प्राकृतिक संसाधन क्या होते है?(Natural Resource in hindi):नवीकरणीय संसाधन तथा अनवीकरणीय संसाधन
प्राकृतिक संसाधन क्या होते हैं (what are natural resources)?-
सभी जीवित प्राणियों को जीवन यापन के लिए प्रकृति में उपलब्ध बहुत सी वस्तुओं की आवश्यकता होती है। यह वस्तुएं वह होती है जिन्हें मनुष्य प्रकृति से निःशुल्क प्राप्त करता है इन वस्तुओं को प्राकृतिक संसाधन (Natural Resource) कहते हैं। उदाहरण के लिए सभी प्राणियों को स्वसन के लिए ऑक्सीजन अथवा वायु की आवश्यकता होती है पौधों को भोजन बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड जल्द का सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है। इसके अलावा मिट्टी, वनस्पति, जीव जंतु और खनिज पदार्थ इत्यादि सब प्राकृतिक संसाधन के अंतर्गत आते हैं। यह समस्त वस्तुएं मानव के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। मानव ही समस्त प्राकृतिक संसाधनों का उपभोक्ता, सृजनकर्ता और विनाशकर्ता है। इस तरह से प्रकृति की समस्त वस्तुएं जो स्वयं या प्रकृति द्वारा निर्मित होती हैं जिन्हें मनुष्य उत्पन्न नहीं करता बल्कि अपने तकनीकी ज्ञान से उपयोगी और अपनी आवश्यकता पूर्ति का साधन बना लेता है प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जीवित प्राणियों द्वारा जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है उन्हें संसाधन कहते हैं और जब यह वस्तुएं जीवित प्राणियों के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए आवश्यक होती है तथा प्रकृति के अस्तित्व में पाए जाते हैं तो उन्हें प्राकृतिक संसाधन कहते हैं।
प्राकृतिक संसाधन के कई विशेषताएं होती हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं -
1. प्राकृतिक संसाधनों में विविधता पाई जाती है।
2. यह प्रकृति द्वारा मनुष्य को प्राप्त निःशुल्क उपहार है।
3. प्राकृतिक संसाधन निष्क्रिय होते हैं परंतु जब यह मनुष्य के संपर्क में आते हैं तो सक्रिय होकर मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं जिससे मनुष्य अपने सभी कार्य कर पाता है।
4. प्रकृति में कई ऐसे प्राकृतिक संसाधन है जिनका भंडार सीमित है जैसे कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, लकड़ी इत्यादि परंतु कुछ ऐसे प्राकृतिक संसाधन है जिनका भंडारा असीमित है जैसे जलवायु और सौर ऊर्जा।
5. प्राकृतिक संसाधन किसी न किसी रूप में देश के आर्थिक विकास में मदद करते ही हैं।
6. प्रकृति में पाए जाने वाले कुछ प्राकृतिक संसाधन जिनका तेजी से दहन हो रहा है जिनमें से कुछ की मात्रा समाप्ति के कगार पर आ गई है अतः समय रहते इनके संरक्षण पर ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है यदि ध्यान नहीं दिया तो मानव के अस्तित्व में खतरा पैदा हो सकता है।
प्राकृतिक संसाधनों के अंतर्गत निम्नलिखित चार शीर्षक आते हैं-
नवीकरणीय संसाधन (Renewable Resources)
प्राकृतिक संसाधन के कई विशेषताएं होती हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं -
1. प्राकृतिक संसाधनों में विविधता पाई जाती है।
2. यह प्रकृति द्वारा मनुष्य को प्राप्त निःशुल्क उपहार है।
3. प्राकृतिक संसाधन निष्क्रिय होते हैं परंतु जब यह मनुष्य के संपर्क में आते हैं तो सक्रिय होकर मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं जिससे मनुष्य अपने सभी कार्य कर पाता है।
4. प्रकृति में कई ऐसे प्राकृतिक संसाधन है जिनका भंडार सीमित है जैसे कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, लकड़ी इत्यादि परंतु कुछ ऐसे प्राकृतिक संसाधन है जिनका भंडारा असीमित है जैसे जलवायु और सौर ऊर्जा।
5. प्राकृतिक संसाधन किसी न किसी रूप में देश के आर्थिक विकास में मदद करते ही हैं।
6. प्रकृति में पाए जाने वाले कुछ प्राकृतिक संसाधन जिनका तेजी से दहन हो रहा है जिनमें से कुछ की मात्रा समाप्ति के कगार पर आ गई है अतः समय रहते इनके संरक्षण पर ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है यदि ध्यान नहीं दिया तो मानव के अस्तित्व में खतरा पैदा हो सकता है।
प्राकृतिक संसाधनों के अंतर्गत निम्नलिखित चार शीर्षक आते हैं-
- भूमि संसाधन
- जल संसाधन
- शक्ति संसाधन
- खनिज संसाधन
- नवीकरणीय संसाधन
- अनवीकरणीय संसाधन
नवीकरणीय संसाधन (Renewable Resources)
