यीस्ट (Yeast) तथा जीवाणु (Bacteria) में अन्तर|hindi


यीस्ट (Yeast) तथा जीवाणु (Bacteria) में अन्तर

यीस्ट (Yeast) तथा जीवाणु (Bacteria) में अन्तर|hindi

यीस्ट (Yeast) का परिचय (Yeast Meaning)

यीस्ट (Yeast) सभी स्थानों पर पाया जाता है लेकिन जिस स्थान पर शर्करा की मात्रा अधिक होती है वहां यह अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। yeast मृतोपजीवी (Saprophytic) होता है।


जीवाणु (Bacteria) का परिचय (Bacteria Meaning)

बैक्टीरिया  प्रोकैरिओटिक होते है। यह एककोशिकीय  होते है। सभी  सूक्ष्म जीवो में  से यह बहुतायत में है। यह सभी जीवित प्राणियों में सबसे सरल है। यह प्रायः हर जगह रह सकते हे। 
 
यीस्ट (Yeast) तथा जीवाणु (Bacteria) के बीच के अंतर को हम निम्न बिंदुओं द्वारा समझ सकते हैं -

    यीस्ट (Yeast) तथा जीवाणु (Bacteria) में अंतर

    1. यीस्ट (Yeast) प्रायः ऐसे कार्बनिक पदार्थों पर उगते हैं, जिनमें शर्करा की मात्रा अधिक होती है। जबकि जीवाणु (Bacteria) लगभग सभी स्थानों पर विद्यमान रहते हैं।

    2. यीस्ट (Yeast) की कुछ जातियाँ रोग का कारण बनती हैं। जबकि जीवाणु (Bacteria) जन्तुओं और मनुष्यों के शरीर में प्रवेश कर अनेक प्रकार रोग उत्पन्न करते हैं।

    3. यीस्ट (Yeast) आकार में बड़े (1-5um, in width and 5 to 30um, in length) होते हैं। जबकि जीवाणु (Bacteria) अत्यन्त सूक्ष्म, तथा सूक्ष्मदर्शीय (microscopic) जीव होते हैं।

    4. यीस्ट (Yeast) प्रायः गोल या अण्डाकार होते हैं। जबकि जीवाणु (Bacteria) विभिन्न आकारों के, जैसे, गोलाकार, दण्डाणु सर्पिलाकार या कौमा के आकार के होते हैं।

    5. यीस्ट (Yeast) में पर्णहरिम (chlorophyll) का अभाव होता है। इसकी अधिकांश जातियाँ मृतोपजीवी होती हैं तथा कुछ परजीवी के रूप में भी मिलती हैं। जबकि जीवाणु (Bacteria) परजीवी, मृतोपजीवी या सहजीवी होते हैं। इसकी अनेक जातियाँ बैक्टीरियो पर्णहरिम की उपस्थिति के कारण स्वपोषी (autotrophic) होती हैं जबकि कुछ रसायन संश्लेषी (chemosynthetic) भी होती हैं।

    6. यीस्ट (Yeast) एककोशीय (unicellular), यूकेरियोटिक (eukaryotic) जीव होते हैं। इनके केन्द्रक (nucleus) में केन्द्रिका (nucleolus) तथा कोशा द्रव्य में माइटोकॉण्ड्रिया, सेन्ट्रोसोम तथा अन्य कोशांग पाये जाते हैं। जबकि जीवाणु (Bacteria) प्रोकेरियोटिक (prokaryotic), एककोशीय जीव होता हैं। इसके केन्द्रक में केन्द्रक कला (nuclear membrane) तथा केन्द्रिका (nucleolus) का अभाव होता है तथा कोशिका द्रव्य में सेन्ट्रोसोम, माइटोकॉण्ड्रिया तथा अन्य कोशिकांग नहीं पाये जाते। केवल राइबोसोम पाया जाता हैं।

    7. यीस्ट (Yeast) में अलैंगिक जनन (asexual reproduction) मुकुलन (budding), द्वि-विभाजन (binary fission) तथा अचल बीजाणुओं (nonmotile spores) द्वारा होता है। जबकि जीवाणु (Bacteria) में अलैंगिक जनन अन्तःबीजाणुओं (endospores), द्वि विभाजन (binary fission), conidia तथा zoospores द्वारा होता है।

    8. यीस्ट (Yeast) में लैंगिक जनन (sexual reproduction) संयुग्मन (con jugation) द्वारा होता है। संयोजन (fusion) के बाद बना जाइगोट एक ऐस्कस (ascus) की तरह कार्य करता है तथा ऐस्कोस्पोर (ascospore) बनाता है। जबकि जीवाणु (Bacteria) के संबंध में बनी वर्तमान विचारधारा के अनुसार, जीवाणुओं में लैंगिक जनन तीन प्रकार से होता है-संयुग्मन (conjugation), रूपान्तरण (transformation) तथा पारक्रमण (trans duction)।

    9. यीस्ट (Yeast) की कोशा-भित्ति (cell wall) काइटिन (chitin) अथवा कवक सेलुलोस (fungal cellulose) की बनी होती है। सेलुलोस का अभाव होता है। जबकि जीवाणु (Bacteria) की कोशिका-भित्ति में कार्बोहाइड्रेट, वसा, श्लेष्मक (mucous) तथा काइटिन, आदि पदार्थ पाए जाते हैं। कुछ जीवाणुओं में कोशा-भित्ति सेलुलोस की बनी होती है।

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