रासायनिक नाम व अणु सूत्र - अमोनियम क्लोराइड (NH4CI)
नौसादर बनाने की विधि - हाइड्रोजन क्लोराइड गैस के जलीय घोल अर्थात् हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) में अमोनिया (NH3) प्रवाहित करने पर अमोनियम क्लोराइड (NH, CI) प्राप्त होता है।
NH3 + HCI ⟶ NH4CI
प्रमुख गुणधर्म
1. यह एक रंगहीन क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। यह जल में विलेय है।
2. इसमें ऊर्ध्वपातन (sublimation) का गुण होता है अर्थात् तेजी से गर्म करने पर यह बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए। गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है जिसे ठण्डा करने पर पुनः ठोस प्राप्त हो जाता है।
गर्म करने पर यह अमोनिया तथा हाइड्रोजन क्लोराइड गैसों में विच्छेदित हो जाता है। ठंडा करने पर ये गैसें संयुक्त होकर पुन: अमोनियम क्लोराइड बनाती हैं।
गर्म करने पर
NH4Cl ⇌ NH3 + HCI
ठंडा करने पर
3. अमोनियम क्लोराइड को सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ गर्म करने पर यह अमोनिया गैस बनाता है।
NH4Cl + NaOH → NaCl + NH3↑ + H2O
4. कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड के साथ गर्म करने पर यह अमोनिया देता है।
2NH4Cl + Ca(OH)2 → CaCl2 + 2NH3↑+ 2H₂O
उपयोग (Uses)
- यह शुष्क सेल (dry cell) बनाने में काम में
- इसका उपयोग कुछ औषधियों (medicines) में होता है। आता है।
- इसका उपयोग कैलिको-रंजन (calico-dyeing) तथा कैलिको-छपाई (calico-printing) में भी होता है।
- यह प्रयोगशाला में एक अभिकर्मक (reagent) के रूप में भी प्रयुक्त होता है।
- इसका प्रयोग टाँका लगाने (soldering) तथा बर्तनों पर कलई करने (tinning) में भी होता है।
- इसका प्रयोग प्रयोगशाला में अमोनिया बनाने तथा कुछ उर्वरकों (fertilizers) के निर्माण में भी होता है।
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