वर्नियर कैलिपर्स तथा स्क्रूगेज की अल्पतमांक (Least count of Vernier Calipers and Screw Gauges)
यह वह छोटी से छोटी दूरी होती है जिसे वर्नियर यथार्थता से पढ़ सकता है। अतः,
वर्नियर की अल्पतमांक = मुख्य पैमाने के एक भाग का मान / वर्नियर पैमाने पर भागों की कुल संख्या
मुख्य पैमाने के 1 भाग का मान 1 मिलीमीटर (=0.1 सेमी) है तथा वर्नियर पैमाने पर 10 भाग हैं। अतः,
वर्नियर की अल्पतमांक = 0.1 सेमी / 12 = 0.01 सेमी
वार्नियर कैलिपर्स की शून्यांक त्रुटि ज्ञात करना
इसके लिए हम दोनों पैमानों के जबड़ों को आपस में स्पर्श कराते हैं और देखते हैं कि दोनों पैमानों के शून्यांक एक सीध में हैं या नहीं। यदि यह एक सीध में नहीं हैं तो यन्त्र में शून्यांक त्रुटि है। यह दो प्रकार की हो सकती है -:
धनात्मक शून्यांक त्रुटि : यदि दोनों जबड़ों को मिलाने पर वर्नियर का शून्यांक मुख्य पैमाने के शून्यांक के दायीं ओर है तो शून्यांक-त्रुटि धनात्मक (+) होती है। इस स्थिति में यह देखते हैं कि वर्नियर पैमाने का कौन-सा चिन्ह मुख्य पैमाने के किसी चिन्ह की ठीक सीध में है। इस पढ़ी गई चिन्ह संख्या को वर्नियर की अल्पतमांक से गुणा कर देते हैं। उदाहरणार्थ, वर्नियर पैमाने का छठा चिन्ह मुख्य पैमाने के एक चिन्ह की सीध में है। अतः,
शून्यांक त्रुटि = वर्नियर का पढ़ा गया चिन्ह ✕अल्पतमांक
= 6 x 0.01 सेमी = +0.06 सेमी
धनात्मक शून्यांक त्रुटि : यदि दोनों जबड़ों को मिलाने पर वर्नियर का शून्यांक मुख्य पैमाने के शून्यांक के दायीं ओर है तो शून्यांक-त्रुटि धनात्मक (+) होती है। इस स्थिति में यह देखते हैं कि वर्नियर पैमाने का कौन-सा चिन्ह मुख्य पैमाने के किसी चिन्ह की ठीक सीध में है। इस पढ़ी गई चिन्ह संख्या को वर्नियर की अल्पतमांक से गुणा कर देते हैं। उदाहरणार्थ, वर्नियर पैमाने का छठा चिन्ह मुख्य पैमाने के एक चिन्ह की सीध में है। अतः,
शून्यांक त्रुटि = वर्नियर का पढ़ा गया चिन्ह ✕अल्पतमांक
= 6 x 0.01 सेमी = +0.06 सेमी
ऋणात्मक शून्यांक त्रुटि: यदि दोनों जबड़ों को मिलाने पर वर्नियर का शून्यांक मुख्य पैमाने के शून्यांक के बांयीं ओर है तो शून्यांक-त्रुटि ऋणात्मक (-) होती है। इस दशा में वर्नियर पैमाने का जो चिन्ह मुख्य पैमाने के किसी चिन्ह की सीध में हो उसे वर्नियर पर बने कुल भागों की संख्या में से घटा देते हैं और तब अल्पतमांक से गुणा करते हैं।
वर्नियर का चौथा चिन्ह मुख्य पैमाने के एक चिन्ह की सीध में है। अतः
शून्यांक त्रुटि = - (10 - 4 ) ✖अल्पतमांक
= - 6 x 0.01 सेमी =-0.06 सेमी।
शून्यांक त्रुटि को वस्तु की प्रेक्षित लम्बाई में से बीजगणित के नियम से घटाने पर वस्तु की वास्तविक लमबाई प्राप्त हो जाती है।
स्क्रूगेज अथवा पेंचमापी की अल्पतमांक
जब हम किसी एकसमान चूड़ी वाले ढिबरी में एक पेंच को घुमाते हैं तो पेंच की नोंक एक सरल रेखा में आगे या पीछे की ओर चलती है। यह दूरी, पेंच के सिरे के घुमाव के अनुक्रमानुपाती होती है तथा पेंच के सिरे के एक पूर्ण चक्कर के लिए इसका मान नियत होता है।अतः पेंच के सिरे को एक पूरा चक्कर घुमाने में पेंच की नोक जितना आगे या पीछे चलती है उसे पेंच का चूड़ी-अंतराल (Pitch) कहते हैं।
यह पेंच की पास-पास वाली दो चूड़ियों के बीच की लम्बवत् दूरी के बराबर होता है। S चूड़ी-अन्तराल है। (चित्र में ⬇)
