अनावृतबीजी पौधे (Gymnosperms) : परिभाषा, लक्षण, चित्र|hindi


अनावृतबीजी पौधे  (gymnosperms)


अनावृतबीजी पौधे (gymnosperms) : परिभाषा, लक्षण, चित्र|hindi

अनावृतबीजी (gymnosperms) बीजीय पौधों (spermatophytes) का वह उपसंघ (subphylum) है जिसके अन्तर्गत वे पौधे आते हैं जिनमें बीज तो बनते हैं परन्तु वे बीज नग्न रूप से पौधे पर लगे रहते हैं, अर्थात् बीजाण्ड (ovules) अथवा उनसे विकसित बीज (seeds) किसी खोल, भित्ति या फल में बन्द नहीं होते हैं। इसलिए gymnosperms में Gymnos का अर्थ naked तथा sperma का अर्थ seed होता है। इनमें ovary का पूर्ण अभाव होता है, अतः इनमें फल का निर्माण भी नहीं होता है।

आवृतबीजी पौधों की तुलना में अनावृतबीजी एक छोटा वर्ग है। इसमें लगभग 700 जातियाँ मिलती हैं परन्तु फिर भी ये पूरे विश्व में मिलते हैं और कहीं-कहीं तो जंगलों में इन्हीं की प्रमुखता होती है। 

ये ब्रायोफाइट्स तथा टेरिडोफाइट्स की तुलना में अधिक विकसित पौधे हैं तथा आवृतबीजी पौधों (angiosperms) की अपेक्षा पुराने हैं। 

ये वास्तव में टेरिडोफाइट्स तथा आवृतबीजी पौधों (angiosperms) के बीच का समूह है। साइकस (Cycas), गिंगो बाइलोबा (Ginkgo biloba) तथा सिक्यूआ (Sequoia) नामक पौधों को "जीवित जीवाश्म" (living fossils) कहा जाता है, क्योंकि ये पौधे कम संख्या में पाये जाते हैं और इनके जीवाश्म भी मिलते हैं। इस समूह के सिक्यूआ (Sequoia) जाति के पौधे वनस्पति जगत् में सबसे ऊँचे होते हैं। 

संसार का सबसे अधिक ऊँचाई का पौधा सिक्यूआ सम्परवाइरेन्स (Sequoia sempervirens) है, जो केलिफोर्निया के रेडवुड पार्क (red wood park) में है। 

जीवाश्मों (fossils) के अध्ययन से पता चलता है कि अनावृतबीजी पुराने पौधों का वर्ग है जिनमें काफी पौधे तो जीवाश्म भी बन चुके हैं। 

जैमिआ पिग्मिआ (Zamia pygmaea) सबसे छोटा अनावृतबीजी शाकीय पौधा है।

अनावृतबीजी पौधे (gymnosperms) : परिभाषा, लक्षण, चित्र|hindi



मुख्य लक्षण (Important Characters)

इन पौधों के मुख्य लक्षण निम्न प्रकार हैं-

1.  अनावृतबीजी पौधे प्रायः बहुवर्षीय (perennial) तथा काष्ठीय (woody) होते हैं।

2.  ये xerophytic nature के होते हैं जिनमें रन्ध्र (stomata) पत्ती में धँसे होते हैं तथा epidermis पर cuticle की पर्त चढ़ी रहती है। 

3.  सामान्यतः अनावृतबीजी पौधों के जाइलम ऊतक में वाहिनियाँ (vessels) का अभाव रहता है तथा फ्लोएम ऊतक में सह कोशाएँ (companion cells) नहीं होती हैं।

4.  पौधों में जननांग (reproductive organs) प्रायः एकलिंगी cone या strobilus के रूप में होते हैं। Male Cone बहुत से सूक्ष्म microsporophylls तथा female cone, अनेक megasporophylls से मिलकर बनते हैं। साइकस में अपवाद स्वरूप मादा शंकु नहीं होते और अनेक megasporophylls तने पर सीधे ही उत्पन्न होते हैं।

5.  Microsporophylls पर Microsporangia अथवा pollen sacs या तो sori के रूप में लगी होती हैं, जैसे साइकस प्रजातियों (Cycas sp.) में और या केवल दो रह जाती हैं, जैसे पाइनस प्रजातियों (Pinus sp.) में।.

