सहसंयोजक बन्ध (Covalent Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


सहसंयोजक बन्ध (Covalent Bond) : परिभाषा, उदाहरण
सहसंयोजक बन्ध (Covalent Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi

परिभाषा
परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों की बराबर की साझेदारी (mutual sharing) द्वारा जो बन्ध बनते हैं, उन्हें सह-संयोजक बन्ध कहते हैं।
  • जब दो परमाणुओं के मध्य एक-एक इलेक्ट्रॉन की साझेदारी द्वारा एक सह-संयोजक बन्ध बनता है तो इसे एकल बन्ध (single bond) भी कहते हैं तथा दोनों परमाणुओं के मध्य एक डैश (-) लगा कर प्रदर्शित करते हैं।
  • जब दो परमाणुओं के मध्य दो-दो इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी द्वारा दो सह-संयोजक बन्ध बनते हैं तो इन्हें द्वि-बन्ध (double bond) भी कहते हैं तथा दोनों परमाणुओं के मध्य दो समानान्तर डैश (=) लगा कर प्रदर्शित करते हैं।
  • जब दो परमाणुओं के मध्य तीन-तीन इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी द्वारा तीन सह-संयोजक बन्ध बनते हैं तो इन्हें त्रि-बन्ध (triple bond) भी कहते हैं तथा दोनों परमाणुओं के मध्य तीन समानान्तर डैश (≡) लगा कर प्रदर्शित करते हैं।
एकल बन्ध, द्वि-बन्ध तथा त्रि-बन्ध में साझे में प्रयुक्त कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्रमश: 2, 4 व 6 होती है। साझे में प्रयुक्त सभी इलेक्ट्रॉन दोनों परमाणुओं के अंग (parts) माने जाते हैं।


सह-संयोजक बन्ध के उदाहरण

1. हाइड्रोजन अणु (H2) में उपस्थित बन्ध – हाइड्रोजन के एक अणु में हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच एक सह-संयोजक बन्ध होता है।

हाइड्रोजन के परमाणु में एक तथा हीलियम के परमाणु में दो इलेक्ट्रॉन होते हैं। हाइड्रोजन के परमाणु, हीलियम के परमाणु की स्थायी इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्राप्त करने की प्रवृत्ति रखते हैं। जब हाइड्रोजन के दो परमाणु रासायनिक संयोग के द्वारा हाइड्रोजन का अणु बनाते हैं तो दोनों परमाणु एक-एक इलेक्ट्रॉन का साझा करते हैं। इस प्रकार साझा किये गये इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या 2 होती है तथा ये दोनों इलेक्ट्रॉन, हाइड्रोजन के दोनों परमाणुओं के अंग माने जाते हैं। इस प्रकार हाइड्रोजन के दोनों परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2 होती है तथा ये हीलियम की स्थायी इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्राप्त कर लेते हैं।
सहसंयोजक बन्ध (Covalent Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


2. ऑक्सीजन अणु (O2) में उपस्थित बन्ध- ऑक्सीजन के एक अणु में ऑक्सीजन के दो परमाणुओं के बीच एक द्वि-बन्ध (double bond) होता है।
ऑक्सीजन के एक परमाणु में नियॉन के एक परमाणु से दो इलेक्ट्रॉन कम होते हैं। ऑक्सीजन के परमाणु नियॉन की स्थायी इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्राप्त करने की प्रवृत्ति रखते हैं। जब ऑक्सीजन के दो परमाणु रासायनिक संयोग के द्वारा ऑक्सीजन का अणु बनाते हैं तो दोनों परमाणु दो-दो इलेक्ट्रॉनों का साझा करते हैं तथा एक द्वि-बन्ध (double bond) बनाते हैं। इस प्रकार दोनों परमाणु नियॉन की स्थायी इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्राप्त कर लेते हैं।

सहसंयोजक बन्ध (Covalent Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi

3. नाइट्रोजन अणु (N2) में उपस्थित बन्ध - नाइट्रोजन के एक अणु में नाइट्रोजन के दो परमाणुओं के बीच एक त्रि-बन्ध (triple bond) होता है।
सहसंयोजक बन्ध (Covalent Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


4. मेथेन के अणु (CH4) में उपस्थित बन्ध - मेथेन के एक अणु में एक कार्बन तथा चार हाइड्रोजन के परमाणु होते हैं। प्रत्येक हाइड्रोजन परमाणु, कार्बन परमाणु से एक सह-संयोजक बन्ध के द्वारा जुड़ा होता है। अतः मेथेन में चार एकल बन्ध (single bonds) होते हैं।

सहसंयोजक बन्ध (Covalent Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi

कार्बन का परमाणु, नियॉन की स्थायी इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्राप्त करने के लिये चार हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ एक-एक इलेक्ट्रॉन का साझा करता है। इस प्रकार कार्बन के परमाणु के बाह्य कोश में आठ इलेक्ट्रॉन तथा प्रत्येक हाइड्रोजन परमाणु में 2 इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं।



सह-संयोजक बन्ध बनाने में प्रयुक्त परमाणुओं की प्रकृति
सह-संयोजक बन्ध तभी बनते हैं, जब
1. किसी अधातु तत्व के दो परमाणु परस्पर संयोग करते हैं,
2. दो अधातु तत्वों के परमाणु परस्पर संयोग करते हैं।

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