अनुत्क्रमणीय तथा उत्क्रमणीय अभिक्रिया (Irreversible and Reversible Reactions) क्या है?
अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ (Irreversible Reactions)
जब पोटैशियम क्लोरेट (KClO3) को गरम किया जाता है तब पोटैशियम क्लोराइड (KCl) तथा ऑक्सीजन प्राप्त होते हैं। पोटैशियम क्लोराइड तथा ऑक्सीजन को किसी भी अनुपात अथवा किन्ही भी अवस्थाओं में मिलाने पर पुनः पोटैशियम क्लोरेट प्राप्त नहीं कर सकते हैं।2KClO3 → 2KCl + 3O2
BaCl2 + Na2SO4 → BaSO4↓ + 2NaCl
इन अभिक्रियाओं में अभिकारक (reactants) लगभग पूर्ण रूप से उत्पादों (products) में परिवर्तित हो जाते हैं। इन अभिक्रियाओं के उत्पादों को किसी भी अनुपात अथवा किन्हीं भी अवस्थाओं में मिलाने पर पुनः अभिकारक प्राप्त नहीं किय जा सकते हैं।
अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाओं के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित है-
(i) 2Na + 2H2O → 2NaOH + H2 ↑
(ii) NaCl + AgNO3 ⟶ AgCI↓ + NaNO3
(iii) SnCl2 + 2FeCl3 → SnCl4 + 2FeCl2
(iv) l2 + 2Na2S2O3 → 2Nal + Na2S406
उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ (Reversible Reactions)
जब लाल तप्त लोहे पर भाप प्रवाहित की जाती है तो लोहे का चुम्बकीय ऑक्साइड (Fe3 O4) तथा हाइड्रोजन गैस प्राप्त होते हैं।3Fe + 4H2O ⟶ Fe3O4 + 4H2
Fe3O4 + 4H2 ⟶ 3Fe + 4H2O
उत्क्रमणीय अभिक्रियाओं की रासायनिक समीकरणों में तीर या बराबर के चिन्ह के स्थान पर उत्क्रमणीयता का चिन्ह (⇌) लगाया जाता है। इन समीकरणों में जो अभिक्रिया बायीं से दायीं ओर प्रदर्शित होती है वह अग्र अभिक्रिया (forward reaction) कहलाती है तथा जो अभिक्रिया दायों से बायीं ओर प्रदर्शित होती है वह विपरीत अभिक्रिया (backward reaction) कहलाती है। उपरोक्त दोनों अभिक्रियाओं को एक साथ लिखने पर निम्न समीकरण प्राप्त होती है-
3Fe + 4H2O ⇌ Fe3O4 + 4H2
इस प्रकार यदि एक खुली नलिका में लोहे के चुम्बकीय ऑक्साइड की तप्त अवस्था में उस पर हाइड्रोजन गैस प्रवाहित की जाये तो यह लगभग पूर्ण रूप से लोहे में परिवर्तित हो जाता है। इस दशा में उपरोक्त समीकरण में प्रदर्शित विपरीत अभिक्रिया लगभग पूर्णता प्राप्त करती है। इस दशा में अभिक्रिया के फलस्वरूप बनी जल वाष्प बाहर निकलती रहती है तथा अग्र अभिक्रिया के अभिकारक साथ-साथ उपलब्ध नहीं रह पाते हैं।
यदि इस प्रकार की अभिक्रियाओं को एक बन्द पात्र (closed vessel) में कराया जाये तो वे कभी भी पूर्णता की अवस्था में नहीं पहुँचती हैं। यदि अग्र अथवा विपरीत अभिक्रिया को एक बन्द पात्र में कराया जाये तो अभिक्रिया दोनों दिशाओं में होने लगती है तथा कुछ समय बाद दोनों अभिक्रियाओं के मध्य एक साम्यावस्था स्थापित हो जाती है। इसके बाद अभिकारकों तथा उत्पादों की मात्राएँ स्थिर रहती हैं तथा समय के साथ परिवर्तित नहीं होती हैं।
उत्क्रमणीय अभिक्रियाओं के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित है-
- PCl5 ⇌ PCl3 + Cl2
- H2 + l2 ⇌ 2HI
- NH4 Cl ⇌ NH3 + HCI
- N2 + 3H2 ⇌ 2NH3
- CH3COOH + C2H5OH ⇌ CH3COOC2H5 + H2O
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