उपसहसंयोजक बन्ध (Co-ordinate Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


उपसहसंयोजक बन्ध (Coordinate Bond) : परिभाषा, उदाहरण

उपसहसंयोजक बन्ध (Co-ordinate Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


परिभाषा

दो परमाणुओं के मध्य दो इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी द्वारा जब एक रासायनिक बन्ध इस प्रकार बनता है कि साझे के दोनों इलेक्ट्रॉन उनमें से किसी एक परमाणु द्वारा दिये जायें तो इस प्रकार के बन्ध को उपसहसंयोजक बन्ध कहते हैं।

जिन यौगिकों में उपसह-संयोजक बन्ध होते हैं, उन्हें उपसहसंयोजक यौगिक (coordinate compounds) कहते हैं। साझे में इलेक्ट्रॉन देने वाले परमाणु को दाता (donor) परमाणु कहते हैं तथा दूसरे परमाणु को ग्राही (acceptor) परमाणु कहते हैं। दाता परमाणु तथा ग्राही परमाणु के बीच का उपसह-संयोजक बन्ध दाता परमाणु से ग्राही परमाणु की ओर तीर के चिन्ह (→) से प्रदर्शित किया जाता है। यदि A दाता परमाणु तथा B ग्राही परमाणु है तो उनके बीच का उपसह-संयोजक बन्ध निम्न रूप से प्रदर्शित किया जाता है


A: + B = A : B    या       A B

किसी तत्व के एक परमाणु द्वारा बनाये गये उपसह-संयोजक बन्धों की संख्या उस तत्व की उपसह-संयोजकता (co-ordinate valency) कहलाती है।

उपसह-संयोजक बन्ध बनाने की कार्यविधि (mechanism) इस प्रकार समझायी जा सकती है- पहले दाता परमाणु, ग्राही परमाणु को स्थानान्तरण द्वारा एक इलेक्ट्रॉन दे देता है। इसके फलस्वरुप दाता परमाणु पर इकाई धनावेश तथा ग्राही परमाणु पर इकाई ऋणावेश आ जाता है तथा दोनों परमाणुओं के बीच में एक वैद्युत-संयोजक बन्ध बन जाता है। इसके बाद दोनों परमाणु एक-एक इलेक्ट्रॉन का साझा करके एक सह-संयोजक बन्ध बनाते हैं। अतः

एक उपसह-संयोजक बन्ध = एक वैद्युत-संयोजक बन्ध + एक सह-संयोजक बन्ध

दूसरे शब्दों में, यदि किसी तत्व की उपसह-संयोजकता 1 है तो उसकी वैद्युत-संयोजकता तथा सह-संयोजकता भी एक-एक होंगी तथा उसकी कुल संयोजकता 2 होगी। इस कारण उपसह-संयोजक बन्ध को अर्द्ध-ध्रुवीय (semi-polar) बन्ध भी कहते हैं। यदि दो परमाणुओं A तथा B के मध्य एक उपसह-संयोजक बन्ध है, A दाता परमाणु तथा B ग्राही परमाणु है, तो उपसह-संयोजक बन्ध को निम्न रुप में भी प्रदर्शित किया जा सकता है

A B             या          A+ B-


उपसहसंयोजक बन्ध के उदाहरण

1.  NH3 तथा BF3 के मध्य बना बन्ध - NH3 अणु में N की अष्टक पूर्ण है। इन आठ इलेक्ट्रॉनों में तीन बन्धन इलेक्ट्रॉन युग्म (bond pair of electrons) तथा एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म (lone pair of electrons) हैं। किसी परमाणु के संयोजी कोश में स्थित इलेक्ट्रॉनों के वे युग्म जो साझेदारी में प्रयुक्त हो चुके हैं, बन्धन इलेक्ट्रॉन युग्म तथा वे युग्म जो साझेदारी में प्रयुक्त नहीं हुए हैं, एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म कहलाते हैं। BF3 अणु में B के संयोजी कोश में केवल छ: इलेक्ट्रॉन हैं।

उपसहसंयोजक बन्ध (Co-ordinate Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


जब NH3 तथा BF3 का संयोग होता है तो NH3 तथा BF3 के मध्य एक उपसह-संयोजक बन्ध बन जाता है।

उपसहसंयोजक बन्ध (Co-ordinate Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


इस क्रिया में नाइट्रोजन परमाणु का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म N तथा B के मध्य साझेदारी में प्रयुक्त होता है। अत: N दाता परमाणु तथा B ग्राही परमाणु है। इस प्रकार N के संयोजी कोश में तो आठ इलेक्ट्रॉन ही रहते हैं, B के संयोजी कोश में भी आठ इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं तथा B भी स्थायी संरचना प्राप्त कर लेता है।