6.  Microsporangia की pollen mother cells अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप बहुत से सूक्ष्म- बीजाणुओं (microspores=pollen grains) का निर्माण करती हैं जो अंकुरण करके male gametophyte बनाते हैं। सभी अनावृतबीजी पौधों (gymnosperms) में pollen tube बनती है।

अनावृतबीजी पौधों के आर्थिक महत्त्व के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ें - अनावृतबीजी पौधों का आर्थिक महत्त्व 

7.  अनावृतबीजी पौधों में megasporophylls पर उत्पन्न ovules के बीजाण्डकाय (nucellus) में एक megaspore mother cell अर्धसूत्री विभाजन (meiosis) के द्वारा एक सीधी रेखा में चार megaspores बनाती है जिसमें से केवल एक (प्रायः नीचे वाला) क्रियाशील होता है तथा शेष तीन नष्ट हो जाते हैं।

8.  क्रियाशील megaspores से एक ऊति बनती है जिसे female gametophyte अथवा endosperm कहते हैं। endosperm के ऊपरी सिरे पर दो या दो से अधिक स्त्रीधानियाँ (archegonia) उत्पन्न होती हैं।

9.  इन पौधों की archegonium में Reduced neck होती है। इसमें neck canal cells नहीं होती हैं।

10.  अनावृतबीजी पौधे के ovules, orthotropous तथा unitegmic होता है। 

11.  इन पौधों में  परागण, वायु द्वारा (anemophilous = wind pollination) होता है। 

12.  इन पौधों में double fertilization नहीं होता है।

13.  इस वर्ग के पौधों में साधारणतया बहुभ्रूणता (polyembryony) पायी जाती है, परन्तु एक परिपक्व बीज में केवल एक भ्रूण विकसित होता है और शेष भ्रूण नष्ट हो जाते हैं।

14.  इनका भ्रूणीय विकास,  Meroblastic type का होता है अर्थात् युग्मनज के एक भाग (निचला अर्ध भाग) से ही भ्रूण बनता है। 

15.  भ्रूण में दो या अधिक बीजपत्र होते हैं। उदा० साइकस के भ्रूण में दो बीजपत्र तथा पाइनस में 3 से 15 तक बीजपत्र होते हैं।

16.  अनावृतबीजी पौधों का endosperm अगुणित (haploid=n) होता है तथा इसका निर्माण निषेचन से पूर्व ही होता है। 

(17) इन पौधों में युग्मकोद्भिद् (gametophyte) पीढ़ी बहुत कम विकसित होती है तथा यह बीजाणु-उद्भिद् (sporophyte) पीढ़ी पर ही निर्भर होती है।

अनावृतबीजी (gymnosperms) पौधों तथा आवृतबीजी पौधों के बीच के अंतर को जानने के लिए यह लेख पढ़ें - अनावृतबीजी (gymnosperms) vs आवृतबीजी पौधे 

अनावृतबीजी (gymnosperms) बीजीय पौधे होते हैं जिनमें बीज तो बनते हैं परन्तु वे बीज नग्न रूप से पौधे पर लगे रहते हैं, अर्थात् बीजाण्ड (ovules) अथवा उनसे विकसित बीज (seeds) किसी खोल, भित्ति या फल में बन्द नहीं होते हैं। इसके अंतर्गत आने वाले पौधे वास्तव में टेरिडोफाइट्स तथा आवृतबीजी पौधों (angiosperms) के बीच का समूह है। यह सबसे पुराने पौधों का वर्ग है जिनमें काफी पौधे जीवाश्म बन चुके हैं। इसके जीवाश्मों के अध्यन द्वारा हम पौधों की अन्य किस्मों का भी पता लगा सकते हैं। 


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