ब्रायोफाइटा में जनन (Reproduction in Bryophyte)|hindi


ब्रायोफाइटा में जनन (Reproduction in Bryophyte)
ब्रायोफाइटा में जनन (Reproduction in Bryophyte)|hindi

ब्रायोफाइटा के परिचय तथा इसकी संरचना और वह स्थान के बारे में हम पहले जान चुके हैं। आज हम इनमें जनन कैसे होता है इसके बारे में जानेंगे।  ब्रायोफाइटा में जनन दो प्रकार से होता है -
  1. वर्धी जनन (Vegetative reproduction)
  2. लैंगिक जनन (Sexual reproduction)

वर्धी जनन (Vegetative reproduction) 
ब्रायोफाइटा के युग्मकोद्भिद् (gametophyte) में विविध प्रकार का वर्धी जनन होता है, जैसे विखण्डन, जेमा (gemma), ट्यूबर (tuber), पुंतन्तु (protonema), पत्र-प्रकलिका (bulbil) द्वारा।


लैंगिक जनन (Sexual reproduction)
इस वर्ग में लैंगिक जनन विषमयुग्मकी (oogamous) होता है, अर्थात् इनमें निश्चित रूप से नर पुंधानी (antheridium) तथा मादा स्त्रीधानी (archegonium) उपस्थित होते हैं। पुंधानी (antheridium) बहुकोशीय (multicellular) होती है तथा जो एक बहुकोशीय चोलक (jacket) से घिरी रहती है। इसमें पुंमणु (antherozoids) होते हैं जो चल (motile) व द्विकशाभिक (biflagellated) होते हैं। इसकी स्त्रीधानी (archegonium) भी बहुकोशीय होती है और एक बहुकोशीय चोलक से घिरी रहती है। यह एक फ्लास्क के समान होती है। इसमें एक वृन्त (stalk), एक फूली हुई अण्डाकार अण्डधानी (venter) और एक ग्रीवा (neck) होती है। अण्डधानी में एक गोल व अचल अण्ड (oosphere-egg) होता है। निषेचन (fertilization) के लिए जल की उपस्थिति अत्यन्त आवश्यक होती है। अण्ड और पुंमणु के Fusion से द्विगुणित युग्मनज (diploid zygote) बनते है जिसे निषिक्तॉण्ड (oospore) कहते हैं। oospore एक बीजाणु-उद्भिद् (sporophyte) को जन्म देता है जिसे स्पोरोगोनियम (sporogonium) कहते हैं। बीजाणु-उद्भिद् (sporophyte) पूर्णरूप से (जैसे Riccia में) या आंशिक रूप से (जैसे Moss में) युग्मकोद्भिद् (gametophyte) पर निर्भर रहता है। [कुछ पौधों, जैसे Riccia में बीजाणु उद्भिद् (sporophyte) बहुत साधारण होता है (केवल कैप्सूल होता है)। जबकि मौस (Moss) में यह पाद (foot), सीटा (seta), और सम्पुटिका (capsule) में विभाजित रहता है।] सम्पुटिका में अर्धसूत्रण विभाजन के फलस्वरूप बीजाणु (spores) बनते हैं जो सभी एक प्रकार के होते हैं। अतः ब्रायोफाइटा समबीजाणुक (homosporous) होते हैं। यह बीजाणु अंकुरण करके सीधे नया पौधा बनाते हैं या पहले पुंतन्तु (protonema) बनाते हैं जिससे युग्मकोद्भिद् (gametophyte) का विकास होता है।

इस प्रकार से ब्रायोफाइटा के सदस्यों में निश्चित प्रकार का पीढ़ी एकान्तरण (alternation of generations) होता है।






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