2.
अमोनियम (NH+4) आयन - अमोनियम आयन में अमोनिया तथा प्रोटॉन के मध्य एक उपसह-संयोजक बन्ध है। NH3 में N पर एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म है जो यह साझे के लिए दे सकता है। H+ की इलेक्ट्रॉनिक संरचना स्थायी है लेकिन यह एक इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करके एक अन्य प्रकार (हीलियम) की स्थायी संरचना प्राप्त कर लेता है।

उपसहसंयोजक बन्ध (Co-ordinate Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi



उपसहसंयोजक बन्ध (Co-ordinate Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi

जब NH3 तथा HCI का संयोग होता है तो NH3 का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म HCI का H+ ग्रहण कर लेता है तथा NH4 + व CI- आयन परस्पर स्थिर वैद्युत आकर्षण से जुड़ जाते हैं।


3. सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के एक अणु में एक सल्फर तथा दो ऑक्सीजन परमाणुओं के मध्य एक-एक उपसह-संयोजक बन्ध है। सल्फ्यूरिक अम्ल अणु का इलेक्ट्रॉन बिन्दु सूत्र तथा इसकी बन्ध संरचना निम्नलिखित है-
उपसहसंयोजक बन्ध (Co-ordinate Bond) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


सल्फर तथा ऑक्सीजन के परमाणुओं के बाह्य कोशों में छ:-छ: इलेक्ट्रॉन होते हैं। सल्फ्यूरिक अम्ल के अणु में सल्फर परमाणु अपनी अष्टक पूर्ण करने हेतु दो ऑक्सीजन परमाणुओं से एक-एक सह-संयोजक बन्ध बना लेता है। अन्य दो ऑक्सीजन परमाणुओं से रासायनिक संयोग करने के लिए सल्फर परमाणु ऑक्सीजन के अन्य दो परमाणुओं से एक-एक उपसह-संयोजक बन्ध बना लेता है जिसके कारण इसके बाह्य कोश के इलेक्ट्रॉनों की संख्या तो आठ ही रहती है परन्तु अन्य दो ऑक्सीजन के परमाणुओं के अष्टक (octet) भी पूर्ण हो जाते हैं।


FAQs

1. उपसहसंयोजक यौगिक किसे कहते हैं?
Ans. उपसहसंयोजक यौगिक वे रासायनिक यौगिक होते हैं जिनमें एक केंद्रीय परमाणु (जिसे धातु परमाणु भी कहा जाता है) होता है जो इलेक्ट्रॉन युग्मों (उपसहसंयोजक बंध) द्वारा अन्य परमाणुओं (जिन्हें लिगैंड (Ligand) कहा जाता है) से जुड़ा होता है।


2. उपसहसंयोजक समावयवता क्या है?
Ans. उपसहसंयोजक समावयवता एक ही रासायनिक सूत्र वाले यौगिक होते है, जिनमें स्थानिक व्यवस्था भिन्न होती है। यह तब होता है जब केंद्रीय परमाणु या आयन के चारों ओर लिगैंड (Ligand) भिन्न तरीकों से जुड़े होते हैं।


3. आइसोमर्स कैसे बनते हैं?
Ans. आइसोमर्स कई तरीकों से बनते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • संरचनात्मक समावयवता: जब लिगैंडों (Ligand) की स्थानिक व्यवस्था भिन्न होती है।
  • आयनी समावयवता: जब धनायन और ऋणायन एक दूसरे से अपना स्थान बदलते है।
  • संयोजन समावयवता: जब कई लिगैंडों (Ligand) उपस्थिति होते है।
  • ज्यामितीय समावयवता: जब लिगैंडों (Ligand) की ज्यामितीय व्यवस्था भिन्न होती है।


4. उप संयोजक बंध क्या है?
Ans. उप संयोजक बंध एक रासायनिक बंध होता है जो इलेक्ट्रॉन युग्मों के साझाकरण द्वारा बनता है। यह बंध धातु परमाणु और लिगैंड (Ligand) के बीच बनता है।


5. उपसहसंयोजक बंध कैसे बनता है?
Ans. उपसहसंयोजक बंध तब बनता है जब दो परमाणुओं के बीच आकर्षण बल इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षण बल से अधिक होता है। इसके लिए इन दोनों परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन युग्म साझा करने की प्रवृत्ति भी होनी चाहिए।

No comments:

Post a Comment