ऐसे संसाधन जो उपभोग के पश्चात सापेक्षिक तीव्र प्राकृतिक चक्रों के माध्यम से पुनः उत्सर्जित हो जाते हैं नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण के लिए ऑक्सीजन का निरंतर उपयोग होता रहता है किंतु इसका पुनः उत्सर्जन प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा भी होता रहता है अर्थात् मनुष्य हर रोज ऑक्सीजन का प्रयोग श्वसन में करता है लेकिन वातावरण में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है क्योंकि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा पौधे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते रहते है और वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अपने श्वसन के लिए इस्तेमाल करते रहते हैं। इस प्रकार ऑक्सीजन एक नवीकरणीय संसाधन है। सभी नवीकरणीय संसाधन प्राकृतिक चक्रों द्वारा पुनः प्राप्त किए जा सकते हैं। कुछ नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन इस प्रकार हैं जैसे- जल, वायु, वन, पौधे, पशु-पक्षी, सूर्य-प्रकाश, पवन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, मृदा आदि।
सभी नवीकरणीय संसाधनों को पुनः दो भागों में विभाजित किया जा सकता है- निर्जीव नवीकरणीय संसाधन और सजीव नवीकरणीय संसाधन।
अनवीकरणीय संसाधन (Non-Renewable Resources)
सभी नवीकरणीय संसाधनों को पुनः दो भागों में विभाजित किया जा सकता है- निर्जीव नवीकरणीय संसाधन और सजीव नवीकरणीय संसाधन।
- निर्जीव नवीकरणीय संसाधन- वायु, जल, मृदा, सूर्य आदि यह कुछ निर्जीव नवीकरणीय संसाधनों के उदाहरण हैं।
- सजीव नवीकरणीय संसाधनों- इसके अंतर्गत पौधे, पशु सभी जैविक उत्पाद आते हैं जो प्राणियों से प्राप्त किए जाते हैं सजीव नवीकरणीय संसाधन माने जाते हैं। सभी नवीकरणीय संसाधन प्राकृतिक चक्रों द्वारा पुनः पूर्तित होते रहते हैं। प्रत्येक प्राकृतिक चक्र की सीमित शक्ति होती है। अतः यदि किसी संसाधन का उपयोग उसकी आपूर्ति की अपेक्षा तीव्र दर से किया जाए तो कुछ समय उपरांत वह समाप्त हो जाएगा।
अनवीकरणीय संसाधन (Non-Renewable Resources)
सभी धातुएं जैसे कोयला, कच्चा तेल, चूना पत्थर, संगमरमर, चट्टानी नमक, अभ्रक आदि अनवीकरणीय संसाधन है। खनिज संसाधन प्रकृति में बहुत ही मंद दर से बनते हैं। अनवीकरणीय संसाधन समाप्त होने वाले होते हैं अतः यदि इनका लगातार प्रयोग किया जाए तो यह खत्म हो सकते हैं।
अनवीकरणीय संसाधनों को पुनः दो उप भागों में वर्गीकृत किया जाता है-
• वे जिन का पुनःचक्रण किया जा सकता है
• वे जिनका पुनःचक्रण नहीं किया जा सकता है
सभी नवीकरणीय संसाधन एक दूसरे पर निर्भर हैं।
सभी नवीकरणीय संसाधनों की प्राकृतिक चक्रों द्वारा पुनः आपूर्ति होती रहती है। वह एक-दूसरे पर निर्भर भी करते हैं।
उदाहरण के लिए-
अनवीकरणीय संसाधनों को पुनः दो उप भागों में वर्गीकृत किया जाता है-
• वे जिन का पुनःचक्रण किया जा सकता है
• वे जिनका पुनःचक्रण नहीं किया जा सकता है
- जिन का पुनर्चक्रण किया जा सकता है जैसे धातुओं का अपशिष्ट भाग, कांच, कागज आदि इन सभी का पुनः चक्रण किया जा सकता है अर्थात इन सभी इस्तेमाल की गई वस्तुओं को दोबारा से इस्तेमाल करके कोई नया सामान बनाया जा सकता है।
- जिनका पुनर्चक्रण नहीं किया जा सकता है जैसे कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, यूरेनियम इत्यादि है सभी प्राकृतिक धातु में हैं इनका पुनर्चक्रण नहीं किया जा सकता है अर्थात यदि है एक बार इस्तेमाल हो गए तो दोबारा इनके इस्तेमाल किए हुए बचे अवशेषों से इन्हें नहीं बनाया जा सकता है।
सभी नवीकरणीय संसाधन एक दूसरे पर निर्भर हैं।
सभी नवीकरणीय संसाधनों की प्राकृतिक चक्रों द्वारा पुनः आपूर्ति होती रहती है। वह एक-दूसरे पर निर्भर भी करते हैं।
उदाहरण के लिए-
- पौधे वायु से कार्बन डाइऑक्साइड भूमि से जल लेकर सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया करके भोजन बनाते हैं। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन वायु में निरमुक्त होती है। पौधे श्वसन क्रिया के समय वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं।
- पौधों को उगने के लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है। पौधे मिट्टी से जल और खनिजों को प्राप्त करते हैं। पौधे भू-स्खलन को भी रोकते हैं तथा अच्छी वर्षा होने में तथा भूमिका जल की आपूर्ति में भी मदद करते हैं।
- पौधे परागण के लिए कीड़ों को आकर्षित करते हैं अतः कीड़ों की आवश्यकता परागण के लिए होती है। दूसरी और कीड़े पौधों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।
- सभी पशु श्वसन प्रक्रिया के समय वायु से ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं। वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड का प्रयोग पौधे प्रकाश संश्लेषण में करते है।
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