विषाणु (Virus) तथा जीवाणु (Bacteria) में अन्तर|hindi


विषाणु (Virus) तथा जीवाणु (Bacteria) में अन्तर

विषाणु (Virus) तथा जीवाणु (Bacteria) में अन्तर|hindi

विषाणु (Virus) का परिचय 

एंटनी वॉन लेवेनहोक  ने सूक्ष्म जीवडुओ की खोज की इन्हे  FATHER  OF MICROBIOLOGY  कहते हे। वाइरस प्रोटीन के अणु से मिलकर बने हे। वायरस अत्यंत सूक्ष्म होता है। यह जीवाश्म से भी सरल और सूक्ष्म होते है। 


जीवाणु (Bacteria) का परिचय

बैक्टीरिया  प्रोकैरिओटिक होते है। यह एककोशिकीय  होते है। सभी  सूक्ष्म जीवो में  से यह बहुतायत में है। यह सभी जीवित प्राणियों में सबसे सरल है। यह प्रायः हर जगह रह सकते हे। 

विषाणु तथा जीवाणु में कई अंतर हैं जिनका वर्णन इस प्रकार है -

विषाणु (Virus) तथा जीवाणु (Bacteria)में अन्तर


1. विषाणुओं का मापन मिली माइक्रॉन (μm) में किया जाता है। जबकि जीवाणुओं का मापन माइक्रॉन (μ) में किया जाता है।

2. विषाणु सामान्यतः 10 से 300 μm आकार के होते हैं। ये केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी (electron microscope) द्वारा देखे जा सकते हैं। जबकि जीवाणु सामान्यतः 24μ से 10μ तक आकार के होते हैं। कुछ जीवाणुओं को प्रकाश सूक्ष्मदर्शी (light microscope) द्वारा भी देखा जा सकता है।

3. विषाणुओं को निर्जीव व सजीव के बीच की कड़ी माना जाता है। जबकि जीवाणु अति प्राचीन जीव-जगत् के सदस्य हैं।

4. विषाणुओं के शरीर में कोई कोशिकीय संरचना नहीं होती है। जबकि जीवाणुओं के शरीर में कोशिकीय संरचना होती है।

5. विषाणुओं में कोशा-भित्ति (cell wall) नहीं होती है। जबकि जीवाणुओं में कोशा-भित्ति (cell wall) होती है।

6. विषाणु फिल्टर पेपर से होकर निकल सकते हैं। अर्थात इन्हें फिल्टर पेपर द्वारा छानकर अलग नहीं किया जा सकता है। जबकि जीवाणुओं को फिल्टर पेपर द्वारा छानकर अलग कर सकते हैं।

7. विषाणुओं में जीवद्रव्य नहीं पाया जाता है। जबकि जीवाणुओं में जीवद्रव्य, केन्द्रकीय पदार्थ व राइबोसोम पाया जाता हैं।

8. रासायनिक दृष्टि से विषाणु केवल प्रोटीन व न्यूक्लीक अम्ल के बने होते हैं। जबकि जीवाणुओं में विभिन्न रासायनिक पदार्थ, जैसे कार्बोहाइड्रेट्स, वसाएँ, प्रोटीन्स, लवण, आदि होते हैं।

9. एक प्रकार के विषाणु में एक ही प्रकार का केन्द्रकीय अम्ल (nucleic acid) – डीएनए (DNA) अथवा आरएनए (RNA) पाया जाता है। जबकि जीवाणुओं के केन्द्रकीय पदार्थ में दोनों केन्द्रकीय अम्ल डीएनए (DNA) तथा आरएनए (RNA) पाये जाते हैं।

10. विषाणु अन्य जीवों में हानिकारक रोग उत्पन्न करते हैं। जबकि जीवाणु लाभदायक एवं हानिकारक दोनों ही प्रकार के होते हैं।

11. विषाणु अविकल्पी परजीवी (obligate parasite) होते हैं। जबकि जीवाणु स्वपोषी या परपोषी (परजीवी, मृतोपजीवी या सहजीवी) होते हैं।

12. विषाणु, पोषद कोशा (host cell) की अनुपस्थिति में न तो enzyme बना सकते हैं और न ही प्रोटीन संश्लेषण कर सकते हैं। जबकि जीवाणु उपयुक्त माध्यम में enzyme का निर्माण कर सकते हैं तथा प्रोटीन संश्लेषण भी करते हैं। 

13. विषाणु में केवल स्वयं का गुणन (replication) होता है। जबकि जीवाणु में अलैंगिक जनन विखण्डन (fission) द्वारा तथा लैंगिक जनन (sexual reproduction) भी होता है।

14. विषाणु केवल जीवित कोशाओं में ही प्रजनन करते हैं। इनका कोशिका से बाहर संवर्धन नहीं किया जा सकता है। जबकि जीवाणु कोशिका से बाहर भी प्रजनन करते हैं। इनका प्रयोगशाला में संवर्धन उचित माध्यम में किया जा सकता है।

15. कुछ विषाणु जीवाणुओं पर परजीवी होते हैं और उन्हें नष्ट करते हैं। जबकि जीवाणु कभी-भी विषाणुओं पर परजीवी नहीं होते और न इन्हें हानि पहुँचाते हैं।

उपर्युक्त बिंदुओं के द्वारा आप विषाणु तथा जीवाणुओं के बीच के अंतर को सरलता से समझ सकते हैं।


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