टेरिडोफाइटा के मुख्य रूप से निम्नलिखित चार उपसंघ (subphylum)होते है जिनका वर्णन इस प्रकार है-
- उपसंघ I–साइलोफाइटा (Psilophyta)
- उपसंघ II–लाइकोफाइटा (Lycophyta)
- उपसंघ III—ऑर्थ्रोफाइटा (Arthrophyta)
- उपसंघ IV–फिलिकोफाइटा (Filicophyta)
उपसंघ I–साइलोफाइटा (Psilophyta)
टेरिडोफाइटा के इस उपसंघ के अंतर्गत आने वाले पौधों के प्रमुख वर्णन इस प्रकार हैं-
- साइलोफाइटा संघ के पौधों में संवहन ऊतक (vascular tissue) केवल तने में पाया जाता है।
- इनमें जल का अवशोषण मूलाभास (rhizoids) करते हैं।
- इस उप संघ के पौधों में पत्तियों प्रायः अनुपस्थित होती है।
- इनमें बीजाणुघानी (sporangia) तने के अग्र भाग पर स्थित होती है। इस उपसर्ग के ये पौधे समबीजाणुक (homosporous) होते हैं।
- आदिकाल में इस वर्ग में बहुत से पौधे थे, परन्तु अब इसकी केवल चार जीवित जातियाँ (species) ही हैं। उदाहरण- साइलोटम (Psilotum), राइनिया (Rhynia fossil pteridophyte)।
उपसंघ II–लाइकोफाइटा (Lycophyta)
टेरिडोफाइटा के इस उपसंघ के अंतर्गत आने वाले पौधों के प्रमुख वर्णन इस प्रकार हैं-
- इस समूह के पौधों को ग्रन्थित मौस (club-moss) भी कहते हैं।
- इन पौधों में जड़, तना एवं पत्तियाँ होती हैं।
- इन पौधों के सभी अंगों में संवहन ऊतक पाया जाता है।
- इस उप संघ के पौधों की पत्तियाँ बहुत छोटी और पतली होती हैं।
- अधिकांश पौधों में तनों के अग्र भाग पर बीजाणुपर्ण (sporophylls) का एक गुच्छा होता है जिसे शंकु (cone) अथवा स्ट्रॉबिलस (strobilus) कहते हैं।
- इस उप संघ की कुछ जातियाँ समबीजाणुक (homosporous) होती हैं तथा कुछ विषमबीजाणुक (heterosporous) होती हैं। उदाहरण: सैलाजिनेला (Selaginella), लाइकोपोडियम (Lycopodium), आदि।
उपसंघ III—ऑर्थ्रोफाइटा (Arthrophyta)
टेरिडोफाइटा के इस उपसंघ के अंतर्गत आने वाले पौधों के प्रमुख वर्णन इस प्रकार हैं-
- इन पौधों में पत्तियाँ बहुत छोटी होती हैं और तने पर एक वलय (whorl) में लगी रहती हैं।
- इनके तने में सिलिका (silica) पाया जाता है।
- इस उपसंघ के पौधों के तने पर लम्बाई में लम्बी खाँच (grooves) तथा लम्बी कंटक (ridges) स्थित होती है।
- इनके तने के शीर्ष पर शंकु (cone) अथवा स्ट्रॉबिलस (strobilus) होता है तथा इसकी सभी जातियाँ समबीजाणुक (homosporous) होती हैं। उदाहरण: इक्वीसीटम (Equisetum horse tail), हायनिया (Hyenia), आदि।
उपसंघ IV–फिलिकोफाइटा (Filicophyta) (इन्हें फर्न भी कहते हैं)।
टेरिडोफाइटा के इस उपसंघ के अंतर्गत आने वाले पौधों के प्रमुख वर्णन इस प्रकार हैं-
- इन पौधों में पंखे के आकार की बड़ी पत्तियाँ होती हैं इन्हें प्रपर्ण (fronds) कहते हैं।
- इनका शरीर विकसित, संवहन ऊतक वाली पत्तियों सहित क्षैतिज (horizontal) तने का बना होता है।
- कुछ फर्नों में यह वायु में सीधा होता है जिसकी ऊँचाई 1.5 मीटर तक होती है।
- इसके बीजाणुपर्ण (sporophyll) की निचली सतह पर, बीच में अथवा किनारे पर बहुत सी बीजाणुधानियाँ (sporangia) होती हैं।
- इसके बीजाणु अंकुरण करके युग्मकोद्भिद् को जन्म देता है। इस पर पुंधानी व स्त्रीधानी उत्पन्न होती हैं। उदाहरण : ड्रायोप्टेरिस (Dryopteris), टैरिस (Pteris), एडिएण्टम (Adiantum), आदि।
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Is's very simple information
ReplyDeleteThank you so much
most welcome..
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