सोलेनेसी कुल के पौधों के प्रमुख लक्षण तथा इनका वर्गीकरण इस प्रकार है -
- स्वभाव (Habit) — अधिकांश पौधे वार्षिक शाक होते हैं, जैसे सोलेनम नाइग्रम (Solanum nigrum-मकोय)। सोलेनम टोरवम (Solanum torvum) एक झाड़ी है। सोलेनम जेस्मीनोइडेस (Solanum jasminoides) एक वल्लरी (twiner) है। साइफोमेन्ड्रा बिटेसिया (Cyphomandra betacea) जो सामान्यतः 'tree tomato' के नाम से जाना जाता है एक छोटा वृक्ष है। सोलेनम ट्यूबरोसम (Solanum tuberosum) में निचली पत्तियों के कक्ष की शाखाएँ भूमि में प्रवेश कर जाती हैं तथा अपने सिरों पर भोजन की मात्रा संचित करके आलू के कन्द (potato tuber) बनाती हैं।
- पत्ती (Leaf)– इसकी पत्तियां alternate, exstipulate तथा कुछ सदस्यों में यह पुष्पक्रम के भाग में opposite, एकशिरीय जालिकावत् (unicostate-reticulate) शिराविन्यास पर लगी होती है। टमाटर में पत्तियाँ पिच्छाकार संयुक्त (pinnately compound) होती है।
- पुष्पक्रम (Inflorescence) - Cymose, युग्म शाखित ससीमाक्षी (dichasial cyme), जैसे धतूरा (Datura), एकल शाखी वृश्चिकी ससीमाक्षी (monochasial scorpioid cyme), जैसे एट्रोपा बेलाडोना (Atropa belladona) अथवा कुण्डलिनीरूप ससीमाक्षी (helicoid), जैसे सोलेनम नाइग्रम (Solanum nigrum)। पूरा पुष्पक्रम एक पत्ती की अगली पर्वसन्धि (node) एक पूरे पर्व से संलग्न हो जाने से बहुत अधिक जटिल हो जाता है।
- पुष्प (Flower)— इनके पुष्प सहपत्री (bracteate) अथवा असहपत्री (ebracteate), सपुष्पवृन्त (pedicellate), त्रिज्यासममित (actinomorphic) होती है। अण्डपों की तिरछी स्थिति के कारण वास्तव में एकव्यास-सममित; उभयलिंगी (bisexual); पंचतयी (pentamerous); चक्रिक (cyclic); अधोजाय (hypogynous) होते है।
- बाह्यदलपुंज (Calyx)–5 संयुक्त बाह्यदल (gamosepalous), कोरस्पर्शी (valvate) अथवा कोरछादी (imbricate), झिल्लीवत् (accrescent) होते हैं। रसभरी (Physalis) में बाह्यदल बड़े हो जाते हैं तथा फल को पूरी तरह ढककर गुब्बारे सदृश रचना (baloon like appendages) बनाते हैं, कुछ पौधों में यह दीर्घस्थायी (persistent) होते हैं जैसे- बैंगन (Solanum melongena)।
- दलपुंज (Corolla)– 5 दल, संयुक्तदली (gamopetalous), नलिकाकार (tubular), जैसे सेस्ट्रम (Cestrum) में, घण्टाकार (campanulate) जैसे एट्रोपा (Atropa) में, चक्राकार (rotate), जैसे सोलेनम (solanum) में, कुछ में द्विओष्ठी (bilabiate), जैसे साइजेन्थस (Schizanthus) में।
- पुमंग (Androecium)–5 पुंकेसर, दललग्न (epipetalous), दलपुंज पर प्रति बाह्यदली (antisepalous) स्थिति में, परागकोश आधारलग्न (basifixed), द्विपालित (dithecous), व अंतर्मुखी (introrse) होते हैं। परागकोश एक दूसरे के अत्यन्त करीब स्थित (conniving) होते हैं, आयाम दरार द्वारा अन्तर्मुखी स्फोटन, जैसे लायसियम (Lycium) अथवा अग्र छिद्रों (apical pores) द्वारा जैसे सोलेनम (Solanum) में।
- जायांग (Gynoecium)–द्विअण्डपी (bicarpellary), युक्ताण्डपी (syncarpous), अण्डाशय ऊर्ध्ववर्ती (ovary superior) दोनों अण्डप मध्यस्थ स्थिति से दक्षिणावर्त आंशिक रूप से मुड़े होते हैं तथा विकर्ण या तिरछी स्थितियों में आ जाते हैं। अण्डाशय प्रायः द्विकोष्ठीय होते हैं जैसे सोलेनम (Solanum) में। झूठे पटों (septa) की उपस्थिति के कारण कुछ सदस्यों में चतुकोष्ठीय (tetralocular), जैसे धतूरा (Datura) में अथवा बहुकोष्ठीय (multilocular) भी होते हैं, जैसे निकेन्ड्रा (Nicandra) में। स्तम्भीय बीजाण्डन्यास (axile placentation); बीजाण्डासन (placenta) अधिक फूला हुआ तिरछा (oblique) तथा बहुत से प्रतीप (anatropous) बीजाण्डों से युक्त होता है। वर्तिका एक, अन्त्यस्थ तथा द्विपालित चिपचिपे वर्तिकाग्र से युक्त होता है।
