सह-संयोजी तथा उपसह-संयोजी बन्ध (Covalent or Co-ordinate bond)
सह-संयोजी बन्ध (Covalent bond)
किसी अणु के निर्माण में जब दो समान या असमान परमाणुओं के मध्य परस्पर एक-एक इलेक्ट्रॉन या समान इलेक्ट्रॉनों का साझा हो तो उनके मध्य बनने वाले बन्ध को सह-संयोजी बन्ध कहते हैं।
उदाहरण- ऑक्सीजन के अणु में दो ऑक्सीजन परमाणुओं के मध्य परस्पर दो-दो इलेक्ट्रॉनों का साझा होकर द्वि-सहसंयोजी बन्ध बनता है।
उपसह-संयोजी बन्ध (Co-ordinate bond)
किसी अणु के निर्माण में जब साझे का इलेक्ट्रॉन-युग्म किसी एक परमाणु द्वारा ही प्रदान किया जाता हो तो इस संयोजन क्षमता को उपसह-संयोजकता तथा बनने वाले बन्ध को उपसह-संयोजी बन्ध कहते हैं। इलेक्ट्रॉन-युग्म दान करने वाले परमाणु को दाता तथा उसे ग्रहण करने वाले परमाणु को ग्राही कहते हैं। इस इलेक्ट्रॉन-युग्म को एकाकी युग्म कहते हैं। इसको दाता से ग्राही की ओर एक चिह्न → से व्यक्त करते हैं।
उपसह-संयोजी बन्ध का उदाहरण- H₂O₂ के बनने में प्रयुक्त H₂O अणु में ऑक्सीजन का अष्टक पूर्ण होता है, परन्तु ऑक्सीजन परमाणु के बाहरी कक्ष में केवल 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं जो अष्टक से दो कम हैं; अतः H₂O का ऑक्सीजन परमाणु अपने एक एकल इलेक्ट्रॉन-युग्म द्वारा दूसरे ऑक्सीजन परमाणु को साझे द्वारा स्थायी विन्यास उपलब्ध कराकर उपसह-संयोजी बन्ध का निर्माण करता है।
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