मान लो पेंच के सिरे की परिधि को n बराबर भागों में बाँटा गया है तथा पेंच का चूड़ी-अन्तराल S है। इसका अर्थ यह है कि पेंच को एक पूरा चक्कर (n भाग) घुमाने में पेंच का सिरा, S दूरी तय करता है। अतः पेंच का 1 भाग घुमाने पर पेंच का सिरा S दूरी तय करेगा। यही वह छोटी से छोटी दूरी है जिसे हम पेंच की सहायता से माप सकते हैं। अतः इसे पेंच की 'अल्पतमांक' (least count) कहते हैं। इस प्रकार,
अल्पतमांक = पेंच का चूड़ी- अन्तराल / पेंच पर बने भागों की संख्या
माना पेंच का सिरा एक चक्कर घुमाने में 1 मिमी आगे या पीछे चलता है तथा पेंच की परिधि 100 भागों में विभाजित है। तब,
यदि पेंच का चूड़ी अन्तराल (0.5 मिमी है अर्थात् पेंच का सिरा दो पूरे चक्कर घुमाने पर 1 मिमी चलता है तथा पेंच की परिधि 100 भागों में विभाजित है, तब
अल्पतमांक = पेंच का चूड़ी- अन्तराल / पेंच पर बने भागों की संख्या
माना पेंच का सिरा एक चक्कर घुमाने में 1 मिमी आगे या पीछे चलता है तथा पेंच की परिधि 100 भागों में विभाजित है। तब,
पेंच की अल्पतमांक =1 मिमी/100
= 0-1 सेमी / 100
= 0-001 सेमी
यदि पेंच का चूड़ी अन्तराल (0.5 मिमी है अर्थात् पेंच का सिरा दो पूरे चक्कर घुमाने पर 1 मिमी चलता है तथा पेंच की परिधि 100 भागों में विभाजित है, तब
अल्पतमांक = 0.5 मिमी/100
= 0.05 सेमी/100
= 0.0005 सेमी
शून्यांक त्रुटि ज्ञात करना
शून्यांक त्रुटि को लिए शीर्ष को रैचिट की सहायता से इतना घुमाते हैं कि पेंच का समतल सिरा सामने के तल से स्पर्श कर जाये।
इस समय यदि शीर्ष पैमाने का शून्यांक,
1. मुख्य पैमाने के शून्यांक से नहीं मिलता तो स्क्रूगेज में शून्यांक त्रुटि है।
2. यदि शीर्ष पैमाने का शून्यांक, मुख्य पैमाने की आधार रेखा से पीछे रह गया हो तो शून्यांक-त्रुटि धनात्मक (+) होती है।
3. यदि शीर्ष पैमाने का शून्यांक, मुख्य पैमाने की आधार रेखा से आगे निकल गया हो तो शून्यांक त्रुटि ऋणात्मक (-) होती है।
इस समय यदि शीर्ष पैमाने का शून्यांक,
1. मुख्य पैमाने के शून्यांक से नहीं मिलता तो स्क्रूगेज में शून्यांक त्रुटि है।
2. यदि शीर्ष पैमाने का शून्यांक, मुख्य पैमाने की आधार रेखा से पीछे रह गया हो तो शून्यांक-त्रुटि धनात्मक (+) होती है।
3. यदि शीर्ष पैमाने का शून्यांक, मुख्य पैमाने की आधार रेखा से आगे निकल गया हो तो शून्यांक त्रुटि ऋणात्मक (-) होती है।
तब यह देखते हैं कि शीर्ष पैमाने का कौन-सा चिन्ह मुख्य पैमाने की आधार-रेखा की सीध में है। यदि शून्यांक-त्रुटि धनात्मक हो तो इस संख्या को अल्पतमांक से गुणा कर देने पर शून्यांक-त्रुटि का मान निकल आता है। यदि शून्यांक-त्रुटि ऋणात्मक हो, तो शीर्ष पैमाने पर पढ़ी हुई चिन्ह संख्या को पैमाने पर बने चिन्हों की कुल संख्या में से घटाने के बाद अल्पतमांक से गुणा करते हैं।
धनात्मक शून्यांक त्रुटि = 5 ✕ 0.001 सेमी = + 0.005 सेमी ।
ऋणात्मक शून्यांक - त्रुटि = - (100 - 98) ✕ 0.001 सेमी = - 0.002 सेमी
उपर्युक्त विधियों द्वारा हम सुन यांग त्रुटि निकाल सकते हैं तथा उनके अनुप्रयोगों का प्रयोग करके किसी भी पैमाने के धनात्मक अथवा गुणात्मक शून्यांक त्रुटियां निकाल सकते हैं।
धनात्मक शून्यांक त्रुटि = 5 ✕ 0.001 सेमी = + 0.005 सेमी ।
ऋणात्मक शून्यांक - त्रुटि = - (100 - 98) ✕ 0.001 सेमी = - 0.002 सेमी
उपर्युक्त विधियों द्वारा हम सुन यांग त्रुटि निकाल सकते हैं तथा उनके अनुप्रयोगों का प्रयोग करके किसी भी पैमाने के धनात्मक अथवा गुणात्मक शून्यांक त्रुटियां निकाल सकते हैं।
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