- मकरन्द चक्रिका (Nectar disc)— अण्डाशय के नीचे एक स्पष्ट मकरन्द चक्रिका उपस्थित होती है।
पुष्पसूत्र (Floral formula)
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Br ⊕ ⚥ K(5) C(5) A5 G(2)
वर्गीकृत स्थान (Systematic Position)
विभाग (Division) - फैनेरोगेमिया (Phanerogamia)
उपविभाग (Subdivision) - एन्जियोस्पर्मी (Angiospermae)
वर्ग (Class) - डाइकोटिलीडनी (Dicotyledonae)
उपवर्ग (Subclass) - गैमोपेटेली (Gamopetalae)
श्रेणी (Series) - बाइकार्पीलेटी (Bicarpellatae)
गण (Order) - पोलीमोनियल्स (Polemoniales)
कुल ( Family) - सोलेनेसी (Solanaceae)
आर्थिक महत्त्व (Economic Importance)
मनुष्य के लिये आर्थिक महत्त्व की दृष्टि से इस कुल का स्थान ग्रैमिनी (Gramineae) तथा लेम्युमिनोसी (Leguminosae) के बाद ही आता है, क्योंकि इसमें आलू (Potato), टमाटर (Tomato) तथा तम्बाकू (Tobacco) जैसे महत्त्वपूर्ण पौधे आते हैं।
I. खाने योग्य पौधे (Edible plants) –
II. शोभाकार पौधे (Ornamental plants) –
III. औषधीय पौधे (Medicinal plants)—कुछ पौधों में एल्केलॉइड पाये जाते हैं तथा ये औषधीय महत्त्व के होते हैं।
IV. उद्योग में (In Industry) –
वर्गीकृत स्थान (Systematic Position)
विभाग (Division) - फैनेरोगेमिया (Phanerogamia)
उपविभाग (Subdivision) - एन्जियोस्पर्मी (Angiospermae)
वर्ग (Class) - डाइकोटिलीडनी (Dicotyledonae)
उपवर्ग (Subclass) - गैमोपेटेली (Gamopetalae)
श्रेणी (Series) - बाइकार्पीलेटी (Bicarpellatae)
गण (Order) - पोलीमोनियल्स (Polemoniales)
कुल ( Family) - सोलेनेसी (Solanaceae)
- कुल- क्रूसीफेरी (Cruciferae = Brassicaceae) लक्षण, उदाहरण,आर्थिक महत्त्व|hindi
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मनुष्य के लिये आर्थिक महत्त्व की दृष्टि से इस कुल का स्थान ग्रैमिनी (Gramineae) तथा लेम्युमिनोसी (Leguminosae) के बाद ही आता है, क्योंकि इसमें आलू (Potato), टमाटर (Tomato) तथा तम्बाकू (Tobacco) जैसे महत्त्वपूर्ण पौधे आते हैं।
I. खाने योग्य पौधे (Edible plants) –
- सोलेनम ट्यूबरोसम (Solanum tuberosum—आलू-Potato) भूमिगत् स्तम्भकन्द है।
- सोलेनम मेलोनजेना (Solanum melongena-बैंगन-Brinjal ) फल की सब्जी खायी जाती है।
- फाइसेलिस पेरूवियाना (Physalis peruviana- रसभरी—Cape-gooseberry) फल के रूप में खायी जाती है।
- केपसीकम ऐनम (Capsicum annum –मिर्च-chilli) शिशु (हरे) एवं पके (लाल) फल मसाले के रूप में प्रयोग किये जाते हैं।
- लाइकोपर्सिकोन एसकुलेन्टम (Lycopersicon esculentum-टमाटर– Tomato) कच्चे तथा पके दोनों प्रकार के फल खाये जाते हैं।
II. शोभाकार पौधे (Ornamental plants) –
- सेस्ट्रम नोकटरनम (Cestrum nocturnum-रात की रानी Night queen)।
- पिटूनिया वायोलेसिया (Petunia violacea)।
- हायोसिएमस नाइगर हेनबेन (Hyoscyamus niger-Henbane)।
III. औषधीय पौधे (Medicinal plants)—कुछ पौधों में एल्केलॉइड पाये जाते हैं तथा ये औषधीय महत्त्व के होते हैं।
- एट्रोपा बेलाडोना (Atropa belladona)—इससे एट्रोपीन औषधि प्राप्त होती है।
- विथानिया सोमनीफेरा (Withania somnifera)– इसका उपयोग खाँसी के उपचार में किया जाता है।
- तम्बाकू में दो प्रमुख एल्केलॉइड्स–एनाबैसिन (Anabasine) व निकोटीन (Nicotine) होते हैं।
IV. उद्योग में (In Industry) –
- निकोटिआना टैबेकम (Nicotiana tabacum) - तम्बाकू की पत्ती खायी जाती है तथा इससे सिगरेट, बीड़ी बनती है।
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