैसा लगता है परंतु इसकी ऊंचाई ज्यादा नहीं होती है। साइकस से संबंधित अन्य तथ्य जैसे इसका वर्गीकरण, वितरण तथा इसकी संरचना के बारे में आज हम नीचे जानेंगे।


साइकस का वर्गीकरण (Classification of Cycas)

जगत (Kingdom)            -     पादप (Plantae)
उपजगत (Subkingdom)  -     एम्ब्रियोफाइटा (Embryophyta)
संघ (Phylum)                  -    ट्रेकियोफाइटा (Tracheophyta)
उपसंघ (Subphylum)       -    टेरोप्सिडा (Pteropsida)
वर्ग (Class)                       -    जिम्नोस्पर्मी (Gymnospermae)
उपवर्ग (Subclass)            -    साइकेडोफाइटा (Cycadophyta)
क्रम ( Order)                    -    साइकेडेल्स (Cycadales)
कुल (Family)                   -    साइकेडेसी (Cycadaceae)
प्रजाति (Genus)                 -    साइकस (Cycas) (Sago palm)


साइकस का वितरण तथा प्राप्ति स्थान (Distribution and Occurrence)

साइकस एक सदाबहार (evergreen) पौधा है जो कि देखने में ताड़ (palm) जैसा लगता है, परन्तु यह अधिक ऊँचा नहीं होता है। इसका मुख्य पौधा बीजाणु-उद्भिद् (sporophyte) है। 

इस पौधे की लगभग 20 जातियों (species) में से अधिकांश आस्ट्रेलिया में तथा शेष जापान, भारतीय उपमहाद्वीप के द्वीपों एवं पैसिफिक समुद्र से लगे द्वीपों में पायी जाती हैं। चीन में इसकी कई जातियाँ पायी जाती हैं।

भारत में साइकस के पौधे प्राकृतिक रूप से उड़ीसा, पूर्वी बंगाल, असम, चेन्नई, कर्नाटक तथा अण्डमान एवं निकोबार द्वीपसमूहों में पाये जाते हैं। अन्य भागों में इन पौधों को सजावट के रूप में उगाया जाता है। मुख्यतः इनकी छः जातियाँ भारत में पायी जाती हैं - 

साइकस रिवोलुटा (Cycas revoluta), साइकस सिर्सिनेलिस (C. circinalis), साइकस रम्फाई (C.rumphii), साइकस बेडोमियाई (C.beddomei), साइकस पेक्टिनेटा (C. pectinata) तथा साइकस स्यामेन्सिस (C.siamensis)।

साइकस (Cycas) : वर्गीकरण, वितरण, बाह्य संरचना|hindi


साइकस की बाह्य रचना (External Morphology of Cycas)

साइकस का पौधा सदाबहार तथा एक छोटे ताड़ के पेड़ की भाँति होता है। साइकस के पूर्ण विकसित पौधे की लम्बाई 2 से 5 मीटर तक होती है। यद्यपि इसकी कुछ जातियाँ, जैसे साइकस मीडिया (C. media) 20 मीटर तक लम्बा हो सकता है। साइकस का पौधा अर्थात पादपकाय (plant body) मुख्यतः तीन भागों में विभाजित रहता है-
  1. जड़
  2. तना
  3. पत्तियों
1.  जड़ (Roots) - साइकस के स्तम्भ के निचले भाग से जड़ें निकलती हैं। इनमें से एक मुख्य जड़ तथा इससे निकलने वाली अनेक द्वियुग्मी, शाखित, पार्श्व जड़ें होती हैं। 

🔸  इनमें से कुछ जड़ें तो सामान्य रूप से भूमि के अन्दर जाकर जल तथा खनिज लवणों के अवशोषण का कार्य करती हैं तथा कुछ जड़ें भूमि की सतह पर आ जाती हैं तथा ये प्रायः हरी-नीली शैवाल (blue-green algae) से प्रभावित हो जाती हैं। इन जड़ों को कोरेलॉयड  (coralloid) जड़ें कहते हैं। 

🔸  ये dichoto mously branched होती हैं तथा इनमें शैवाल सहजीवी (symbionts) के रूप में रहते हैं।

🔸  कभी-कभी शैवाल के अतिरिक्त इन जड़ों में जीवाणु, कवक, आदि भी पाये जाते हैं। साइकस की जड़ें वायवीय होती हैं।


2.  तना ( Stem) - साइकस के पौधे का तना मोटा, बेलनाकार, छोटा, वायवीय तथा अशाखीय (कभी-कभी शाखित) होता है तथा कुछ स्थायी पर्णाधारों से ढका रहता है। तने के आगे वाले भाग पर पत्तियों का एक गुच्छा (crown) होता है। तने पर शल्क पत्र (scale-leaves) भी पाये जाते हैं।


3. पत्तियों (Leaves) - साइकस के पौधे में दो प्रकार की पत्तियाँ पायी जाती हैं, अर्थात् यह पौधा द्विपर्णता (dimorphism) दर्शाता है।
  • सामान्य पत्तियाँ (Foliage leaves)
  • शल्क-पत्र (Scale leaves)
🔸  सामान्य पत्तियाँ (Foliage leaves) - साइकस की ये पत्तियाँ एक या दो सर्पिलों के रूप में प्रत्येक वर्ष पौधे के अग्र भाग पर प्रकट होती हैं। प्रत्येक पत्ती Unipinnately compound होती है जिसमें एक मोटे पर्णाधार वाले रेक्सि (rachis) पर अनेक pinnae लगे होते हैं। ये पत्तियाँ प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करती हैं। पत्रक Sheet में बाल्यावस्था में कुण्डलित circinate vernation होता है। प्रत्येक पत्रक में एक mid rib होती है।

🔸  शल्क-पत्र (Scale leaves) - साइकस की यह पत्तियां छोटी, सूखी, खुरदरी तथा भूरे रंग के रोमों से ढकी होती हैं। बाल्यावस्था में साइकस के तने का अग्रिम भाग इनसे ढका रहता है।

अनावृतबीजी (gymnosperms) पौधों के बारे में विस्तार से जाने के लिए यह लेख पढ़ें - अनावृतबीजी पौधे (Gymnosperms) : परिभाषा, लक्षण, चित्र|hindi

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