कुल-कुकुरबिटेसी (Family —Cucurbitaceae) : लक्षण, आर्थिक महत्व|hindi


कुल-कुकुरबिटेसी (Family —Cucurbitaceae) : लक्षण, आर्थिक महत्व
कुल-कुकुरबिटेसी (Family —Cucurbitaceae) : लक्षण, आर्थिक महत्व|hindi

कुकरबिटेसी कुल के पौधों के प्रमुख लक्षण तथा इनका वर्गीकरण इस प्रकार है -
  1. स्वभाव (Habit) — इसके अंतर्गत आरोही (climber) या धराशायी (prostrate), एकवर्षीय (annual), शाक (herb) पौधे आते हैं।
  2. स्तम्भ (Stem) - शाकीय (herbaceous), शाखामय (branched), प्राय: पंचभुजीय (pentangular), प्रायः खोखला (fistular), पत्तियों के कक्ष में या पत्तियों के विपरीत प्रतान (tendrils) पाये जाते हैं या तो साधारण या विभिन्न प्रकार के शाखीय (branched) होते हैं। ये पौधों को आरोहण में सहायता करते हैं। प्रतान की आकारिकी (morphology) विवादास्पद है।
  3. पत्ती (Leaf) – इसकी पत्तियाँ अननुपर्णी (exstipulate), सवृन्त (petiolate), एकान्तर (alternate), सरल (simple), हस्ताकार (palmate), पाँच पालियों वाली (five-lobed) वाली होती है।
  4. पुष्पक्रम (Inflorescence) – इनका पुष्पक्रम कक्षस्थ (axillary), पुष्प एकल (solitary) या ससीमाक्षी (cymose) और असीमाक्षी (racemose) होता है। नर (male) पुष्प का पुष्पावलिवृन्त (peduncle) अधिक शाखीय होता है जबकि मादा (female) पुष्प प्रायः एकल (solitary) होते हैं।
  5. पुष्प (Flower)— इसमें पुष्प असहपत्री (ebracteate), सवृन्त (pedicellate), एकलिंगी (unisexual), अपूर्ण (incomplete), त्रिज्यासममित (actinomorphic), पंचषंक (pentamerous), उपरिजाय (epigynous) होते हैं।

नर पुष्प (Male flower)
  1. बाह्यदलपुंज (Calyx) - 5 बाह्यदल, संयुक्तबाह्यदली (gamosepalous), कुइंकुंशियल विन्यास (quincuncial aestivation) वाले होते हैं।
  2. दलपुंज (Corolla)–5 दल, संयुक्तदली (gamopetalous), घण्टाकृति (campanulate) या चक्राकार (rotate), कोरछादी (imbricate) या कोरस्पर्शी (valvate) विन्यास वाले होते हैं।
  3. पुमंग (Androecium) – पुंकेसर की स्थिति भिन्न-भिन्न होती है, जैसे फेवीलिया (Fevillea) में पाँच पुंकेसर पृथक् होते हैं तथा परागकोश एककोष्ठीय (monothecus) होता है। कुकुरबिटा (Cucurbita) तथा लेजिनेरिया (Lagenaria) में पाँच पुंकेसर, परन्तु तीन दिखायी देते हैं क्योंकि चार पुंकेसर दो जोड़ों में जुड़ जाते हैं तथा एक पुंकेसर स्वतन्त्र होता है 2+2+1। दो जुडे पुंकेसर द्विकोष्ठी होते हैं तथा एक स्वतन्त्र पुंकेसर एककोष्ठी होता है। साइक्लैन्थेरा (Cyclanthera) में सभी पुंकेसर नीचे से ऊपर तक संयुक्त रहते हैं, परागकोश व्यावृत (twisted), स्फुटन अनुदैर्ध्य (dehiscence longitudinal)।
  4. जायांग (Gynoecium) –अनुपस्थित (absent)।


मादा पुष्प (Female flower)
  1. बाह्यदलपुंज (Calyx)5 बाह्यदल, संयुक्तबाह्यदली (gamosepalous), कुइंकुंशियल विन्यास (quincuncial aestivation) वाले होते हैं
  2. दलपुंज (Corolla)5 दल, संयुक्तदली (gamopetalous), घण्टाकृति (campanulate) या चक्राकार (rotate), कोरछादी (imbricate) या कोरस्पर्शी (valvate) विन्यास वाले होते हैं।
  3. पुमंग (Androecium)– अनुपस्थित, कभी-कभी 2, 3, 5 बन्ध्य पुंकेसर (staminodes) उपस्थित होते हैं।
  4. जायांग (Gynoecium) — त्रिअण्डपी (tricarpellary), युक्ताण्डपी (syncarpous), एककोष्ठीय (unilocular), अधोवर्ती अण्डाशय (inferior ovary), बीजाण्ड अनेक (numerous ovules), भित्तिलग्न बीजाण्डन्यास (parietal placentation), परन्तु यह शाखित होने के कारण स्तम्भीय बीजाण्डन्यास (axile placentation) की तरह प्रतीत होता है, वर्तिका एक (style one), सरल (simple) तथा वर्तिकाग्र तीन (stigma trifid) होते हैं।
  5. फल (Fruit)– प्राय: पीपो (pepo)।

पुष्पसूत्र (Floral formula)

Male flower– Ebr ⊕ ♂K(5) C(5) A (2)+(2)+1 G0
                                                                         
Female flower—Ebr 
⊕ ♀  K(5) C(5) A0 G(3)



वर्गीकृत स्थान (Systematic Position)

विभाग (Division)            -    फैनेरोगेमिया (Phanerogamia)
उपविभाग (Subdivision) -     एन्जियोस्पर्मी (Angiospermae)
वर्ग (Class)                      -    डाइकोटिलीडनी (Dicotyledonae)
उपवर्ग (Subclass)           -     पोलीपेटेली (Polypetalae)
श्रेणी (Series)                  -     कैलाइसीफ्लोरी (Calyciflorae)
गण (Order)                    -     पैसिफ्लोरालेस (Passiflorales)
कुल ( Family)               -      कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae)



आर्थिक महत्त्व (Economic Importance)


आर्थिक महत्त्व की दृष्टि से कुकुरबिटेसी कुल के पौधों को निम्न वर्गों में विभाजित किया जाता है-

(क) भोजन के काम आने वाले पौधे—इस कुल के पौधों के फल विशेष रूप से शाक-सब्जी के रूप में काम आते हैं, जैसे कद्दू (Cucurbita maxima), मीठा कद्दू (Cucurbita moschata), बरसाती कद्दू (Cucurbita pepo), लौकी (Lagenaria vulgaris = bottle gourd), घिया तुरई (Luffa cylindrica), काली तुरई (Luffa acutangula= ribbed gourd), करेला (Momordica charantia = bitter gourd), चचींडा (Trichosanthes anguina), परवल (Trichosanthes dioica)
कुछ पौधों के फल खाये जाते हैं, जैसे पेठा (Benincasa hispedo), इसे मिठाई के रूप में भी प्रयोग किया जाता है, तरबूज (Citrullus vulgaris = water melon), खरबूजा (Cucumis melo = musk melon), खीरा (Cucumis sativus = cucumber), कचरी या फूट (Cucumis momordica), ककड़ी (Cucumis utilissimus )

(ख) विभिन्न प्रकार की औषधियों में काम आने वाले पौधे
कंदूरी (Coccinia indica) के फल, पत्तियों तथा जड़ों के रस का मधुमेह में तथा इकबैलियम (Ecballium) का मलेरिया तथा हाइड्रोफोबिया रोगों में प्रयोग किया जाता है।

No comments:

Post a Comment